Raja Bharathari-ki-Katha: 5

in Audio
Published on: 21 April 2018

Madan Meena

Madan Meena is a visual artist and researcher. He has worked extensively with artists and craftspersons from Rajasthan. His doctoral dissertation from the University of Rajasthan was on the 'Art of the Meena Tribe'. He continues to work as a researcher with the women of the Meena tribe and has documented and exhibited their Mandana wall paintings across the country and abroad. He has published two books on the subject, 'Joy of Creativity' and 'Nurturing Walls'. As a practising visual artist, Madan has exhibited his own works extensively.

As a curator, he has designed an exhibition on brooms for Arna Jharna, the 'Desert Museum of Rajasthan’ of Rupayan Sansthan. For this he travelled throughout Rajasthan studying the broom-making communities, their socio-political and cultural issues. He was Associate Director for the film ‘Jharu Katha’ on the same subject.

His association with late Komal Kothari, one of India's leading folklorists and oral historians inspired him to start his independent research and documentation in eastern Rajasthan where he is based. He has been recording oral traditions among the rural communities for a long period. Madan received a grant from Cambridge University under the World Oral Literature Project (WOLP) to document Tejaji Ballad. Under the grant he has published a book ‘Tejaji Gatha’ and an audio DVD. His interest in languages has led him to start his work on the secret language of the nomadic and de-notified tribes residing in Rajasthan. For this he has received a fellowship from the Firebird Foundation for Anthropological Research, USA. As a state coordinator for Bhasha Research and Publication Centre, Baroda he edited the Hindi and English volumes of Rajasthani languages under the People’s Linguistic Survey of India project. He was also a state coordinator for ICSSR’s project of surveying the educational status of the nomadic and de-notified tribes of Rajasthan.

Madan has received a Senior Research Fellowship from CCRT-Department of Culture, Govt. of India to extend his work in folklore studies in Marwar (western Rajasthan). He is a Trustee of Bhasha Research and Publication Centre, Vadodara and Executive Member of Kota Heritage Society. As a visiting faculty he teaches traditional crafts at the Indian Institute of Crafts and Design, Jaipur. He currently works and lives in Kota, Rajasthan.

Banda-Rajasthan, October 2017, Audio File 5/7

 

आॅडियो फाईल नं॰ Bharathari-05

 

मनक्या ऐ देखी मोज में चैतो नही गुंवारऽऽ
गुवांर भाईऽऽ!
ऐ! मनक्या देखी मोज में चैतो नही गुंवारऽऽ
गुवांर भाईयाऽऽ!
कागद का मंदर बण्या च रगड़ता ना लागै यानै कोई बारऽऽ
बार रै भईयाऽऽ!
अरे म्हारा सांवराऽऽ

ऐ! भाग भरोसे ही रीजो मत करता रीजो कामऽऽ
कामऽऽ!
करमहीण रीजो मती रै भजता रीजो नै हरी कोऽऽ
नाम भईयाऽऽ!

हाँ प्याराऽऽ!

बिक्रमादीत कैह्‘र कै तो राजी होतो गियो चो आपणो भाई बाराह बरस में आयो चो भगतीऽऽ
कर भाईऽऽ!

जाता ई भाईया सोटा लगा दै चऽऽ
लगा दै च भाईऽऽ!
ठोकर लगाओ च ज्या दिन बिक्रमादीत कै राजाऽऽ
भरतहरी भाईऽऽ! 
म्हारा बैरी तू कांई को भाई च रै म्हारोऽऽ
हम्मै भाईऽऽ!
असी तो न मै राज समळार गियो चोऽऽ ईशा राज करै च कैऽऽ
करै च कै भाईऽऽ!  

आज रै डळ-डळ रोवै च म्हारा प्यारा वो ज्या दिन बिक्रमादीत मैहल कैऽऽ
माईनै भाई!
माईनै झर-झर रोर्यौ च म्हारा प्यारा वो ऊ रंग मैहल कैऽऽ
माईनै भाईया!

रंग मैहल का कड़ा कै ऊंदो तो लटकायो च भरतहरी नै आजऽऽ बीर विक्रमा कू ऊंदोऽऽ
ऐ! लटकायो च जा दिनऽऽ यादऽऽ बीर बिक्रमा नै ऊंदोऽऽ
लटकायो च ज्या दिनऽऽ ऐ! यादऽऽ बीर बिक्रमा नै ऊंदोऽऽ
लटकायो च मैहलांऽऽ ऐ! माईऽऽ बीर बिक्रमा न ऊंदोऽऽ
भई रेऽऽ
लटकायो च मैहलांऽऽ माई! अेर म्हारा प्याराऽऽ

ऐ! रै रै बिक्रमा रै डळ-डळ रोवै च नै मैहलाऽऽ
ऐ! माईऽऽ अेर बिक्रमा रै डळ-डळ रोवै च नै मैहलाऽऽ
हो! माईऽऽ अेर बिक्रमा डळ-डळ रोवै च नै मैहलाऽऽ
ऐ! माईऽऽ अेर बिक्रमा रै डळ-डळ ऐ! रोवै च नै मैहलाऽऽ
माईऽऽ अेर म्हारा प्यारा!

हाँ प्यारों!

