Rekha Devar performing Karma Geet, Chhattisgarh
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Rekha Devar performing Karma Geet, Chhattisgarh

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Published on: 13 December 2018
Rekha Devar, Karma Geet, Chhattisgarh, 2018

 

यहाँ रेखा देवार करमा त्यौहार के परिचय के बाद  ‘करम डार’ गीत प्रस्तुत कर रही हैं | यह विवरण पहले छत्तीसगढ़ी में तदुपरांत हिंदी में दिया गया है। 

 

गुरूर ब्रम्हा गुरूर विष्णु गुरूर देवो महेश्वर: ...2

गुरूर साक्षत परब्रम्ह तस्मै श्री गुरूवे नम:

 

 

Chhattisgarhi (Hereafter, C): रेखा देवार-  ये हमर नवरात्रि के पहिली माने दसरहा के पहिली दिन हमर देवार जाति म 'करम डार’ बइठारथन। त करमडार ल लेके गुड़ी मेर रख दे रइथन। त उही मेर पान सुपारी नरियर धरके जाथन अउ ओला परघा के लाके अपन घर म मनाथन रात भर, जतका सगा पहुना आए रहिथे तेन मन सबे मिलके सुघ्घर करमडार ल परघउनी गीत गाथन। वंदना गीत गाथन, देवी वंदना करथन। हमर देबी ये 'करमडार’ ह उही सो ले हमर गीत संगीत हे तेन सब सुरू होथे। तव मैं सबले सुरू म करम डार गीत पेस करत हवं-

Hindi (Hereafter, H): रेखा देवार-  हमारे यहा नवरात्रि के पहले, मतलब दशहरा के प्रथम दिन हमारे देवार जाति में 'करम डार’ (करम वृक्ष की डाल) की स्थापना करते हैं। करमडार को गुड़ी (देवालय) में रख देते है। वही पान सुपारी नारियल लेकर जाते है, वहां परघनी (स्वागत) करके अपने घर में लाते है, फिर रातभर जितने भी मेहमान आये रहते है, सब मिलजुल कर परघनी गीत गाते है। वंदना के गीत गाते है, देवी वंदना करते हुये। हमारी देवी है 'करमडार’ यहीं से हमारा संगीत शुरू होता है। तो सर्वप्रथम ‘करम डार’ गीत प्रस्तुत कर रही हूं|

 

 

C: बंदव करन सेनी ल, बंदथवं करन सेनी ल, बंदव मैं करन सेनी

H: करनसेनी की वंदना कर रही हूँ, करनसेनी की वंदना कर रही हूँ, करनसेनी की वंदना कर रही हूँ

 

 

C: (कोरस)- जय हो जय हो जय हो...

बंदव करन सेनी ल, बंदवथवं करन सेनी ल, बंदव मैं करन सेनी

H: करनसेनी की वंदना कर रही हूँ, करनसेनी की वंदना कर रही हूँ, करनसेनी की वंदना कर रही हूँ

 

 

C: कोरस- जय हो जय हो जय हो...

H: कोरस- जय हो जय हो जय हो...

 

 

C: बांध डरेव सिरी जदुराई हो बंदव मैं करन सेनी

H: मैंने श्री जदुराई को बाँध लिया है और अब करनसेनी की वंदन कर रही हूँ

 

 

C: (कोरस)- बांध डरेव सिरी जदुराई हो बंदवं मैं करन सेनी...2

H: (कोरस)- मैंने श्री जदुराई को बाँध लिया है और अब करनसेनी की वंदन कर रही हूँ  

 

 

C: कहां करन सेनी तोरो जाति जनम ओ तोरो जाति जनम...

H: करनसेनी तुम्हारी जाती क्या है और तुम्हारा जन्म कहाँ हुआ है, तुम्हारा जन्म कहाँ हुआ है

 

 

C: (कोरस)- करमडार

कहां करन सेनी तोरो जाति जनम ओ तोरो जाति जनम...

H: करनसेनी तुम्हारी जाती क्या है और तुम्हारा जन्म कहाँ हुआ है, तुम्हारा जन्म कहाँ हुआ है

 

 

C: (कोरस)- करमडार

कहां तै लिये अवतार हो बंदव मैं करनसेनी...

​H: तुमने कहाँ पर अवतार लिया है, करनसेनी मैं तुम्हारा वंदन करू …

 

 

C: कहां तै लिये अवतार हो बंदव मैं करनसेनी...

H: तुमने कहाँ पर अवतार लिया है, करनसेनी मैं तुम्हारा वंदन करू …

 

 

C: (कोरस)- कहां तै लिये अवतार हो बंदव मैं करनसेनी...२

​H: (कोरस)- तुमने कहाँ पर अवतार लिया है, करनसेनी मैं तुम्हारा वंदन करू …

 

 

C: भुरभूसी डोंगरी म जनम ल तै लियो ओ जनम ल तै लियो ओ...

H: भूरभूसी(स्थान) डोंगरी(छोटी पहाड़ी) में तुमने जन्म लिया ओ, तुमने जन्म लिया ओ...

 

 

C: (कोरस)- करम डार

भूरभसी डोंगरी म जनम ल तै लियो ओ जनम ल तै लियो ओ...

H: भूरभूसी(स्थान) डोंगरी(छोटी पहाड़ी) में त्य्मने जन्म लिया ओ, तुमने  जन्म लिया ओ...

 

 

C: (कोरस)- करम डार

बइगा घर लिये अवतार हो बंदव मैं करनसेनी

H: तुमने बैगा के घर अवतार लिया करमसेनी मैं तुम्हारा वंदन करती हूँ

 

 

C: (कोरस)- बइगा घर लिये अवतार हो बंदव मैं करनसेनी...२

H: (कोरस)- तुमने बैगा के घर अवतार लिया करमसेनी मैं तुम्हारा वंदन करती हूँ

 

 

C: बैगा के घर लिये अवतार हो वंदन करू मैं करण सेनी

H: तुमने बैगा के घर अवतार लिया करमसेनी मैं तुम्हारा वंदन करती हूँ

 

 

C: रेखा देवार-  त अब बंदना ल कर लेथन महराज ओकर बाद फेर कृष्ण भगवान के गीत गाथन-

H: रेखा देवार— तो अब वंदना करने के बाद , फिर कृष्ण भगवान का गीत गाते है।

 

 

C: खेले होरी गेंदे का हो नंद जू के मोरे लाला...

