Sarguja

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अजय कुमार चतुर्वेदी
भारत के हृदय स्थल मध्यप्रदेश के दक्षिणपूर्व भाग में ‘धान का कटोरा’ छत्तीसगढ़ राज्य स्थित है। छत्तीसगढ़ के उत्तरांचल में आदिवासी बहुल संभाग सरगुजा है। सरगुजा की लोक संस्कृति के नाम से संपूर्ण छत्तीसगढ़ की एक अलग पहचान है। अंचल सरगुजा की बात की जाये तो यह पांच जिलों का प्रतिनिधित्व करता है। सरगुजा…
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मुश्ताक खान
  छत्तीसगढ़ की पूर्वी सीमा पर बिहार से सटा हुआ सरगुजा अंचल मृणशिल्प की दृष्टि से अत्यन्त सम्पन्न है। सारे सरगुजा क्षेत्र में घरों की छतें  खपरैलों की बनाई जाती हैं। गांवो के अधिकांश लोग मई और जून में खेती का कोई काम न होने के कारण अपने लिए खपरैल स्वयं बनाते हैं। परन्तु मिटटी के बर्तन और…
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Ayesha Ahmad Khan
  यह वीडियो श्रृंखला का हिस्सा है सरगुजा रासोई: आयशा अहमद खान। यह सरगुजा, छत्तीसगढ़ में आलू भर्ता को बनाने का तरीका दिखाता है। This video is a part of the series Sarguja Rasoi: Ayesha Ahmad Khan. It demonstrates the way of making Aloo Bharta in Sarguja, Chhattisgarh. This content has been…
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Ayesha Ahmed Khan
  यह वीडियो श्रृंखला का हिस्सा है सरगुजा रासोई: आयशा अहमद खान। यह सरगुजा, छत्तीसगढ़ में अनरसा को बनाने का तरीका दिखाता है। This video is a part of the series Sarguja Rasoi: Ayesha Ahmad Khan. It demonstrates the way of making Anarasa in Sarguja, Chhattisgarh.   Recipe for Anarasa सामग्री…
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Ayesha Ahmed Khan
लकड़ा के फूलों की चटनी की सामग्री , लहसुन एवं हरी मिर्च।       भारत के हर राज्य की अपनी अलग अलग पहचान है। हर राज्य का खान पान एक होते हुए भी अलग हो जाता है, कयूं कि अगर हम विभिन्न खानों की सामग्री देखेंगे तो बहोत कुछ मिलती जुलती है,पर नाम बदल जाते हैं और पाक विधि भी बदल जाती है,…
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Ayesha Ahmed Khan
  छत्तीसगढ़ का स्मरण करते ही मानस पटल पर अनेक चित्र उभर जाते है। कितने राज वंश जिन्होंने यहाँ राज्य किया - नंद, मौर्य, वकाटक, नल, पांडु  शरभपुरीय, सोम, कलचुरी, नाग, गोंड तथा मराठा, अपनी छाप और खान पान छोड़े और मर खप गये। छत्तीसगढ़ अपनी खनिज संपदा एवं वन संपदा के साथ-साथ खन पान के लिये भी…
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छत्तीसगढ़ अपनी खनिज संपदा एवं वन संपदा के साथ-साथ खानपान के लिये भी प्रसिद्ध है। किसी भी प्रान्त का खान-पान वहां की भौगोलिक स्थिति, जलवायु और वहां होने वाली फसलों पर निर्भर करता है। छत्तीसगढ़ एक वर्षा और वन बहुल प्रान्त है, यहाँ धान, हरी भाजी-सब्जियां और मछली का उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है और यही…
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अजय कुमार चतुर्वेदी
सरगुजिहा लोक गीतों में वर्षा   मानव जीवन में ऋतुओं का विशेष महत्व है। उनमें एक है वर्षा ऋतु। वर्षा ऋतु को पावस ऋतु, बरखा ऋतु, बरसात ऋतु व जीवन दायिनी ऋतु के नाम से भी जाना जाता है। इस ऋतु में सभी प्रांत के लोग अपनी-अपनी स्थानीय बोलियों में वर्षा लोकगीतों का गायन करते हैं। सरगुजा अंचल की…
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