बिक्रमादीत रोबा लाग जावै डळ-डळ मैहल कैऽऽ
माईनै भाईऽऽ!
नौकर कह र्यो च ज्या दिनऽऽ
काई कह र्यो च भाईऽऽ!
सुसपाल चाकर कह र्यो च भईया राजा भरतहरी कू कै राजा भरतहरी थांका ई भाई नऽऽ छोटा भाई नै मारो मतऽऽ
हम्मै भाईऽऽ!
भालाई देश नकाड़ो दै द्यो तैऽऽ
दै द्यो भाईऽऽ!
नौकर कर वार्ता मान ग्यो छत्री बावन गढा को गढपती राजा भरतहरी देश नकाड़ो दै द्यो च भाई कू छोटा कू बिक्रमा!
दीत कू भाईऽऽ!

आज रै राणी नै अंबर फल देवै राजा भरतहरी मैहल कै प्यारा ओऽऽ!
मांईनै भाईऽऽ!

भागवान शंकर नै अंबर फळ दियो चो ज्या दिन राजा भरतहरी खायो कोनै और खुआवे च राणी कैऽऽ
तांई भाईऽऽ!

देख म्हारी राणी अंबर खा या यै ज्याएगी कायाऽऽ मैहल मेंऽऽ म्हारी गौरी जीऽऽ
अंबर यै हो ज्यागी नै कायाऽऽ ऐ! मैहलऽऽ अेर म्हारी गौरी जी रै अंबर हो ज्यागी नै कायाऽऽ
ऐ! मैहलऽऽ अेर म्हारी राणी रै या अंबर हो जागी नै कायाऽऽ
ऐ! मैहलऽऽ अेर म्हारी गौरीऽऽ

है ज्यागी कायाऽऽऽऽ

है रै रै अंबर है ज्याईगी कायाऽऽ
हम्मै भाईऽऽ!
राणी म्हारी खाले नै री यै अंबर फळ अंबरऽऽ!
हो ज्यागी काया...
बोलोऽऽ!
अंबर खालै न री अंबर फळऽऽ काया थारी अंबर हो ज्यागीऽऽ
ऐ! राणी म्हारी खालै नै यै अंबर फळऽऽ 
क्या केहणाऽऽ
काया थारी अंबर हो जागीऽऽ 
ऐ! राणी म्हारी खालै नै यै अंबर फळऽऽ 
काया थारी अंबर हो ज्यागीऽऽ 

है ज्यागी काया रै कै अंबर है जाईगी कायाऽऽ
औ! हम्मे भाईऽऽ!
राणी म्हारी खालै नै यै अंबर फळऽऽ
काया थारी अंबर हो ज्यागीऽऽ 
राणी म्हारी खालै नै यै अंबर फळऽऽ
काया थारी अंबर हो ज्यागीऽऽ

भरतहरी महाराज कीऽऽ
जय होऽऽ
बोलै गुरूगोरखनाथ जी महाराज कीऽऽ
जय होऽऽ

है म्हारी राणीऽऽ 
हम्मै भईयाऽऽ
श्यामदैऽऽ
हम्मै भईयाऽऽ
अंबर फळ खालै थारै भई अंबर फळ लायो चूँ भगवान शंकर नै दियो चोऽऽ थारी अमर काया हो जाओगीऽऽ तू जनम तक कोन मरैऽऽ अमर ही रैहगीऽऽ
रैहगी भाईऽऽ!
राणी नै बचार कियो राजा भरतहरी का बोल खां तक सुणैगां आपा अंबर रैहुगां तोऽऽ
हम्मै भईयाऽऽ!
राणी नै कुण कू दै दियो च नौकर कैऽऽ
तांई भाईऽऽ!
और नौकर नै खियो कै च आपां जनम ही राजा भरतहरी का नौकर रैहुगांऽऽ
रैहुगां भाईऽऽ!
और इका घोड़ा की ल्याद झा़ड़ता हीऽऽ
रैहुगां भाईऽऽ!
आपां तो कोनै खावा अंबर फळ कूऽऽ
हम्मै भाईऽऽ!
नौकर नै कुण कू दै दियो च?
दै दियो च भाई!
घोड़ा का चरवरदार नै तो भईया ज्या दिनऽऽ
हम्मै भाईऽऽ!
बांदी कू दै दियोऽऽ
दै दियो भाईऽऽ!
बांदी काई कैहव च जनम जाई राजा का रै अब राणी का लत्ता अर कपड़ा धोता ही रैहुंगाऽऽ
रैहुगां भाईऽऽ!
आपां भी कोनै खावाऽऽ
ना खावा भाईऽऽ!
तो दैखा नै भईया वा बांदीऽऽ
हाँ भाईऽऽ!
कुण कू दै दै चऽऽ
कुण नै दै दैअ च भाईऽऽ
अरे गाँव को पुज्यारी चो शहर को आ भईया भगवान का मंदर की पूजा करै चो नै ऊ शहर कैऽऽ
मांईनै भाईऽऽ!

महाराजऽऽ
हम्मै भाईऽऽ!
राजा भरतहरीऽऽ
भरतहरी भाईऽऽ!
बावन गढ़ा को गढ़पती चऽऽ
गढ़पती च भाईऽऽ!
थानै दोअड़ी दैगो काड़ऽऽ
काड़ भाईऽऽ!
आदो नंगरी को राजऽऽ
करैगो भाईऽऽ
आदो राज समळादैगोऽऽ
हम्मै भाईऽऽ!
अंबर फळ खाल्यो तै भगती करता ही रैहगां भगवान का मंदर की सेवाऽऽ
करता रैहगा भाईऽऽ!
और शाम-सुबे आरती बोलता ही रैहगां और झालर बजाता हीऽऽ
रैओगां भाई!
पूज्यारी काई केओ चऽऽ
काई कैह् च भाईऽऽ!
ई झालर कू ई लौया कू आपां जनम तक कूटता ही रैहुगांऽऽ
हम्मै भाईऽऽ!
आपां भी नै खावा इकूऽऽ
नै खावा भाईऽऽ!
तो आपां कुण कू देवाऽऽ!
हम्मे भाईऽऽ!