H: होली में मेरे नन्द जी के लाल गेंद खेल रहे हैं

 

 

C: खेले होरी गेंदे का हो नंदू जू के मोरे लाला...

H: होली में मेरे नन्द जी के लाल गेंद खेल रहे हैं

 

 

C: खेले होरी गेंदे का हो नंदू जे के मोरे लाला...

H: होली में मेरे नन्द जी के लाल गेंद खेल रहे हैं

 

 

C: (कोरस)- हाय नंद जू के मोरे लाला... ये नंद जू के मोरे लाला...

H: हाय मेरे नन्द जी के लाल मेरे नन्द के लाल

 

 

C: खेलत गेंदे फेके जमुना म, फेक दिये बंसी वाला

H: खेलते खेलते गेंद को जमुना जी में फेंक दिया है, बन्सीवाले ने फेंक दिया है

 

 

C: (कोरस)- जय हो जय हो जय हो

खेलत गेंदे फेके जमुना म, फेक दिये बंसी वाला,

H: खेलते खेलते गेंद को जमुना जी में फेंक दिया है, बन्सीवाले ने फेंक दिया है

 

 

C: हाय फेक दिये हो बंसी वाला

H: हाय बन्सीवाले ने फेंक दिया है

 

 

C: ये फेक दिये हो बंसीवाला हा

H: ये बन्सीवाले ने फेंक दिया है

 

 

C: (कोरस)- ये फेक दिये हो बंसीवाला हा, हाय फेक दिये हो बंसी वाला

H: (कोरस)- ये बन्सीवाले ने फेंक दिया है, हाय बन्सीवाले ने फेंक दिया है 

 

 

C: खेले होरी गेंदे का हो नंद जू के मोरे लाला

H: होली में मेरे नन्द जी के लाल गेंद खेल रहे हैं

 

 

C: हाय नंद जू के मोरे लाला...

H: हाय मेरे नन्द जी के लाल  

 

 

C: (कोरस)- ये नंद जू के मोरे लाला...२

H: (कोरस)- ये नन्द जी के लाल...2

 

 

C: खेलत गेंदे गिरे जमुना म, कूद गये बंसी वाला

H: खेलते खेले गेंद जमुना जी में गिर गया है, बन्सीवाला जमुना में कूद गए हैं 

 

 

C: (कोरस)- जय हो जय हो तय हो

खेलत गिरे जमुना म कूद, गये बंसी वाला

H: खेलते खेले गेंद जमुना जी में गिर गया है, बन्सीवाला जमुना में कूद गए हैं 

 

C: हाय कूद गये हो बंसीवाला

H: हाय बन्सीवाला जमुना में कूद गए हैं 

 

 

C: ये कूद गये हो बंसीवाला...

H: ये बन्सीवाला जमुना में कूद गए हैं 

 

 

C: (कोरस)- हाय कूद गये हो बंसीवाला ये कूद गये हो बंसीवाला...

H: हाय बन्सीवाला जमुना में कूद गए हैं,हाय बन्सीवाला जमुना में कूद गए हैं 

 

 

C: हांथ के चूरी मांग के सेंदूर अम्मर रखे हो बंसीवाला अम्मर रखे हो बंसीवाला

H: बन्सीवाला हाथों की चूड़ियों और मांग के सिन्दूर को अमर रखे, बन्सीवाला अमर रखे

 

 

C: (कोरस)- अम्मर रखे हो बंसीवाला... अम्मर रखे हो बंसी वाला...

H: बन्सीवाला अमर रखे…

बन्सीवाला अमर रखे …

 

 

C: रेखा देवार-  बंदना ल कर लेथन अब येकर बाद बढ़िया हमर सिंगारी जोंगवा हमर आगू के सियान पटवारी-उटवारी के गीत बनावय त कथा राजा महराजा घर लइका होवय तेकर, त सुनव पटवारी के लइका जुलुम किये।

H: रेखा देवार-  वंदना करने के बाद बढ़िया हमारे बुजुर्ग लोग श्रृंगारिक गीत, पटवारी आदि को लेकर बनाते थे, राजा महाराजा के बच्चो पर गीत बनाते थे। तो सुनिये पटवारी के लइका जुलुम किये-

 

 

C: एक तारा ये टूटे पहार म परे, एक तारा टूटे पहार म परे

H: एक तारा टूटा है और पहाड़ पर गिरा है, एक तारा टूटा है और पहाड़ पर गिरा है

 

 

C: एक तारा ये टूटे पहार म परे, एक तारा टूटे पहार म परे

H: एक तारा टूटा है और पहाड़ पर गिरा है, एक तारा टूटा है और पहाड़ पर गिरा है

 

 

C: एक तारा ये टूटे पहार म परे, एक तारा टूटे पहार म परे

H: एक तारा टूटा है और पहाड़ पर गिरा है ,एक तारा टूटा है और पहाड़ पर गिरा है

 

 

C: पटवारी के लइका जुलुम किये हो... एक तारा, एक तारा टूटे पहार म परे...

H: पटवारी का बेटा जुल्म कर रहा है... एक तारा टूटा है और पहाड़ पर गिरा है

 

 

C: (कोरस)- पटवारी के लइका जुलुम किये हो... एक तारा, एक तारा टूटे पहार म परे...

H: पटवारी का बेटा जुल्म कर रहा है .एक तारा टूटा है और पहाड़ पर गिरा है \

 

 

C: गांव-गांव म गाड़ा बुले बन बन पटवारी

H: गाँव गाँव में गाड़ा (गाड़ी) घुमते रहता है और जंगल जंगल में पटवारी 

 

 

C: (कोरस)- जय हो जय हो जय हो

गांव-गांव म गाड़ा बुले बन बन पटवारी

H: गाँव गाँव में गाड़ा (गाड़ी) घुमते रहता है और जंगल जंगल में पटवारी 

 

 

C: छोटे साहेब जांच करय साल भइगे भारी, पटवारी... पटवारी...

H: छोटे साहब जांच कर रहे हैं, अब साल तो और मुश्किल हो गया, पटवारी…पटवारी … 

 

 

C: पटवारी के लइका जुलुम किये हो... एक तारा, एक तारा टूटे पहार म परे

H: पटवारी का बेटा जुल्म कर रहा है... एक तारा टूटा है और पहाड़ पर गिरा है

 

 

C: (कोरस)- पटवारी के लइका जुलुम किये हो... एक तारा, एक तारा टूटे पहार म परे

H: पटवारी का बेटा जुल्म कर रहा है .एक तारा टूटा है और पहाड़ पर गिरा है

 

 

C: बइला बेंच के भरना पटाये

H: बैलों को बेच कर जलकर जमा किये हैं 

 

 

C: (कोरस)- जय हो जय हो जय हो

बइला बेंच के भरना पटाये

H: बैलों को बेच जलकर जमा किये हैं 

 

 

C: बाकी साल रहे जावय महराज... पटवारी... पटवारी...

