Folk Tales

Displaying 11 - 20 of 20
डॉ सतपाल सिंह (Dr Satpal Singh)
डाॅ. सतपाल सिंह: राजस्थान के सामाजिक परिदृश्य में लोक देवी-देवता संस्कृति के प्रादुर्भाव और उसके लोकप्रिय होने के क्या कारण रहे हैं ? डाॅ. भरत ओला: देखिए, राजस्थान के जितने भी लोकदेवी-देवता हुए हैं, वो उस वक्त में हुए हैं जब पूरा सामन्ती काल था और पूरा समाज जाति व्यवस्था में बंटा हुआ था। जो कमेरा…
in Interview
डॉ सतपाल सिंह (Dr Satpal Singh)
लोकगाथाओं के अध्ययन की दृष्टि से भारतीय लोकसाहित्य बेहद महत्त्वपूर्ण है। यहाँ की भाषाओं-संस्कृत, प्राकृत, पाली, अपभ्रंश तथा मध्यकालीन क्षेत्रीय भाषाओं में विपुल परिमाण में लोक ने गाथाओं का सृजन किया जो विविध रूपों में गाई और कही जाती हैं। वेद, उपनिषद, पुराण, बौद्ध, जैन एवं अन्य दार्शनिक ग्रंथों पर…
in Overview
डॉ सतपाल सिंह (Dr Satpal Singh)
  लोकसाहित्य आदिकाल से ही लोकमानस के लिए से अभिव्यक्ति का माध्यम रहा है। यह श्रव्य परंपरा का वह माध्यम है जिसमें ग्राम्य जीवन अपने आपको प्रकट कर सका है। भारतवर्ष लोकसाहित्य की दृष्टि से समृद्ध राष्ट्र रहा है और इसमें लिखित साहित्य के अलावा मौखिक साहित्य की भी विशिष्ट परंपरा रही है। इसके विविध…
in Article
डॉ सतपाल सिंह (Dr Satpal Singh)
गोगाजी लोकदेवता के रूप में राजस्थान ही नहीं अपितु समीपवर्ती हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, दिल्ली और मध्यप्रदेश तक पूजे जाते हैं। इनसे जुड़ी हुई लोकगाथा भी इन क्षेत्रों में प्रचलित भाषाओं और बोलियों में गाई जाती हैं जिसे गोगा गाथा, गोगाजी रौ झेड़ौ /झड़ौ, गोगाजी रौ झोड़, बागड़ की लड़ाई आदि…
in Article
डॉ सतपाल सिंह (Dr Satpal Singh)
राजस्थान के पाँच पीरों में से एक गोगाजी पश्चिमी राजस्थान के चुरू जिले में स्थित ददरेवा (राजगढ़) नामक ठिकाने के शासक जेवर चैहान के पुत्र थे। इनकी माता का नाम बाछल था। गोगाजी का जन्म प्रसिद्ध नाथयोगी गोरखनाथ के आशीर्वाद से माना जाता है। गोगाजी के समय के बारे में इतिहासकारों में अनेक मतभेद हैं। कर्नल…
in Module
राहुल कुमार सिंह
छत्तीसगढ़ की सीमावर्ती पहाड़ियां ऊँचाई का, प्राकृतिक संसाधनयुक्त रत्नगर्भा धरती सम्पन्नता का, व वन-कानन सघनता का परिचय देते हैं वहीं मैदानी भाग उदार विस्तार का परिचायक है। इस मैदानी हिस्से की जलराशि में सामुदायिक व समन्वित संस्कृति के दर्शन होते हैं, जहां जल-संसाधन और प्रबंधन की समृद्ध परम्परा के…
in Article
Lakshmi Swaminathan
  Once upon a time, in one of the villages in Kangra valley, there lived a small family of a mother, son and his wife. The family owned a field where they grew rice, wheat, corn, maize and some vegetables. It was the time to harvest rice, but the son had gone far away with his livestock. The…
in Overview
Riddhi Pandey (compiler)
  Wealth and Sleep A Baiga story from Hirapur, Balaghat District   Once  the Cow was disputing with the Wind as to who was greater. Then Nanga Baiga (the first Baiga on earth) came by and asked them why they were fighting. The Cow said, ‘I am the greatest, for all over the world the crops grow…
in Article
In this article, Komal Kothari describes how he and Vijaydan Detha established Rupayan Sansthan in 1960, wanting it to be 'wholly "saturated" with the oral tradition of the inhabitants'. An introduction to the music, ballads, practices and lore recorded in the thousands by the institute for…
in Library Artifacts