आज रै पूजारी बाबौ राजा भरतहरी महाराज नै देवै च नै बावन गढ़ा कैऽऽ
तांई भाईऽऽ!
मांई राजा भरतहरी आपां कूँ राज देवैगोऽऽ डोळी समळा देवैगो कोई ईनाम चऽऽ
दे देगौ भाईऽऽ!
अंबर फळ फरतो-फरतो ई आजावै च म्हारा प्यारा भाईयो ज्या दिन राजा भरतहरी कैऽऽ
तांई भाईऽऽ!
राणी श्यामदै सू कैह् र्यो मैहल के मांई छत्री राजा भरतहरी मैहल कैऽऽ
माईनै भईयाऽऽ!

देख म्हारी गौरी जी अंबर फळ कू रै खाईगी च कै रंग काऽऽ
ऐ! मैहलऽऽ अेर म्हारी गौरी जी रै अंबर रै फळ खाईरी च कै मैहल कैऽऽ  
ऐ! माईऽऽ अेर म्हारी गौरी जी रै अंबर फळ खाईरी च कै मैहल कैऽऽ
खागी कै तू?
ऐ! माईऽऽ अेर म्हारी गौरीऽऽऽ

देख म्हारा खावन रै अंबर फळ, खाईगी रै मैहल कैऽऽ
ऐ! माईऽऽ अेर म्हारा खावन रै अंबर फळ खागी रै मैहल कैऽऽ
ऐ! माईऽऽ अेर म्हारा ठाकर रै अंबर फळ खागी च रै मैहल कैऽऽ
ऐ! माई नैऽऽऽ

भरतहरी अंबर फळ बतावै च राणी कैऽऽ
ऐ! तांईऽऽ अेर म्हारा ठाकर रै अंबर फळ बतावै च राणी कैऽऽ
ऐ! तांईऽऽ अेर म्हारा ठाकर रैऽऽ

देख म्हारो राजो रै पुज्यारी नै बुलवायो चो रै मैहल कैऽऽ
ऐ! माईऽऽ अेर म्हारा राजो रै पुज्यारी नै बुलवायो चो मैहल कैऽऽ 
ऐ! माईऽऽ अेर म्हारा राजो रै पुज्यारी नै बुलवायो चो मैहल कैऽऽ
ऐ! माईऽऽ अेर म्हारा प्यारा...
    
अै रै रै पुज्यारी बाबो भाग्यो-भाग्यो आवै रैऽऽ
ऐ! पुज्यारी बाबो भाग्यो-भाग्यो आवै रैऽऽ
है हैऽऽ
पुज्यारी बाबो भाग्यो-भाग्यो आवै रैऽऽ
पुज्यारी बाबो भाग्यो-भाग्यो आवै रैऽऽ

आवै रै मैहलां मांई नैऽऽ
हाँ रैऽऽऽऽऽऽ
वाह प्यारोंऽऽ
पुज्यारी बाबो भाग्यो-भाग्यो आवै रैऽऽ
पुज्यारी बाबो भाग्यो-भाग्यो आवै रैऽऽ
पुज्यारी बाबो भाग्यो-भाग्यो आवै रैऽऽ

आवै च रै राजा का मैहल मैहलई मेंऽऽ
हाँ रैऽऽऽऽऽऽ

वाह प्यारोंऽऽ
हाँ म्हारा सांवराऽऽ

ये बात!

हाँ प्यारैऽऽऽऽऽऽ
क्या कैह् रोए भईया?
ये बात!

जल्दी पुज्यारी बाबा कू बलवा लियो भरतहरी महाराज नै मैहल कैऽऽ
मांईनै भाईऽऽ!
पुज्यारी बाबा सू कैह् र्यो च ज्या दिन राजा भरतहरी पुज्यारी बाबा यो अंबर फळ थारै पास में खांसूऽऽ
आग्यो भाईऽऽ!
महाराज मौकू बांदीऽऽ आपकी बांदी नै दियो चोऽऽ
दियो चो भाईऽऽ!
अंबर फळऽऽ
अरे भाईऽऽ!
बांदी कैहबे लाग जाओ च बोल भाई बांदी सूँ राजा भरतहरीऽऽ
कांई केहर्यो चऽऽ!
बांदी अमर फळ खाँ सूँ लयाई ची वाका बतो दै मौ नै सासाऽऽ
भैद भाईऽऽ!
महाराज थांको घोड़ा को चरवरदार च नै जीने दियो चो मोकूऽऽ
हम्मै भाईऽऽ!
सही च बातऽऽ

चरवरदार कू पकड़ लियो राजा भरतहरी महाराज नैऽऽ
हम्मै भईयाऽऽ!
बोल भई घोड़ा का चरवरदारऽऽ
हम्मै भाईऽऽ!
अंबर फळ खाँ सू आयो थारै पास में?
पास में भईयाऽऽ!
जा दिन गट्टा की नाड़ी खुआ पै ई आगी च माल का चाकर कै ज्या दिन मैहल कैऽऽ
माईनै भाईऽऽ!
घोड़ा का चरवरदार कै कैहर््यो च म्हारा प्यारा वो राजा भरतहरी कैऽऽ
लारनै भाईऽऽ