H: पूरा साल बचा ही है अभी महाराज , पटवारी…पटवारी… 

 

 

C: पटवारी के लइका जुलुम किये हो एक तारा टूटे पहार म परे

H: पटवारी का बेटा जुल्म कर रहा है... एक तारा टूटा है और पहाड़ पर गिरा है

 

 

C: (कोरस)- पटवारी के लइका जुलुम किये हो एक तारा टूटे पहार म परे

H: पटवारी का बेटा जुल्म कर रहा है... एक तारा टूटा है और पहाड़ पर गिरा है

 

 

C: रेखा देवार-  एक बाद ताहन जोड़वा करमा होथे। जोड़वा करमा ह कइसे में जोंगवा। हमन अपन देवार मन ला जोंगथन अउ देवार ह हमला जोंगथे त ओही न पेस करत हन-

H: रेखा देवार-  इसके बाद फिर जुड़वा कर्मा होता है। जुड़वा कर्मा को कैसे स्मरण करते है। हम अपने देवारों को स्मरण करते है, और देवार हमे स्मरण करते हैं ,तो उसी को प्रस्तुत कर रही हूं-

 

 

C: सारद सारद मैं पुकारेव रे गांजा कली... लेकिन गउकिन देखतो सारद हे दूर देश

H: शारद शारद मैं पुकारी रे गांजा गली(स्त्री साथी सं.) लेकिन गउकिन (गाय की सौगंध) देखो तो शारद है दूर देश

 

 

C: अउ अपन खाथे पान सुपारी अउ रे संगी लेकिन गउकिन मोर बर भेजे नरियर के संदेस

H: और स्वयं तो खाती है,पान सुपारी और रे साथी, लेकिन गउकिन मेरे लिये भेजा है, नारियल का संदेश

 

 

C: रागी— अउ येही गांव के कमइया खवइया ये कारी बाई गउकिन इमान से नाव नइ जानय तोर

अउ कच्चा बांस म पांव पखारवं रे गांजा कली गउकिन सेवा म लगाव तोर’

H: 'रागी— और इसी गांव की कमाने खाने वाली है कारी बाई, गाय की कसम, इमान से नाम नहीं जानता तुम्ह़ारा, और मैं तुम्हारा कच्ची बांस में पांव पखारू, रे गांजी कली गाय की कसम सेवा में लगू तुम्हारी '

 

 

C: सति आवय हीरा मोर सति हावय रे गउकी करमा भजन म सरसति हावय...

H: सति आती है मेरे हीरा, सति आती है रे, गाय की कसम ​करमा (नृत्य)भजन में सरस्वती है...

 

 

C: (कोरस)- सति आवय हीरा मोर सति हावय रे गउकी करमा भजन म सरसति हावय...२

H: (कोरस)- सती आती है मेरे हीरा, सती है रे, गाय की कसम ​करमा (नृत्य)भजन में सरस्वती है...

 

 

C: ज्ञानी को मारे रे संगी ज्ञान म लेकिन गउकीन इमान से देखतो रूवा रूवा भिंग जाय

H: ज्ञानी को ज्ञान से पराजित किया जा सकता है रे मेरे साथी लेकिन गाय की कसम, सत्य की कसम, देखो तो रोम रोम भीग जाता है

 

 

C: अउ मुरूख ल मारे टेम्पा म देखतो गउकीन इमान से देखतो गांजा कली मुड़ कान फूट जाय

H: और मूर्ख को लाठी से मारो तो गाय की कसम, सत्य की कसम, देखो तो गांजे की कली सर-कान फूट जाता है

 

 

C: रागी— कोन बजाये घुघरू वो कारी बाई गउकी देखतो मटके वो हाथ कोहनी

अउ तोला छाये हे कारी बाई गउकी इमान से ये बिलवा टूरा के मोहनी’

H: 'रागी— घुँघरू को कौन बजा रहा है काली स्त्री गाय की कसम देखो तो ओ हाथ और कोहनी मटका रही है और काली स्त्री गाय की कसम, सत्य की कसम,तुम्हे उस काले लड़के की मोहिनी लग गयी है    

 

 

C: ये तेरा जोड़ी रे दुरमत मतावए तेरा जोड़ी रे

H: ये तेरी जोड़ी रे दुरमत,मदहोश बनाए तेरी जोड़ी रे

 

 

C: (कोरस)- जय हो जय हो जय हो

तेरा जोड़ी रे दुरमत मतावए तेरा जोड़ी

H: ये तुम्हारा साथ रे मुझे मदहोश बनाए तुम्हारा साथ रे

 

 

C: (कोरस)- तेरा जोड़ी रे दुरमत मतावए तेरा जोड़ी, तेरा जोड़ी रे दुरमत मतावए तेरा जोड़ी

H: (कोरस)- ये तुम्हारा साथ रे मुझे मदहोश बनाए तुम्हारा साथ रे

 

 

C: सोचे न बिचारे रे संगी लेकिन गउकीन इमान से का बूता कर डारे

H: सोचे न बिचारे रे साथी लेकिन गउकीन इमान से देखो तो क्या काम कर डाले

 

 

C: सोचे न बिचारे रे संगी लेकिन गउकीन इमान से देखतो का बूता कर डारे

H: सोचे न बिचारे रे साथी लेकिन गउकीन इमान से देखो तो क्या काम कर डाले

 

 

C: अउ आज नवा रइपुर सहर म आके रे संगी लेकिन गउकीन इमान से देखतो तरिया कस मछरी बोजा के मरे

H: अउ राज नया रायपुर शहर में आके रे साथी गउकीन इमान से देखतो तालाब जैसे मछली दबकर मरे

 

 

C: ‘रागी— तरी पतोही वो कारी बाई उपर हे कुरता

अउ रही रही के सताथे वो मयारू दवना पान गउकी इमान से तोरच सुरता’

H: 'रागी— नीचे पतोहि (बहु) वो कारी बाई उपर है कुर्ता और रह रह कर सताता है प्रेमिका कसम से तुम्हारी याद।'

