छत्तीसगढ़

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मुश्ताक खान
मिट्टी से बनाए गए बर्तनों अथवा मूर्तियों को जब आग में पका लिया जाता है, तब वे मृणशिल्प कहलाते हैं। मिट्टी का काम संभवतः विश्व की प्राचीनतम कलाओं में से एक है। आज से लगभग साढ़े ४००० साल पहले, सिंधु घाटी की सभ्यता के समय, भारत में मृणशिल्प कला अपने चरम पर थी। पकाई गयी मिट्टी से बनी, जितनी विविधतापूर्ण…
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चन्द्रशेखर चकोर
छत्तीसगढ़ी खेल गीत फुगड़ी फुगड़ी छत्तीसगढ़ के ग्राम्य जीवन में प्रचलित व्यक्तिगत अर्थात एकल लोक खेल है। इसमें किसी तरह की सामग्री नहीं होती है और न ही लम्बा चौड़ा मैदान। फुगड़ी का खेल घर के अंदर आंगन या बराम्दे में खेला जाता है। ग्रामीण खेलों की विशाल संस्कृति में फुगड़ी मात्र खेल न होकर नारी उत्पीड़न का…
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चन्द्रशेखर चकोर
छत्तीसगढ़ एक कृषि-प्रधान राज्य है। यहाँ के ज़्यादातर लोग गाँवों में निवास करते हैं और अपने जीवन यापन के लिए कृषि पर ही निर्भर होते हैं। मध्य छत्तीसगढ़ से परे उत्तरी छत्तीसगढ़ के पाँच जिले व दक्षिणी छत्तीसगढ़ के छः जिले वन संपदा व पर्वत से घिरे हुए हैं। इसके बावजूद भी इस भूभाग में कृषि बेहतर ढंग से…
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चन्द्रशेखर चकोर
छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति अत्यंत आकर्षक है। पारम्परिक लोक खेल इसकी  विशिष्ट विधाओं में से एक है । पारम्परिक लोक खेल वह खेल हैं  जिनकी परम्परा हज़ारों वर्ष पुरानी होती है, यह खिलाड़ियों के मनोरंजन हेतु खेलते-खेलते एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तांतरित होते रहे हैं। जिनके लिए न खिलाड़ी शब्द अनिवार्य होता…
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मुश्ताक खान
Bastar District in Chhattisgarh is home to many tribal groups. None have significant painting traditions. The Gond, Muria and Madia (Maria), the main tribal groups of the area, have a fine tradition of woodcarving but do not have a well-established painting tradition. The Bhatra and Parja tribes…
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मुश्ताक खान
छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र अपनी कला विरासत के लिए प्रसिद्ध है। यहां आदिवासी एवं गैर आदिवासी संस्कृति का मिलाजुला अध्भुत आंचलिक स्वरूप देखने को मिलता है। संस्कृति के इस आंचलिक स्वरूप के दर्शन यहाँ की आदिवासी-लोक कलाओं में स्पष्ट परिलक्षित होते हैं। यहाँ की कला परम्परा में आदिवासी तथा लोक तत्व इतने…
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आशीष सिंह
  उपलब्ध विवरण के आधार पर छत्तीसगढ रायपुर के स्वतंत्रता सेनानियों की जीवनी एवं सूची यहाँ प्रस्तुत की जा रही है।     नारायण सिंह वर्ष 1856 में छत्तीसगढ़ में भीषण अकाल पड़ा था। जमींदार नारायण सिंह की प्रजा के समक्ष भूखों मरने की स्थिति थी। उन्होंने अपने गोदाम से अनाज लोगों को बांट दिया, लेकिन वह मदद…
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आशीष सिंह
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आशीष सिंह
छत्तीसगढ़ में जंगल के संघर्ष का इतिहास पुराना है। छत्तीसगढ़ में जंगल सत्याग्रह की घटनाएं ब्रिटिश शासन के फरमान का नतीजा थीं। ब्रिटिश सरकार के भारतीय कारिन्दे उनके आदेशों का पालन करवाने के लिए अमानवीय रवैया अपना रहे थे। इससे इस संघर्ष को अधिक बल मिला।      नगरी-सिहावा जंगल सत्याग्रह: वर्ष 1920 नगरी-…
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