देख भाई सरदारो राणी नै दियो चो रै मैहलांऽऽ
माई! अेर म्हारा प्यारा वो रै राणी नै दियो च नै मैहलांऽऽ
ऐ! माईऽऽ अेर म्हारा प्यारा वो रै राणी नै दियो च नै मैहलांऽऽ
ऐ! माईऽऽ अेर म्हारा प्यारा वो रै राणी नै दियो च नै मैहलांऽऽ
माईऽऽ अेर म्हारा प्याराऽऽऽ

भई रेऽऽ भरतहरी रै राणी नै रै दियो चो रै अंबर फळऽऽ
ऐ! आजऽऽ अेर भरतहरी रै राणी नै दियो च नै अंबर फळऽऽ
ऐ! आजऽऽ अेर भरतहरी राणी नै दियो च नै अंबर फळऽऽ
ऐ! आजऽऽ अेर म्हारा राजाऽऽ

प्यारो म्हारोऽऽ
अरे म्हारा सांवराऽऽऽऽ

भौजाई नैऽऽ भाएलो बलायो च चतरसाईळी मैऽऽ
हम्मै भाईऽऽ!
काड़ो देवर कै लगायो रै नखराईड़ी नैऽऽ
ओ नाई नै बलायो दैवर काड़ो...
ओ! काड़ो दैवर कै लगायो नखराड़ी नैऽऽ
भौजाई नैऽऽ भाएलो बलायो च चतरसाईळीऽऽ
हम्मै भाईऽऽ!
काड़ो देवर कै लगायो रै नखराईड़ीऽऽ

अरे भौजाई नै भाया भाएलो बलायो च चतरसाईळी मैऽऽ
अरे काड़ो देवर कै लगायो नखराड़ी नैऽऽ

हाँ प्यारों!

सगड़ा काम बड्या हो जाओ च म्हारा बीरवो भौजाई नै भाएलो बुला लियो च चतरसाईळी मै अर काड़ो देवर कै लगायो रै नख...
राड़ी नै भाईऽऽ!

अरे ज्या दिन राजा भरतहरी घबराग्यो मैहल कै मांईनै अर आपणा भाई कै झूटोऽऽ
अड़ंग लगाओ च भाईऽऽ
अड़ंग लगवार देश निकाड़ो दुआदियो च राणी श्यामदे नै मैहल कैऽऽ
मांईनै भाईऽऽ!

अठी नै टैमपास करतो डोलै बिक्रमादीत म्हारा प्यारा वो कोई शैहर कैऽऽ
मांईनै भाईऽऽ!

बिक्रमादीत बाण्या कै रैहबा लाग्यो जार रोट्यां कैऽऽ
सांटै भाईऽऽ!
बिक्रमादीत को ज्या दिन भर्दया रेवै च नै बाण्या कै सेठ कैऽऽ
मांईनै भाईऽऽ!

बाण्या कै एक ही बेटो चोऽऽ
बेटो चो भाईऽऽ!
आँख सू लाचार चोऽऽ
लाचार चोऽऽ!
जीको बिआव रचा दियोऽऽ
रचा दियो भाईऽऽ!
तो बिआओ रचा दियो तो ज्या दिन लाडी का बाप नै काई कैह् दियो?
काई कैह् दियो भाईऽऽ!
आँख सू कोई लाचार हो नै तो बरात में एक भी मत आणाऽऽ
मत आणाऽऽ!

और आगै कांई होअ चऽऽ
कांई होअ च भाईऽऽ!

बना श्रृणगार्यो बींद आपणै रेवै मैहल कै माईऽऽ
मांईनै भाईऽऽ!
फेरा तो इका देदेगां और लाडी कू राख लेंगा नै आपणा छोरा कैऽऽ
छोरा कै भाईऽऽ!

सेठ-सेठाणी बतड़ावै च मैहलां माईऽऽ
अेर भाई मरदो ईयां रैऽऽ
ऐ! बतड़ावै च मैहलांऽऽ माईऽऽ
अेर म्हारा मरदो रै सेठ-सेठाणी बतड़ावै च मैहलां 
ऐ! माईऽऽ अेर म्हारा प्याराऽऽ
ईयां रै कैह् र््या च मैहल कैऽऽ
ऐ! माईऽऽ अेर म्हारा प्यारा रै सेठ-सेठाणी कैह र््या च नै मैहल कैऽऽ
ऐ! माईऽऽ अेर म्हारा प्यारा रै यै ईयां कैह् र््या च नै मैहल कैऽऽ
ऐ! माईऽऽ अेर म्हारा प्याराऽऽ
केह् र््या च नै मैहल कैऽऽ
ऐ! माईऽऽ अेर म्हारा प्याराऽऽ

परणवै जावै च बाणया रै आजऽऽऽऽ
आऽऽऽऽऽऽऽऽज बोलो हरीऽऽ हरीऽऽ हरीऽऽऽऽऽऽऽऽ

ये बातां भाईऽऽ

कांई हो र्यो च म्हारा भाईयो देखांऽऽ!
कांई हो र्यो च भईयाऽऽ!

बिक्रमा नै लाड़ो तो बणायोऽऽ
ऐ! बिक्रमा नै लाड़ो तो बणायो रैऽऽ
ऐ! बिक्रमा नै लाड़ो तो बणायो रैऽऽ
बिक्रमा नै लाड़ो तो बणायो रैऽऽ

लै जावै रै परणबा तांई नैऽऽ हाँ रैऽऽ
वाह प्यारों!

