छत्तीसगढ़

Displaying 21 - 30 of 67
प्रो.आभा रूपेन्द्र पाल
छत्तीसगढ़ में गांधीवादी आन्दोलन और महिलाएँ भारत का स्वाधीनता आन्दोलन बीसवीं शताब्दी की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। महात्मा गांधी के भारत आगमन के पश्चात् राष्ट्रीय आन्दोलन ने एक नया मोड़ लिया और उनके नेतृत्व में होने वाले आन्दोलनों ने भारतीय समाज सुधारकों के सपनों को साकार किया। नारी उत्थान…
in Article
मुश्ताक खान
बस्तर के पारम्परिक आहार   हम सभी मानते हैं कि किसी भी प्रान्त का खान -पान वहां की भौगोलिक स्थिति , जलवायु और वहां होने वाली फसलों पर निर्भर करता है। छत्तीसगढ़ एक वर्षा और वन बहुल प्रान्त है, यहाँ धान ,हरी भाजी -सब्जियां और मछली का उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है और यही सामग्रियां यहाँ का मुख्य आहार…
in Article
आशीष सिंह
             1920: महात्मा गांधी का प्रथम छत्तीसगढ़ प्रवास   (दिसंबर १९२० में महात्मा गाँधी का   प्रथम  छत्तीसगढ़  प्रवास यद्यपि गाँधी वाङ्मय में उल्लेखित नहीं है ,किन्तु विभिन्न स्थानीय स्रोतों से पर्याप्त जानकारी मिलती है कि महात्मा गाँधी कंडेल नहर सत्याग्रह के तारतम्य में रायपुर आए और धमतरी ,…
in Article
                                                                  महात्मा गांधी के छत्तीसगढ़ आगमन एवं यहाँ उनके द्वारा की गयी गतिविधियां जनसामान्य को अपेक्षाकृत अल्पज्ञात हैं।  प्रस्तुत आलेखों से इस बारे में उपलब्ध सूचनारं प्रस्तुत की जा रही हैं।     महात्मा गाँधी का  दो बार  छत्तीसगढ़ आगमन हुआ पहली…
in Module
अशोक तिवारी
                                                                                    जलपान      चीला: चांउर पिसान. चावल के आटे को पानी में घोलकर, तवे पर हल्की आंच में तेल से सेंका गया, नमकीन चीला।   चीला: बेसन. बेसन को पानी में घोलकर, तवे पर हल्की आंच में तेल से सेंका गया, नमकीन चीला।     फरा:…
in Article
Team, Chhattisgarh Project
बांस गीत - लोरिक चंदा -छत्तीसगढ़ी  प्रस्तुति  गीत अरे भरका के भरेतिन सुमिरव,   डूमर के परेतिन ए न ए दे ठाकुर दिया ल सूमिरव,   मोर बोईर के चुरेलिन ए न    तरी हरी नाना, मोर नाना नाना ए भाई रे,    मोन नाना जंवरिहा मोर तरी हरी ना ना ए न   देवरी के निवासी अन मोर गूल्लू पोस्ट ऑफिस ए…
in Video
Mushtak Khan
चंदैनी का सारांश एवं चंदैनी गायक/कलाकार – रामाधार साहू का साक्षात्कार चंदैनी का सारांश :-   रामाधार साहू (रा.सा.): लोरिक एक गाय चराने वाला ग्वाला है। वह बहुत ही सुंदर और बलवान, राउत समाज का गौरव है। राजकुमारी चंदा जो बहुत ही सुंदर है, वह लोरिक के बांसुरी वादन से मोहित होकर उससे मन ही मन प्रेम करने…
in Interview
रामाधार साहू
  रामाधार  साहू द्वारा नचा शैली में लोरिक चंदा की कथा प्रस्तुति चंदैनी – प्रस्‍तुतिकरण हिंदी अनुवाद   लोरिक लोरिक हाथ में तेन्‍दू की लाठी, नौ हाथ की पगड़ी बांधे, ‘सेमर धरे’ (सेमल की रूई और चकमक पत्‍थर लिए) कम्‍बल और ‘खुमरी’ (बांस और पत्‍तों से बनी टोपी जिसे चरवाहे पहनते हैं)। ओढ़े, बाजार की ओर…
in Video
Team, Chhattisgarh Project
This module is part of a series of modules on performing genres from Chhattisgarh. They seek to reflect the richness of oral epics and folklore traditions from this region, and the modes in which they are performed and recited. The focus is the documentation of the entire epic or tale known orally…
in Module