 

 

C: मार न गोला रे बइरी मोर पाये जवांजर ह रे

H: मारो न गोली रे बैरी मेरे पाये जवांजर (हमजोली) है रे

 

 

C: (कोरस)- मार न गोला रे बइरी मोर पाये जवंजर ह रे...2

H: (कोरस)- मारो न गोली रे बैरी मेरे पाये जवांजर (हमजोली) है रे

 

 

C: गुल्ली रे गुल्ली संगी लेकिन गउकी इमान से देखतो कोवा के गुल्ली गा

H: गिल्ली (लकड़ी के खेल में उ.) गिल्ली साथी लेकिन गउ​की इमान से देखोतो कोवा(पेड़) का गिल्ली

 

 

C: गुल्ली रे गुल्ली संगी लेकिन गउकी इमान से देखतो कोवा के गुल्ली गा

H: गिल्ली(लकड़ी के खेल में उ.) गिल्ली साथी लेकिन गउ​की इमान से देखोतो कोवा(पेड़) का गिल्ली

 

 

C: अउ जुगूर जागार बरे लेकिन गउकीन इमान से गा मंदरीहा मोर नाके के फुल्ली गा

ये नाके के फुल्ली येदा गा जुगुर-जागार

H: और चमके रे लेकिन गउकीन इमान से जी मांदरवाला मेरी नाक की फूली जी

ये नाक का फुल्ली जी चमके

 

 

C: (कोरस)- ये नाके के फुल्ली येदा गा जुगुर-जागार...२

H: (कोरस)- ये नाक का फुल्ली जी चमके...२

 

 

C: कोन जाथे आरी बारी गउकी इमान से देखतो कोन जाथे फुलवारी

अउ कोन जाथे भाटा बारी रे संगी लेकिन गउकीन इमान से देखतो उही मंजा मारी

H: कौन जाती है भाटा बाडी रे साथी लेकिन गउकीन इमान से देखो तो  वही मजा पाई

 

 

C: ‘रागी— अरे छोटकी जाते आरी बारी बड़की के फूलवारी

अउ बिलवा टूरा जाथे भांटा बारी गउकी इमान से यही मंजा मारी’

H: 'रागी— अरे छूटकी जाती है आड़ी बाड़ी, बड़की जाती है फूलवारी और काला लड़का जाता है भाटा बारी गउकी इमान से वही मजा पाई।'

 

 

C: ये तेरा जोड़ी का रे मोर सना नना ये दुरमत मतावए तेरा जोड़ी रे

H: ये तुम्हारा साथ रे मुझे मदहोश बनाए तुम्हारा साथ रे

 

 

 

C: (कोरस)- कच्चा भांटा पक्का भांटा

ये तेरा जोड़ी का रे मोर सनानना ये दुरमत मतावए तेरा जोड़ी रे

H: ये तुम्हारा साथ रे मुझे मदहोश बनाए तुम्हारा साथ रे...२

 

 

C: रेखा देवार-  ये हा तो होगे हमर देवार करमा। अब अपन-अपन जतका हमर जतका देवार मन आये रथे तेकर चिन्हा बताथन। का कताथन। तै कइसे आबे कुकुसदा म तै कइसे जानबे ये हा रेखा के घर ये कइके त उही चिन्हा हमन अपन गीत संगीत के माध्यम से बतावत हन।

H: रेखा देवार-  ये तो हुआ हमारा देवार कर्मा। अब हमारे जितने भी देवार आये रहते है उनका निशानी बताते है। कहते है कि तुम कैसे आवोगी कुकुसदा में और ये कैसे जान पाओगी कि ये रेखा का घर है? तो उसी पहचान को संगीत के माध्यम से बता रहे है।

 

 

C: ये बारी म उड़े रसिया मोर मसरंग के साड़ी रे बारी म उड़े

H: ये बाड़ी में उड़ी रसिया मेरी मसरंग की साड़ी रे बाड़ी में उड़ी

 

 

C: ये बारी म उड़े रसिया मोर मसरंग के साड़ी रे बारी म उड़े

H: ये बाड़ी में उड़ी रसिया मेरी मसरंग की साड़ी रे बाड़ी में उड़ी

 

 

C: का काहव हीरा मोर बारी म उड़े अउ का... काहव रे गांजा कली लेकिन गउकीन इमान से देखतो बारी म उड़े

H: क्या कहूं हीरा मेरे बाड़ी में उड़ी और क्या... कहूं रे गांजे की कली लेकिन गउकीन (कसम) इमान से देखो तो बाड़ी में उड़ी

 

 

C: ये बारी म उड़े रसिया मोर मसरंग के साड़ी रे बरी म उड़े

H: ये बाड़ी में उड़ी रसिया मेरी मसरंग की साड़ी रे बाड़ी में उड़ी

 

 

C: (कोरस)- ये बारी म उड़े रसिया मोर मसरंग के साड़ी रे बरी म उड़े... ये बारी म उड़े रसिया मोर मसरंग के साड़ी रे बरी म उड़े

H: (कोरस)- ये बाड़ी में उड़ी रसिया मेरी मसरंग की साड़ी रे बाड़ी में उड़ी... ये बाड़ी में उड़ी रसिया मेरी मसरंग की साड़ी रे बाड़ी में उड़ी...

 

 

C: (कोरस)- जेमा भवरा रे लुभाय वा का रंग फुलय रस डोहड़ी ये... जेमा भवरा रे लुभाय वा का रंग फुलय रस डोहड़ी ये

H: (कोरस)— जिसमें भंवरा रे लुभाय कौन रंग खिला रस डोहड़ी(कली)  की ये... जिसमें भंवरा रे लुभाय कौन रंग खिला रस डोहड़ी (कली) रे

 

 

C: हो... आ... हो...