बोलै भरतहरी महाराज कीऽऽ
जय होऽऽ!

बिक्रमादीत कू लाडो बणा दियोऽऽ
बणा दियो भाईऽऽ!
और फैरा पड़बै लाग जाओ चऽऽ
लाग ज्या च भाईऽऽ!
भईया! बड़ी छबी सू ब्याव हो रियो चऽऽ
हो रियो च भईयाऽऽ!

तो राणी को कांई नाम चो पींगड़ाऽऽ
पींगड़ा भाईऽऽ!
लाडी को नाम पींगड़ा चोऽऽ
हम्मै भईयाऽऽ!
तो उका पल्ला पै काई लख दियोऽऽ लाडी का पै?
काई लख दियो भाई!
लूगड़ी का पल्ला पैऽऽ
हम्मैऽऽ!
बिक्रमादीत नैऽऽ
काई लख्यो भाईऽऽ
फैरा तो खारी च राजा का कवर का बिक्रमादीत काऽऽ
दीत का भाईऽऽ!
बाण्या सेठ की लड़कीऽऽ
लड़की भाईऽऽ!
अगर हाँ लेजातांईऽऽ
हाँ ऽऽ!
सेठ को बेटो एक आँख संू लाचार तो ईकै रैहणो पड़गो भाईऽऽ
भाई भाईऽऽ!

परण कै लिआवै चऽऽ
लिआवै च भाईऽऽ!
लाडी कू भईया परण कै लिआओ चऽऽ
लिआओ च भईऽऽ!
ज्या दिन भईया काम कराबै लाग जावै बिक्रमादीत पैऽऽ
दीत पै भाईऽऽ!
सेठ-सेठाणी रै ज्या दिन भईया देबी-देवता डुकावै च नै लाड़ा-लाड़ीऽऽ
काई भाईऽऽ!
गरजोड़ो जोड़ दिया बाण्या सेठ का बेटा काऽऽ
बेटा का भाईऽऽ!

जै बिक्रमादीत आँख लख दियो जीकू लाडी बाच लीऽऽ
बाँच ली भाईऽऽ!

या दिन म्हारा बीरओ लाडी रूसगी इकी ज्या दिन देबी-देवता कोनै डोकै खैड़ा कैऽऽ
मांईनै भाईऽऽ!
मांईनै लाडी कह री च मनै फैरा खाया चा बिक्रमाऽऽ
दीत का भाईऽऽ!

मैतो लाडी बाजूंगी बिक्रमादीत की रै भाई मरदो लाडीऽऽ
ऐ! बाजंूगी बिक्रमादीत की रै भाई मरदो रै लाडी बाजंूगी रै बिक्रमाऽऽ
ऐ! दीतऽऽ अेर भाई मरदो रै लाडी बाजंूगी नै बिक्रमाऽऽ
दीतऽऽ अेर भाई मरदोऽऽ
 
अेर भाई मरदो फैरा रै खाया चा बिक्रमाऽऽ
ऐ! दीतऽऽ का रै भाई मरदो रै फैरा खाया चा बिक्रमाऽऽ
ऐ! दीतऽऽ का रै भाई मरदो रै फैरा खाया चा बिक्रमाऽऽ
ऐ! दीतऽऽ का रै भाई मरदोऽऽ

बिक्रमा कै रैहुंगी रै मैहलांऽऽ
ऐ! माईऽऽ अेर रै म्हारा प्यारा रै बिक्रमा कै रैहुगीं नै मैहलांऽऽ
माईऽऽ अेर रै म्हारा प्याराऽऽ

अरे म्हारा सांवराऽऽऽऽ

हाँ प्यारैऽऽऽऽ
अरे म्हारा भाईऽऽऽऽ
 
मैतो बिक्रमादीत की लाडी चूंऽऽ
लाडी चूं भाईऽऽ!
देबी-देवता कोनै ढोकै भईया वा लाडीऽऽ
लाडी ना डोकै भाईऽऽ!
बिक्रमादीत कू ज्या दिन भईयाऽऽ
हम्मै भाईऽऽ!
राजा की कैद कै मांई खंदवावै लाग गयो सेठ-सेठाणीऽऽ
सेठाणी भाईऽऽ!
देखां कसा खन्दार्या चऽऽ
देखां देखां 

इंये राजा भरतहरी का ज्या दिनऽऽ
ज्या दिन भाईऽऽ!
संत्री चल जावै च बिक्रमादीत कू लियावै कैद कैऽऽ
माईनै भाईऽऽ!

कैद में पटक दियो च म्हारा प्यारा वोऽऽ
प्यारा वो भाईऽऽ!
ज्या दिन भईया ई ध्यान धरै च नै राजा भरतहरी कैदी कैऽऽ
मांईनै भाईऽऽ!
  
बिक्रमादीत नै रै देख्यो चो नै कैद कैऽऽ
माईऽऽ अेर म्हारा प्यारा वो ज्या दिन रै देख्यो चो नै कैद कैऽऽ
माईऽऽ अेर म्हारा प्यारा वो रै ज्या दिन देख्यो च नै बिक्रमा नैऽऽ
ऐ! कैदऽऽ अेर म्हारा प्यारा रै ज्या दिन देख्यो च नै बिक्रमा नैऽऽ
ऐ! कैदऽऽ अेर म्हारा प्याराऽऽ

अेरे भरतहरी डळ-डळ रै रोवै च मैहलांऽऽ
ऐ! माईऽऽ अेर भरतहरी रै डळ-डळ रै रोवै च नै मैहलांऽऽ
ऐ! माईऽऽ अेर भरतहरी डळ-डळ रै रोवै च नै मैहलांऽऽ
ऐ! माईऽऽ अेर म्हारा प्याराऽऽ!

