Jagar

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जीत सिंह (Jeet Singh)
लोक देवी नन्दा का उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में बड़ा महत्व है। नन्दा से जुड़े तमाम उत्सव, परंपराएँ, मान्यताएँ, कहानियाँ एवं गीत इस पर्वतीय समाज को एक अर्थ प्रदान करते हैं। इन परंपराओं या मान्यताओं को सिर्फ धार्मिक मान लेना शायद एक चूक हो, यह सामाजिक, सांस्कृतिक, पर्यावरणीय एवं धार्मिक आयामों का…
in Article
जीत सिंह (Jeet Singh)
उत्तराखण्ड का पर्वतीय क्षेत्र भी भारत के तमाम अन्य हिस्सों की तरह लोक परंपराओं का क्षेत्र है। ख़ास बात यह है कि तमाम सांस्कृतिक सम्मेलनों व परंपराओं के आदान-प्रदान के बाद भी इस क्षेत्र में लोक देवताओं और उनसे जुड़े स्थानीय लोक उत्सवों का विशेष महत्व है। ऐसा भी कहा जा सकता है कि इन लोक परंपराओं और…
in Overview
जीत सिंह (Jeet Singh)
आम तौर पर ये गीत लोक देवी या देवताओं की कहानियों का बखान करते हैं। हालांकि जागर गायन हेतु कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन इसकी गायन शैली में निपुण कुछ ही लोग हैं, जिन्हें स्थानीय भाषा में ‘जागुरूवे’ कहा जाता है। यह साक्षात्कार ऐसे ही एक जागुरूवे श्री सज्जन सिंह रावत का है। 85 वर्षीय श्री रावत ने वर्ष…
in Interview
जीत सिंह (Jeet Singh)
उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में ‘नन्दा देवी’ का बड़ा सांस्कृतिक महत्व है। खास तौर पर राज्य के चमोली तथा अल्मोड़ा जिले के कुछ गांवों में लोक देवी नन्दा की परिकल्पना और उससे जुड़ी परंपराएं और रीति-रिवाज स्थानीय लोक संस्कृति का एक बड़ा हिस्सा है। वैदिक देवियों की अपेक्षा नन्दा की परिकल्पना काफी भिन्न…
in Module
  चौक एक अनुष्ठानिक स्थान है जहां  अलौकिक शक्तियों से संबंधित अनुष्ठान सम्पर्ण किये जाते है। अधिकांश चौक चावल के आटे से बनाएं जाते हैं क्योंकि अन्न प्रकृति से प्राप्त सबसे पवित्र रूप है। धान को  भी लक्ष्मी  माना जाता है, इसलिए चौक बनाने के लिए यह सबसे पवित्र सामग्री मानी जाती है। लक्ष्मी जगार के…
in Video
छत्तीसगढ़ एक चावल केन्दित संस्कृति की भूमि है ।  इस राज्य मे देश के किसी भी क्षेत्र की तुलना मे धान की सर्वाधिक प्रजातियां पायी जाती हैं। यह एक धान उत्पादक और चावल उपभोगी राज्य है। यहां की संस्कृति धान और चावल पर संधारित है।  जीवन संस्कार के विविध सोपानों और अर्थ व्यवस्था मे धान और चावल की प्रमुखता…
in Module
This essay by Rajesh Ganodwale briefly describes the 10th Jagar celebration at Motibagh, Raipur.    राजेश गणोडवाल द्वारा यह निबंध संक्षेप में मोतीबाग, रायपुर में 10 वें जगर उत्सव का वर्णन करता है।
in Library Artifacts
The article generously describes the 8th Jagar Ceremony organised in Chhattisgarh. The Jagar ceremony, held every year without fail is a confluence of art and culture. Performances, art displays and eateries from various states attract mixed audience who engage into a variety of activites at the…
in Library Artifacts
This short essay by Rajesh Ganodwale describes the 12th Jagar celebration at Motibagh, Raipur. राजेश गणोडवाल द्वारा यह संक्षिप्त निबंध मोतीबाग, रायपुर में 12 वें जगर उत्सव का वर्णन करता है।
in Library Artifacts
Mushtak Khan
    Harihar Vaishnav, folklorist, Chhattisgarh in conversation with Mushtak Khan on his life contribution to the field of oral traditions of Bastar.
in Video