चांपा के कुरथा, कुरथा, कुरथा जेमा बांही नइये अउ आज भर गा लेथन बजा लेथन संवारी हो लेकिन गउकीन इमान से देखतो ये जिनगी म काही नइये

H: चांपा का कुर्ता, कुर्ता, कुर्ता जिसमें बांह नहीं है और आज बस गा लेते है बजा लेते है साथियों लेकिन कसम से देखो तो इस जीवन में कुछ नहीं

 

 

C: ये बारी म उड़े रसिया मोर मसरंग के साड़ी रे बरी म उड़े

H: ये बाड़ी में उड़ी रसिया मेरी मसरंग की साड़ी रे बाड़ी में उड़ी

 

 

C: (कोरस)- ये बारी म उड़े रसिया मोर मसरंग के साड़ी रे बरी म उड़े... ये बारी म उड़े रसिया मोर मसरंग के साड़ी रे बरी म उड़े

H: (कोरस)- ये बाड़ी में उड़ी रसिया मेरी मसरंग की साड़ी रे बाड़ी में उड़ी... ये बाड़ी में उड़ी रसिया मेरी मसरंग की साड़ी रे बाड़ी में उड़ी

 

 

C: अरसी ह फुलय रिगबिगिया ये गोंदा फुलय छतनार गा सेमहरा ह फुलय रस डोहड़ी ये डोहड़ी ये

रस डोहड़ी ये का रंग फुलय रस डोहड़ी ये

H: अल्सी खिला रिगबिगिया, ये गोंदा खिला छतनार जी, सेमहरा खिला रस डोहड़ी कली, ये डोहड़ी कली ये रस डोहड़ी कली ये कौन रंग खिला रस डोहड़ी कली ये

 

 

C: (कोरस)- जेमा भवरा रे लुभाय वा का रंग फुलय रस डोहड़ी ये... जेमा भवरा रे लुभाय का रंग फुलय रस डोहड़ी ये

H: (कोरस)— जिसमें भंवरा रे लुभाय कौन रंग खिला रस डोहड़ी(कली)  की ये... जिसमें भंवरा रे लुभाय कौन रंग खिला रस डोहड़ी (कली) रे

 

 

C: रेखा देवार-  अभी जेन हम करमडार गाये हवं तेन ल झूल करमा कहिथे। झूल के माने सब झन नाचथन गाथन त ओकर ताल ल झूल करमा कथे।

H: रेखा देवार-  अभी हम जो करमडार गा रहे थे उसे झूल (झुककर) कर्मा भी करते है। झूल  (झुककर) अर्थात सभी लोग झूल-झूल कर नाचते गाते है उसे झूल कर्मा करते है-

 

 

C: बंदव करन सेनी ल बंदथवं करन सेनी ल बंदव मैं करन सेनी

H: वंदना कर रही हूं करणसेनी की वंदना कर रही हूं करणसेनी की मैं वंदना कर रही हूं करणसेनी

 

 

C: (कोरस)- जय हो जय हो जय हो...

बंदथवं करन सेनी ल बंदथवं करन सेनी ल बंदव मैं करन सेनी

H: वंदना कर रही हूं करणसेनी की वंदना कर रही हूं करणसेनी की मैं वंदना कर रही हूं करणसेनी

 

 

C: (कोरस)- जय हो जय हो जय हो...

बांध डरेव सिरी जदुराई हो बंदवं मैं करन सेनी, बांध डरेव सिरी जदुराई हो बंदवं मैं करन सेनी

H: बांध डाली श्री जदुराई हो वंदना कर रही ​हूं करणसेनी, बांध डाली श्री जदुराई हो वंदन कर रही हूं मै करणसेनी

 

 

C: रेखा देवार-  अउ खेले होरी ल जेन कृष्ण भगवान वाले गाथन तेन ल हमर भासा म नचौड़ी कहिथन। घीटकिरी जेन ओमा भर के बजाथे त ओहा नचौड़ी करमा ये।

H: रेखा देवार-  और खेले होरी जो भगवान कृष्ण का गाते है उसे हमारी भाषा में नचौड़ी कहते है मतलब उसमे घीटकिरी लगाके बजाते है वो नचौड़ी कर्मा है-

 

 

C: खेले होरी गेंदे का हो नंद जू के मोरे लाला...

H: खेले होली गेंद क्या हो नंद जी की मेरे लाल...

 

 

C: खेले होरी गेंदे का हो नंदू जे के मोरे लाला...

H: खेले होली गेंद क्या, हो नंद जी की मेरे लाल...

 

 

C: हाय नंद जू के मोरे लाला..., हाय नंद जू के मोरे लाला...

H: हाय नंद जी की मेरे लाल...हाय नंद जी की मेरे लाल…

 

 

C: ये नंद जू के मोरे लाला..., हाय नंद जू के मोरे लाला...

H: ये नंद जी की मेरे लाल... ये नंद जी की मेरे लाल…

 

 

C: रेखा देवार-  अउ जइसे पटवारी के, पटवारी के लइका जेन गाय हन ओला छटका कइथे माने धम ले ठोक ठोक जेन तन ल ओला चक्कर घुमाथे ओला छटका कइथे।

H: रेखा देवार-  और जैसे पटवारी के लइका गा रही थी उसे छटका कहते है मतलब उसमें धम से ठोक-ठोक कर छटका घुमाते है इसलिये छटका कहते है-

 

 

C: एक तारा ये टूटे पहार म परे, एक तारा टूटे पहार म परे...

H: एक तारा ये टूटे पहाड़ पर पड़े, एक तारा टेटे पहाड़ पर पड़े...

 

 

C: एक तारा ये टूटे पहार म परे, एक तारा टूटे पहार म परे...

H: एक तारा ये टूटे पहाड़ पर पड़े, एक तारा टेटे पहाड़ पर पड़े...

 

 

C: एक तारा ये टूटे पहार म परे, एक तारा टूटे पहार म परे...

H: एक तारा ये टूटे पहाड़ पर पड़े, एक तारा टेटे पहाड़ पर पड़े...

 

 

C: पटवारी के लइका जुलूम किये हो, एक तारा, एक तारा टूटे पहार म परे...

H: पटवारी का लड़का जुल्म किये हो, एक तारा, एक तारा टूटे पहाड़ पर पड़े...

 

 

C: (कोरस)- पटवारी के लइका जुलूम किये हो, एक तारा, एक तारा टूटे पहार म परे...

H: (कोरस)- पटवारी का लड़का जुल्म किये हो, एक तारा, एक तारा टूटे पहाड़ पर पड़े...

 

 

C: रेखा देवार-  अउ येकर बाद जेन जोड़वा गाथन तेन ह ठिठोली कइथे ओला। रसरसीहा गीत कइथे ओला हमर सगा म बीच बीच म ठिठोली डालना। मंचकिहा त तालो ह मंजकिहा बचथे। जोकड़िहा ताल।

H: रेखा देवार-  और इसके बाद जुड़वा कर्मा गाई उसे ठिठोली कहते है। रसदार गीत कहते है हमरे देवार कला में, ताल भी मजकिये अंदाज से बजता है जोकर ताल।

 

 

C: लागे रइथे दिवाना तोरो बर मोरा मया लागे रइथे...