देख संत्री भैज्या रैऽऽ वै भैज्याई च रै दो काऽऽ
ऐ! चारऽऽ अेर म्हारा प्यारा रै संत्री भैज्या च नै दो काऽऽ 
ऐ! चारऽऽ अेर म्हारा प्याराऽऽ

बिक्रमा कू नै निकळायो रै कैद कैऽऽ
ऐ! मांईऽऽ अेर म्हारा प्यारा रै बिक्रमा नै निकळायो रै कैद कैऽऽ
ऐ! मांईऽऽ अेर म्हारा प्याराऽऽ

दोनी भाई मिल र्या च रै मैहलांऽऽ
ऐ! माईऽऽ अेर म्हारा प्यारा रै दोनूं भाई मिल रिया च रै मैहलांऽऽ
ऐ! माईऽऽ अेर म्हारा प्यारा रै दोनू भाई मिल रिया च नै मैहलांऽऽ
ऐ! माईऽऽ अेर म्हारा प्याराऽऽ

देख म्हारा बीरा रै गलती कीऽऽ कर लै नै रै माफीऽऽ
ऐ! यादऽऽ अेर म्हारा बीरा रै गलती की कर लै नै रै माफीऽऽ
ऐ! यादऽऽ अेर म्हारा प्यारा रै गलती की कर लै नै रै माफीऽऽ
ऐ! यादऽऽ अेर म्हारा प्याराऽऽ

अरे म्हारा साँवराऽऽ!

गलती की माफी कर लै आज म्हारा बीर छोटा भाई म्हारा तूऽऽ
भाई-भाईऽऽ!
बिक्रमादीत ई मैहल कैऽऽ
माईनै भाईऽऽ!
ज्या दिन कड़ा कै ऊंदी लटका दी राणी श्यामदै कू राजा भरतहरी मैहल कैऽऽ
मांईनै भाईऽऽ!
म्हारा ई भाई कै झूंठो दाग लगार देश निकाड़ो दुआ दियो च रै राणी श्यामदै मैहल कैऽऽ
मांईनै भाईऽऽ!
अतनी बांतां कैह् र्यो च राजा भरतहरी मैहल कैऽऽ
कैह र्यो च भाईऽऽ!
अरे ज्या दिन राणी श्यामदै नै देश नकाड़ो दै दियो मैहल कैऽऽ
माईनै भाईऽऽ!
बिक्रमादीत कैह् र्यो म्हारा भाई कामी मारै च भाभी नै मैहल कैऽऽ
माईनैऽऽ!
थारा बीरा कै ठोकर-जूता लगावै धक्का दो का चार लगावै नै मैहल कैऽऽ
माईनै भाईऽऽ!
झर-झर रोवै बिक्रमादीत भई भरतहरी रै तू सुण लै म्हारीऽऽ
बात भाईऽऽ!
भाभी कू मत मारै फिर भी याई कह रियो च भईया बिक्रमाऽऽ
दीत भाईऽऽ!
भिलाई दैस नकाड़ो दै दै पर मारै मतऽऽ
मारै मत भाईऽऽ
देस नकाड़ो दुआ दै चऽऽ
हम्मै भाईऽऽ!
अरे ज्या दिन सगड़ो ही काम बड़िया हो जावै चऽऽ
हो जा‘चै भईयाऽऽ!
राजा भरतहरी कैहबा लाग जाओ च भाया तू कशा रियो कशा कोनै रियो बाराह साल तांईऽऽ
बतादै भाईऽऽ!
बखा कै मांईनै तोकू बखो दियो चो मनैऽऽ देस नकाड़ो दियो चोऽऽ
दियो चो भाईऽऽ!
बाण्या सेठ कै तो रियो चो और अशा-अशा बातां बणी ची सगड़ी बातां सुणा दी च बिक्रमा!
दीत नै भाईऽऽ!
तू तो भाई तो आपणो कह तो रण्डवो होग्यो कै च भौजाई कू तो काड दियोऽऽ
काड दियो भाईऽऽ!
भाई के मनै फैरा खाया चा अशा सेठ की लड़की नाऊ पिगडा बोलै चऽऽ
बोलै च भाईऽऽ!
राजा का हुकम चाऽऽ
हम्मै भाईऽऽ! 
राजा का राज कै मायां
मायां भाईऽऽ!
सगड़ोई काम बड़िया हो जाओ च दैखा नी भईयाऽऽ
काई केह च भाईऽऽ!
राजा प्रसित की बेटी ची कुण जी को नाम भी राणी पींगळा चोऽऽ
पींगळा चो भाईऽऽ!
तो या राजा प्रसित की बेटी सिगंल शहर कै मांया जार भईया राजा भरतहरी पर्ण कै लियाओ चऽऽ
लियाओ च भाईऽऽ!
सिगंल शैहर कै मांया सूँऽऽ!
मांया सूँ भाईऽऽ

राज करै राजा भरतहरीऽऽ
भरतहरी भाईऽऽ
बावन गढा को गढपतीऽऽ
गढपती भाईऽऽ!
धारा नंगरी शहर को नाऊ पलट दियो राजा भरतहरी नै नाऊ पाड़ दियो च कांईऽऽ
कांई भाईऽऽ!
उजिण शैहरऽऽ!
शैहर भाईऽऽ!
उजिण शहर को राजा भरतहरी नाऊ पड़ गियो चऽऽ
पड़ गियो च भाईऽऽ!
और म्हारा बीरओ आगै काई बात बणवै.. 
लागरी च भाईऽऽ! 

