छत्तीसगढ़

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डॉ. राम कुमार बेहार
     दसमत मंदिर, ओढ़ार गांव, दुर्ग जिला, छत्तीसगढ़     लोक संस्कृति व लोक साहित्य लोक अभिव्यक्ति के महत्वपूर्ण साधन होते हैं। छत्तीसगढ़ प्राँत, मुख्यतः अदिवासी व ग्रामीण पृष्ठभूमि वाला है ये दोनों तत्व लोक संस्कृति के संवर्धन के लिए महत्वपूर्ण तत्व माने गए हैं। छत्तीसगढ़ प्राँत में अनेक जनजातियाँ हैं…
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मुश्ताक खान
हाट बाजार में बंजारा शिल्प की दुकान , जगदलपुर। २०१८    बंजारा समुदाय अपनी स्त्रियों के रंग बिरंगे वस्त्रों और चांदी के बने भारी –भरकम गहनों के लिए जाना जाता है। बंजारा स्त्रियां चमकीले लाल , नीले ,पीले कपड़ों पर मोटे सूती धागे से की गयी कशीदाकारी और शीशों के जड़ाव से सजे वस्त्र पहनना पसंद करतीं हैं।…
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मुश्ताक खान
  बंजारा शब्द ही अपने आप में एक पूरी जीवन शैली और संस्कृति समेटे हुए है। यह सम्बोधन सुनते ही एक ऐसे व्यक्ति अथवा समुदाय की तस्वीर मस्तिष्क में उभरती है जो घुमक्कड़ ,अस्थाई डेरा डालने वाले ,रंग –बिरंगे चमकीले कपड़े और चांदी के बड़े और भारी गहने पहने छोटी –मोटी चीजों का व्यापार करता है। एक समय भारत ही…
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मुश्ताक खान
  बंजारा शब्द ही अपने आप में एक पूरी जीवन शैली और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता  है। एक समय भारत ही क्या समूचे विश्व व्यापर में इनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है। छत्तीसगढ़ में बंजारों की उपस्थिति अथवा यहाँ के समाजिक जीवन में उनकी उनकी भूमिका के उल्लेख यहाँ प्रचलित मध्ययुगीन कथा –कहानियों में मिलते हैं…
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अजय कुमार चतुर्वेदी
सरगुजिहा लोक गीतों में वर्षा   मानव जीवन में ऋतुओं का विशेष महत्व है। उनमें एक है वर्षा ऋतु। वर्षा ऋतु को पावस ऋतु, बरखा ऋतु, बरसात ऋतु व जीवन दायिनी ऋतु के नाम से भी जाना जाता है। इस ऋतु में सभी प्रांत के लोग अपनी-अपनी स्थानीय बोलियों में वर्षा लोकगीतों का गायन करते हैं। सरगुजा अंचल की सरगुजिहा…
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अजय कुमार चतुर्वेदी
  सरगुजा अंचल में गंगा दशहरा को ‘गंगा दसराहा’ के नाम से जाना जाता है। इस अवसर पर पांच दिनों तक दशहरा मेले का आयोजन किया जाता है। मेले में झूला, खिलौने, दैनिक उपयोग की वस्तुएं, फल और मिठाईयों की दुकानें सजी हुई रहती हैं। दसराहा मेला में पान की दुकानों का विशेष आकर्षण रहता है। क्योंकि इस दिन पान खाने…
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This module is part of series of modules on performing genres from Chhattisgarh. They seek to reflect the richness of oral epics and folklore traditions from this region, and the modes in which they are performed and recited. The focus is the documentation of the entire epic or tale  known orally…
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राहुल कुमार सिंह
    विविधतापूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य में विभिन्न स्वरूप के मेलों का लंबा सिलसिला है, इनमें मुख्यतः उत्तर-पूर्वी क्षेत्र यानि जशपुर-रायगढ़ अंचल में जतरा अथवा रामरेखा, रायगढ़-सारंगढ़ का विष्णु यज्ञ- हरिहाट, चइत-राई और व्यापारिक मेला, कटघोरा-कोरबा अंचल का बार, दक्षिणी क्षेत्र यानि बस्तर के जिलों में मड़ई…
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राहुल कुमार सिंह
  ग्रामीण क्षेत्रो के मेले जनसामान्य के मेल मिलाप का आयोजन एवं मनोरंजन स्थल तो होते ही हैं साथ ही वे व्यापर का महत्वपूर्ण अवसर भी होते  हैं। अधिकांशतः मेले किसी पर्व , त्यौहार , पूजा अदि से सम्बद्ध होते हैं जिनका आयोजन पूर्व निर्धारित तिथियों एवं स्थान पर होता हैं। बस्तर क्षेत्र में प्रचलित हल्बी…
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