H: लगा रहता है दिवाना तुम्हारे ​लिये मेरा प्यार लगा रहता है...

 

 

C: लागे रइथे दिवाना तोरो बर मोरा मया लागे रइथे...

H: लगा रहता है दिवाना तुम्हारे ​लिये मेरा प्यार लगा रहता है...

 

 

C: (कोरस)- लागे रइथे दिवानी तोरो बर मोरा मया लागे रइथे, लागे रइथे दिवानी तोरो बर मोरा मया लागे रइथे...

H: (कोरस)- लगा रहता है दिवाना तुम्हारे ​लिये मेरा प्यार लगा रहता है..., लगा रहता है दिवाना तुम्हारे ​लिये मेरा प्यार लगा रहता है...

 

 

C: रेखा देवार-  ये होगे अउ येकर बाद जइसे गौरिया जाति मन तक गाथे, उकरो गीत ल गाथन हमर सगा म तो केउ प्रकार के गीत सब किसम के गीत गाथन।

H: रेखा देवार-  ये तो हुआ अब इसके बाद जैसे गौरिया जाति के लोग गाते है उनके गीतों को भी हम लोग गाते है। हमारे देवार जाति में तो कई प्रकार के गीत गाये जाते है।

 

 

C: हाय रे हाय रे कुधूरमाल में राम, कइसे कुधूर, वाह जी कुधूर, अइसे कुधूरमाल म हो...

H: हाय रे हाय रे कुधूरमाल (स्थान का नाम) में राम, कैसे कुधूर, वाह जी कुधूर, ऐसे कुधूरमाल में हो...

 

 

C: तोर मुंह ल पोछवं उरमाल में राम, तोर मुंह ल पोछवं उरमाल में राम...

H: तुम्हारे मुंह साफ करू रूमान में राम, तुम्हारे मुंह साफ करू रूमाल में राम...

 

C: (कोरस)- तोर मुंह ल पोछवं उरमाल में राम, तोर मुंह ल पोछवं उरमाल में राम...

H: (कोरस)- तुम्हारे मुंह साफ करू रूमान में राम, तुम्हारे मुंह साफ करू रूमाल में राम...

 

 

C: रेखा देवार-  अइसे करके केउ प्रकार के केउ किसम के गीत गाथन। अउ गोड़वानी करमा जेन म हमर गोड़ जाति के मन अइना धर धरके झूलझूल के नाचथे तेल झूल करमा कथे। झूलझूल के नाचथे अइसे कर करके, त लेवा सुना-

H: रेखा देवार-  इस प्रकार से कई प्रकार के गीत गाते है। और गोड़वानी कर्मा जिसे हमारे गोड़ जाति के लोग आइना लेकर झूल-झूल कर नाचते है, वो झूल कर्मा लिजिए सुनिये-

 

 

C: मांदर म बांधे घुनघुना रे अलबेला मंदरिहा, मांदर म बांधे घुनघुना रे,

H: मांदर (लोक वादृय) में बांधकर घुनघुना रे अलबेला मंदरिहा (मांदर बजाने वाला), मांदर में बांधकर घुनघुना (वादृय) रे...

 

 

C: मांदर म बांधे घुनघुना रे अलबेला मंदरिहा, मांदर म बांधे घुनघुना रे,

H: मांदर (लोक वादृय) में बांधकर घुनघुना रे अलबेला मंदरिहा (मांदर बजाने वाला), मांदर में बांधकर घुनघुना (वादृय) रे...

 

 

C: (कोरस)- मांदर म बांधे घुनघुना रे अलबेला मंदरिहा, मांदर म बांधे घुनघुना रे,

H: (कोरस)- मांदर (लोक वादृय) में बांधकर घुनघुना रे अलबेला मंदरिहा (मांदर बजाने वाला), मांदर में बांधकर घुनघुना (वादृय) रे...

 

 

C: उ उ उ उ

मांदर म बांधे घुनघुना रे अलबेला मंदरिहा, मांदर म बांधे घुनघुना रे ... होई रे होई रे ओई

H: मांदर (लोक वादृय) में बांधकर घुनघुना रे अलबेला मंदरिहा (मांदर बजाने वाला), मांदर में बांधकर घुनघुना (वादृय) रे... होई रे होई रे ओई

 

 

C: मांदर म बांधे घुनघुना रे अलबेला मंदरिहा, मांदर म बांधे घुनघुना रे अलबेला मंदरिहा। होइ रे होइ रे ओई

मांदर म बांधे घुनघुना रे अलबेला मंदरिहा, मांदर म बांधे घुनघुना रे,

H: मांदर (लोक वादृय) में बांधकर घुनघुना रे अलबेला मंदरिहा (मांदर बजाने वाला), मांदर में बांधकर घुनघुना रे...

 

 

C: मांदर म बांधे घुनघुना रे अलबेला मंदरिहा, मांदर म बांधे घुनघुना रे।

मांदर म बांधे घुनघुना रे अलबेला मंदरिहा, मांदर म बांधे घुनघुना रे। ओई ओई

H: मांदर (लोक वादृय) में बांधकर घुनघुना रे अलबेला मंदरिहा (मांदर बजाने वाला), मांदर में बांधकर घुनघुना (वादृय) रे... ओई ओई

 

 

C: मांदर म बांधे घुनघुना रे ...

H: मांदर में बांधकर घुनघुना रे...

 

 

C: रेखा देवार-  येला गोड़वानी कइथे। घनसियानी।त लेवा घनसियानी सुनव ओकरो ताल ह अलगे रइथे, घनसियानी के। ओहू ल मखियानी कइथे। ददरिया भी मखियानी होथे घनसियानी भी मखियानी होथे।

H: रेखा देवार-  इसको गोड़वानी कहते है। अब लिजिए घनसियानी सुनिये। उनका ताल अलग होता है। मखियानी भी कहते है, ददरिया मखियानी भी होता है और घनसियानी भी होता है।

 

 

C: स्वामी मोला कहिके जाबे, राजा मोला कहिके जाबे हो, कनथा मोला कइके जाबे न...

H: स्वामी मुझे कहके जाना, राजा मुझे कहके जाना हो, कनथा (सैया) मुझे कहके जाना न...

 

 

C: स्वामी मोला कहिके जाबे, राजा मोला कहिके जाबे हो, कनथा मोला कइके जाबे न...