बाबा गुरूगोरखनाथ कै साडै-चैदासै चैला चा,
चैला चा भाईऽऽ
चैला चा जा में एक धूणो भईया रीतो ही सूनो ही बसे चो,
बसे चो भाईऽऽ!
और धूणा पै तो चैला रैओ चा तपै चा,
तपै चाऽऽ!
 
उजिण शहर कै मांई राजा भरतहरी घणों धर्मावतार राजा चो,
राजा चो भाईऽऽ! 
बावन गढा को गढपतीऽऽ
गढपती भाईऽऽ!
दान बाट‘र ही भोजन, 
जीमैं चो भाईऽऽ! 

तो या महातमा कह र्या च महाराज आपणै एक धूणो रीतो और सूनो क्यु बसै च,
बसै च भाईऽऽ!
बचाओ राजा भरतहरी कै लियै या धूणो सूनो बसै च वार तपै वा धूणा कै,
माईनै भाईऽऽ!

बोलै महाराज राजा भरतहरी तो बावन गढा को गढपती च कामी जोगी बणैगोऽऽ
बणैगो भाईऽऽ!
कामी धुणया तपैगो राजा भरतहरीऽऽ
भरतहरी भाईऽऽ!

जाओ रै महातमा भैदिया दो महातमा राजा भरतहरी कै द्वारै जार अलख जगाजो!
जगा दिजो भाईऽऽ! 
दान कै मांया काई मांगजो,
काई मांगजो भाईऽऽ!
हिरा मृग की खाल,
खाल भाईऽऽ!

हिरा मृग की खाल काई मौजूद थोड़ी धरी ची म्हाऽऽ
धरी ची भाईऽऽ!
बोलै म्हारा हिरा मृग की खाल भी मिलेगी,
मिलैगी भाईऽऽ!
तीन दिन की मौहलत मांग राजा भरतहरी दैखा नी भईया,
काई कहर्यो च भाईऽऽ!
शिकार खेलबै जाऔचो और अठी नै सतरणियां कै माईनै एक ही भरतार चो, सत्तर को एक ही पती,
देव चो भाईऽऽ!
सतरणियां नै काई बच्यार कियो चरती-फरती राजा भरतहरी का राज में चालां धणा धर्मावतार राजा चऽऽ राजा भरतहरी महाराज,
महाराज भईयाऽऽ!
आपणा पतिदेव कू मारवा कोनै,
देगो भाईऽऽ!
या मालम कोनै राजा भरतहरी आपणों बैरीऽऽ
बण जागो भाईऽऽ!

सपरानंदी घाट पै पाणी पीऊंगा और काड़ा माळ मै चरेगां और काड़ा माळ में ही आपां बैठेगांऽऽ
बैठेगां भईयाऽऽ!
टैमपास आपणी माही,
हो जागी भाईऽऽ!
दिन की छपण में!
हम्मै भाईऽऽ!
दिन की छपण मै राजा भरतहरी!
भरतहरी भाईऽऽ!
घोड़ो नौलखो तबैलान सू खोल्यो राजा भरतहरी घोड़ा पै बैठ जाओ च राणी पींगळा सूं कांई जुआब देबैऽऽ
लाग रियो च भाईऽऽ!

राजा भरतहरी कै घर में राणी पींगळा जी नै छः मीना आगली छः मीना पाछली बात राणी नै,  
सुण ली ची भाईऽऽ!
तो राणी पींगळा सू राजा भरतहरी काई जवाब देबै, 
लागर्यो च भाईऽऽ!

बोलै भरतहरी महारज कीऽऽ 
जय होऽऽ!

ये बात!

देख म्हारी गौरी जी तनका रै गताई दे रै पांचूऽऽ
ऐ! कापड़ाऽऽ रै म्हारी गौरी जी रै तनका गताई दै नै पांचूऽऽ 
ओ! ऐ! कापड़ाऽऽ रै म्हारी गौरी जी रै तनका गताई दै नै पांचूऽऽ 
ऐ! कापड़ाऽऽ रै म्हारी गौरीऽऽ

भई रै पीगळा भालो रै गताई देई बिजड़ऽऽ
ऐ! शा’रऽऽ ओरै म्हारी राणी रै भालो गता दै नै बिजड़ऽऽ
लेग्या मोज म्हारा भाईयो!
ऐ! शा’रऽऽ ओरै म्हारी गौरी रै भालो गता दै नै बिजड़ऽऽ
ऐ! शा’रऽऽ ओरै म्हारी राणी रै भालो गता दै नै बिजड़ऽऽ
ऐ! शा’रऽऽ ओरै म्हारी गौरीऽऽ

देख पीगळा सत्तर रै हिरण्या में ही जीयोऽऽऽऽ
ऐ! अेरऽऽ देख म्हारी राणी रै सत्तर हिरण्या में जीयो जीऽऽ
ऐ! अेरऽऽ देख म्हारी गौरी रै...
जीने रै मारूगों नै सपराऽऽऽऽ 
ऐ! घाटऽऽ अेर म्हारी राणी रै उनै मारूगों नै सपराऽऽ
ऐ! घाटऽऽ अेर म्हारी गौरी रै उनै मारूगों नै सपराऽऽ
ऐ! घाटऽऽ अेर म्हारी गौरीऽऽ

देख म्हारा खावन जी वई चंडैड़ी असवारी रै पाछीऽऽ
ऐ! नई डटैऽऽ अेर म्हारा खावन रै चंडैड़ी असवारी रै पाछीऽऽ
ऐ! नई डटैऽऽ अेर म्हारा खावन रै चंडैड़ी असवारी पाछेऽऽ
ऐ! नई डटैऽऽ अेर म्हारा खावनऽऽ

भारतहरी महाराज कीऽऽ
जय होऽऽ!

