लोक गीत
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यहाँ रेखा देवार करमा त्यौहार के परिचय के बाद ‘करम डार’ गीत प्रस्तुत कर रही हैं | यह विवरण पहले छत्तीसगढ़ी में तदुपरांत हिंदी में दिया गया है।
गुरूर ब्रम्हा गुरूर विष्णु गुरूर देवो महेश्वर: ...2
गुरूर साक्षत परब्रम्ह तस्मै श्री गुरूवे नम:
Chhattisgarhi (…
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सरगुजिहा लोक गीतों में वर्षा
मानव जीवन में ऋतुओं का विशेष महत्व है। उनमें एक है वर्षा ऋतु। वर्षा ऋतु को पावस ऋतु, बरखा ऋतु, बरसात ऋतु व जीवन दायिनी ऋतु के नाम से भी जाना जाता है। इस ऋतु में सभी प्रांत के लोग अपनी-अपनी स्थानीय बोलियों में वर्षा लोकगीतों का गायन करते हैं। सरगुजा अंचल की…
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सरगुजा अंचल में गंगा दशहरा को ‘गंगा दसराहा’ के नाम से जाना जाता है। इस अवसर पर पांच दिनों तक दशहरा मेले का आयोजन किया जाता है। मेले में झूला, खिलौने, दैनिक उपयोग की वस्तुएं, फल और मिठाईयों की दुकानें सजी हुई रहती हैं।
दसराहा मेला में पान की दुकानों का विशेष आकर्षण रहता है। क्योंकि इस दिन पान…
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