H: स्वामी मुझे कहके जाना, राजा मुझे कहके जाना हो, कनथा (सैया) मुझे कहके जाना न...

 

 

C: आवत हीरा अंगना हो, आवत हीरा अंगना बहुरगे हो राजा मोला कहिके जाबे न

H: आते हीरा अंगना हो, आते हीरा अंगना दिन ​फिर गया हो राजा मुझे कहके जाना न

 

 

C: आवत हीरा अंगना हो, आवत स्वामी अंगना बहुरगे हो राजा मोला कहिके जाबे न

H: आते हीरा अंगना हो, आते हीरा अंगना दिन ​फिर गया हो राजा मुझे कहके जाना न

 

 

C: रेखा देवार-  घनसियानी। ठीक हे।

H: रेखा देवार— घनसियानी। ठीक है।

 

 

C: राकेश तिवारी— अउ एका ठो प्रकार।

H: राकेश तिवारी— और एकाध प्रकार।

 

 

C: रेखा देवार-  एक ठो सिवाजी के घसियान गाए सिवाजी राजा रिहिसे तेकर कहानी ये येहा-

H: रेखा देवार— एक शिवाजी की घसियान गाए शिवाजी राजो थे उनकी कहानी है ये—

 

 

C: सिवा सिवा हांक पारे सिवा नइतो सुन रे सिवा ल सिवा नइ तो सुने सिवा हई रे हई रे

H: शिवा शिवा आवाज लगाये शिवा नहीं सुने रे, शिवा को शिवा नहीं तो सुने शिवा हई रे हई रे

 

 

C: सिवा सिवा हांक पारे सिवा नइतो सुन रे सिवा ल सिवा नइ तो सुने सिवा हई रे हई रे

H: शिवा शिवा आवाज लगाये शिवा नहीं सुने रे, शिवा को शिवा नहीं तो सुने शिवा हई रे हई रे

 

 

C: सिवाजी के पगुड़ी म, सिवाजी के पगुड़ी म बसे रतन सिवा नइतो सुने रे सिवा होई रे होई रे

H: शिवाजी के पगड़ी में, शिवजी के पगड़ी में बसे रतन शिवा नहीं तो सुने रे शिवा होई रे होई रे

 

 

C: सिवाजी के पगुड़ी म, सिवाजी के पगुड़ी म बसे रतन सिवा नइतो सुने रे

H: शिवाजी के पगड़ी में, शिवाजी के पगड़ी में बसे रतन शिवा नहीं सुने रे

 

 

C: रेखा देवार-  ये घनसियानी। अउ मरनी म हमरो सगा मन गाथे। मर जए रइथे त ओकर जांवर जोड़ी छुच जाये रइथे त

H: रेखा देवार-  ये घनसियानी। और मृत्यु में हमारी जाति में भी गाते है। मरने के बाद उनकी जोड़ छुट जाती है तो-

 

 

C: धिमकी धिमकी आगी ल बारे रे जोगी कर डेरा म धिमकी धिमकी आगी बारे...

H: धीमी धीमी आग जलाये रे जोगी के डेरा में धीमी धीमी आग जलाये...

 

 

C: न तो जोगी अन करय न तो पानी पियय, न तो जोगी पानी पियय

H: न तो जोगी अन्न करे न तो पानी पीये, न तो जोगी पानी पीये

 

 

C: न तो जोगी अन करय न तो पानी पियय, न तो जोगी पानी पियय

H: न तो जोगी अन्न करे न तो पानी पीये, न तो जोगी पानी पीये

 

 

C: धिमकी धिमकी आगी ल बारे रे जोगी कर डेरा म धिमकी धिमकी आगी बारे

H: धीमी धीमी आग जलाये रे जोगी के डेरा में धीमी धीमी आग जलाये...

 

 

C: रेखा देवार-  अइसे करके गाथन। करमा के कई प्रकार हे। अइसनो गाथन हमर देवार जाति वाले मन नसा पानी वाले ताय अउ कोनो मेर जाके बिलम जथे। त देवारिन देवार जब झगड़ा फदकथे त तै कहा बिलमगे रेहेच त ओकरो गीत गाथन महराज-

H: रेखा देवार-  इस प्रकार के गाते है। कर्मा के कई प्रकार है। ऐसे भी गाते है और हमारे देवार में तो सब नशा सेवन करने वाले होते है तो तुम कहां चले गये थे करके देवार को देवारिन डांटते हुये लड़ाई करती है उसका भी गीत गाते है-

 

 

C: लाली बंगला मे न हरियर बंगला मे न, पियर बंगला मे न

H: लाली (लाल रंग) बंगला में न हरियर (हरा रंग) बंगला में न, पियर (पीला रंग) बंगला में न

 

 

C: लाली बंगला मे न हरियर बंगला मे न, पियर बंगला मे न

H: लाली (लाल रंग) बंगला में न हरियर (हरा रंग) बंगला में न, पियर (पीला रंग) बंगला में न

 

 

C: लाली बंगला मे न हरियर बंगला मे न, पियर बंगला मे न

H: लाली (लाल रंग) बंगला में न हरियर (हरा रंग) बंगला में न, पियर (पीला रंग) बंगला में न

 

 

C: लाली बंगला मे न हरियर बंगला मे न, पियर बंगला मे न

H: लाली (लाल रंग) बंगला में न हरियर (हरा रंग) बंगला में न, पियर (पीला रंग) बंगला में न

 

 

C: बंगला के खाये बिरो पान...

H: बंगला के खाये बिरो पान...

 

 

C: अरे बंगला के खाये बिरो पान, राजा बिलम गये न कोन बंगला मे न

H: अरे बंगला के खाये बिरो पान, राजा चले गये न किस बंगला में न

 

 

C: (कोरस)- बंगला के खाये बिरो पान, राजा बिलम गये न कोन बंगला मे न...२

H: (कोरस)- अरे बंगला के खाये बिरो पान, राजा चले गये न किस बंगला में न

 

 

C: गहू के रोटी म घीव लेले का जी तै घीव लेले ना...

H: गेहूं की रोटी में घी लेलो का जी तुम घी लेलो ना...

 

 

C: गहू के रोटी म घीव लेले का जी तै घीव लेले ना...

H: गेहूं की रोटी में घी लेलो का जी तुम घी लेलो ना...

 

 

C: (कोरस)- गहू के रोटी म घीव लेले का जी तै घीव लेले ना...

H: (कोरस)- गेहूं की रोटी में घी लेलो का जी तुम घी लेलो ना...