बावन गढा का गढपती राजा भरतहरी चंडैड़ी असवारी नै पाछी डाट लैऽऽ मत जावै तू खैलबै सिकार बिगट बनी कैऽऽ
माईनै भाईऽऽ!
राजा भरतहरी दिन थोड़ो च बन चै दूरीऽऽ
दूरी भाईऽऽ!

आज की घड़ी पुण नै टाळ दे मत जावै म्हारा खावन जीऽऽ  
शिकार खेलबै भाईऽऽ! 

हाथ जोड़ राणी पींगळा कैह् री च राजा भरतहरी कैऽऽ
ताई भाईऽऽ! 
राजा भरतहरी कैह् र्यो च राणी पींगळा चंडैड़ी असवारी पाछी नही डटैगीऽऽ राजा भरतहरी की जाओगो खेलबैऽऽ 
शिकार भाईऽऽ!
राणी पींगळा गादी लागै च राजा इंद्र की शैहर ऊजीण कैऽऽ
मांईनै भईयाऽऽ!
नै होयो सुबर घोड़ी की पीठ पै सवारऽऽ 
असवार भाईऽऽ!
नै पियो मैने बैहती गंगा कोऽऽ
नीर भाईऽऽ!
नै पर तरया पै पटक्यो मैनेऽऽ
हाथ भाईऽऽ!
नर को जायो खेलै बिगट बनी मै शिकार तो बैरी दुशमन पै ही डालैगोऽऽ
हाथ भाईऽऽ!

हाथ जोड़ राणी पींगळा कैह् री च राजा भरतहरी कै तांईऽऽ
ताई भाईऽऽ! 

कांई कैह् री च राणी पींगळाऽऽ नै समझै या भरत पुंवारऽऽ
पुंवार भाईऽऽ!

देख म्हारा खावन जी खोटा रै हैग्या यै च रै बन काऽऽ
ऐ! सोणऽऽ अेर म्हारा खावन रै खोटा होग्या च रै बन काऽऽ
सोणऽऽ अेर म्हारा राजा रै खोटा होग्या च रै बन काऽऽ
ऐ! सोणऽऽ अेर म्हारा राजा रै खोटा होग्या च रै बन काऽऽ
सोणऽऽ अेर म्हारा राजाऽऽ

देख म्हारा राजा रै बांई रै बालै च रै बन मेंऽऽ
ऐ! कोचरऽऽ अेर म्हारा राजा रै बांई बालै च रै बन मेंऽऽ
ऐ! कोचरऽऽ अेर म्हारा राजा रै बांई बाले च रै बन मेंऽऽ
कोचरऽऽ अेर म्हारा राजाऽऽ

भरतहरी रै दांई रोवै च रै जम्मौऽऽ
ऐ! श्याळऽऽ अेर म्हारा राजा रै दांई रोवे च रै जम्मौऽऽ 
ऐ! श्याळऽऽ अेर म्हारा राजा रै दांई रोवै च रै जम्मौऽऽ
ऐ! श्याळऽऽ अेर म्हारा राजा रै दांई रै रोवै च रै जम्मौऽऽ
श्याळऽऽ अेर म्हारा राजाऽऽ

आज म्हारा खावन काऽऽऽऽऽऽ खोटो रै है गियाई च रै बन काऽऽ
ऐ! सोणऽऽ अेर म्हारा खावन रै खोटा हो गया च नै बन काऽऽ
ऐ! सोणऽऽ अेर म्हारा खावन रै खोटा हो गया च नै बन काऽऽ
सोणऽऽ अेर म्हारा खावनऽऽ

देख म्हारा राजा जी सत्तर रै हिरण्या में ई पियोऽऽ
ऐ! एकऽऽ अेर म्हारा राजा रै सत्तर हिरण्या में ई पियोऽऽ
ये बातां!
ऐ! एकऽऽ अेर म्हारा राजा रै सत्तर हिरण्या में पियो जीऽऽ
ऐ! एकऽऽ अेर म्हारा राजाऽऽ 

मत नै रै जावौ जी ऊ बन कैऽऽ
ऐ! माईऽऽ अेर म्हारा राजा रै मत नै जावौ जी रै बन कैऽऽ
ऐ! माईऽऽ अेर म्हारा राजाऽऽ

भई भरतहरी सत्तर रै डोलेंगी नै बन मेंऽऽ
ऐ! राण्डऽऽ अेर म्हारा राजा रै सत्तर डोलैंगी नै बन मेंऽऽ
ऐ! राण्डऽऽ अेर म्हारा राजा रै सत्तर डोलैंगी नै बन मेंऽऽ
ऐ! राण्डऽऽ अेर म्हारा राजाऽऽ

वाह प्यारोंऽऽ
ये बातांऽऽ

ये बात!

वाह भाईऽऽऽ

बोले गुरू महाराज की... 
जय हो!