 

 

C: गहू के रोटी म घीव लेले का जी तै घीव लेले ना...

H: गेहूं की रोटी में घी लेलो का जी तुम घी लेलो ना...

 

 

C: ठोली बोली झन देबे,

H: कड़ा जवाब मत देना,

 

 

C: मोर जीव लेले गा लाली बंगला म

H: मेरी जान लेलो जी लाल बंगला म

 

 

C: हाय बंगला के खाये बिरो पान राजा बिलम गये न...

H: हाय बंगला के खाये बिरो पान राजा चले गये न...

 

 

C: (कोरस)- बंगला के खाये बिरो पान, राजा बिलम गये न कोन बंगला मे न, बंगला के खाये बिरो पान, राजा बिलम गये न कोन बंगला मे न

H: (कोरस—) बंगला के खाये बिरो पान, राजा चले गये किस बंगला में न, बंगला के खाये बिरो पान, राजा चले गये किस बंगला में न

 

 

C: रेखा देवार-  अइसे कर करके गाथन साहेब पढ़े लिखे नइये अन अढ़ही तोन त हमर देवार जाति म सबे किसम के गीत गाथन। अउ भैरवी कथे तेने ल गा देथन फेर काला भैरवी कथे तेन ल नइ जानन पढ़ लिखे नइअन त का जानबो। तुहरे असन पढ़े लिखे मन किथे तुहर ये गीत ह भैरवी ये ओ रेखा अइसे कइके। त लेवा सुना अड़बड़ सुरता आथे-

H: रेखा देवार-  ऐसे ही गाते है साहब पढ़े-लिखे तो नहीं है, हमारे देवार जाति में सब किस्म के गीत गाते है। और भैरवी भी गा लेती हूं पर किसे भैरवी करते है ये नहीं जानती हूं। पढ़े-लिखे नहीं आप जैसे लोग ही बताते है रेखा तुम्हारा ये गीत भैरवी है। तो लिजिए सुनिये अड़बड़ सुरता आथे -

 

 

C: अड़बड़ सुरता आथे का रे मोर चिरइया हाए, रतिहा पहाती अड़बड़ सुरता आथे।

H: बहुत याद आती है क्या रे... मेरे चिड़िया हाए, रात बितती बहुत याद आती है।

 

 

C: अड़बड़ सुरता आथे का रे मोर दिवाना, रतिहा पहाती अड़बड़ सुरता आथे।

H: बहुत याद आती है क्या रे... मेरे चिड़िया हाए, रात बितती बहुत याद आती है।

 

 

C: अड़बड़ सुरता आथे का रे मोर चिरइया, रतिहा पहाती अड़बड़ सुरता आथे।

H: बहुत याद आती है क्या रे... मेरे चिड़िया हाए, रात बितती बहुत याद आती है।

 

 

C: (कोरस)- अड़बड़ सुरता आथे का रे मोर चिरइया, रतिहा पहाती अड़बड़ सुरता आथे।

H: (कोरस)- बहुत याद आती है क्या रे... मेरे चिड़िया हाए, रात बितती बहुत याद आती है।

 

 

C: कासे कटोरा कंचन थारी रे... तीन कोनिया तरइया हाए ये बचन हारी रे...

H: कासे कटोरा कंचन थाली रे ... तीन कोने की तालाब हाए से वचन हारी रे...

 

 

C: ये बचन हारी रे बइहा मोर काचा उमर म तोर बर आंखी गड़गे

H: ये वचन हारी रे पगला मेरे कच्छी उम्र में तुम्हारे लिये आख गड़ी

 

 

C: (कोरस)- तोर बर आंखी गड़गे बइरी मोर बर काचा उमर तोर बर आंखी गड़गे…२

H: (कोरस)- ये वचन हारी रे पगला मेरे कच्छी उम्र में तुम्हारे लिये आंख गड़ी

 

 

C: रेखा देवार-  येला गाथन महराज अउ नेंगी जोंगी लिखी दे परवाना माने अपन जीवन के बारे से। जवानी म का काम करे बुढ़ा म का काम करे, लइका म का काम करे। त हमर सियान मन गात रिहिसे पुरखा मन ओही ल-

H: रेखा देवार-  इसको गाते है महाराज और नेंगी जोंगी (रस्म रिवाज) लिखी दे परवाना मतलब अपने जीवन के बारे में। जवानी में क्या किये, बुढ़ापा में क्या काम किये, बचपन में क्या किये। हमारे पूर्वज गाते थे उसी को मैं भी-

 

 

C: नेंगी जोंगी लिखी दे परवाना, ये परवाना रे बइरी

H: नेंगी जोंगी (रस्म रिवाज) लिखी दे परवाना, ये परवाना रे बइरी (बैर रखने वाला)

 

 

C: नेंगी जोंगी लिखी दे परवाना, ये परवाना रे बइरी

H: नेंगी जोंगी (रस्म रिवाज) लिखी दे परवाना, ये परवाना रे बइरी (बैर रखने वाला)

 

 

C: नेंगी जोंगी, नेंगी जोंगी,

H: नेंगी जोंगी (रस्म रिवाज), नेंगी जोंगी (रस्म रिवाज)

 

 

C: (कोरस)- जय हो जय हो जय हो

नेंगी जोंगी, नेंगी जोंगी हे रामा हो बइठे सिपाही लिखे थाना

H: नेंगी जोंगी (रस्म रिवाज), नेंगी जोंगी (रस्म रिवाज) हे रामा (राम) हो बैठे सिपाही लिखे थाना

 

 

C: (कोरस)- नेंगी जोंगी लिखी दे परवाना, ये परवाना रे बइरी...२

लइका रेहे खेले भुलाये बोलत हे तोतरी तोतरी

H: बच्चे थे जब खेल में भूलाये बोलते है तुतली तुतली

 

 

C: (कोरस)- जय हो जय हो जय हो

लइका रेहे खेले भुलाये बोलत हे तोतरी तोतरी

H: बच्चे थे जब खेल में भूलाये बोलते है तुतली तुतली

 

 

C: अंगना म खेलत धुर लपेटत दाई ददा के दुलरी हो बरोबर तीनों पर रिगबिग री नेंगी जोंगी

H: आंगन में खेलत धूल लपेटते मां बाप के दुलारी हो बराबर तीनों पर रिगबिग री रस्म रिवाज

 

 

C: नेंगी जोंगी...

H: रस्म रिवाज