Vishakha Khetrapal
The Ramnami community of Chhattisgarh is a low-caste religious movement whose followers tattoo their bodies, including in some cases eyelids, with the name of Lord Ram. The movement, which is more than a century old, started as an act of peaceful resistance against the practice of…
in Article
Chandrica Barua
Having left their ancient homeland in Yunnan in present-day southwest China in the thirteenth century, and wandering until they reached Assam in the nineteenth century, the Tai Khamyangs’ inherited history correlates to the stability of a past affiliation and of current belonging to a community—…
in Article
डॉ सतपाल सिंह (Dr Satpal Singh)
डाॅ. सतपाल सिंह: राजस्थान के सामाजिक परिदृश्य में लोक देवी-देवता संस्कृति के प्रादुर्भाव और उसके लोकप्रिय होने के क्या कारण रहे हैं ?
डाॅ. भरत ओला: देखिए, राजस्थान के जितने भी लोकदेवी-देवता हुए हैं, वो उस वक्त में हुए हैं जब पूरा सामन्ती काल था और पूरा समाज जाति व्यवस्था में बंटा हुआ था। जो कमेरा…
in Interview
डॉ सतपाल सिंह (Dr Satpal Singh)
लोकगाथाओं के अध्ययन की दृष्टि से भारतीय लोकसाहित्य बेहद महत्त्वपूर्ण है। यहाँ की भाषाओं-संस्कृत, प्राकृत, पाली, अपभ्रंश तथा मध्यकालीन क्षेत्रीय भाषाओं में विपुल परिमाण में लोक ने गाथाओं का सृजन किया जो विविध रूपों में गाई और कही जाती हैं। वेद, उपनिषद, पुराण, बौद्ध,…
in Overview
डॉ सतपाल सिंह (Dr Satpal Singh)
लोकसाहित्य आदिकाल से ही लोकमानस के लिए से अभिव्यक्ति का माध्यम रहा है। यह श्रव्य परंपरा का वह माध्यम है जिसमें ग्राम्य जीवन अपने आपको प्रकट कर सका है। भारतवर्ष लोकसाहित्य की दृष्टि से समृद्ध राष्ट्र रहा है और इसमें लिखित साहित्य के अलावा मौखिक साहित्य की भी विशिष्ट परंपरा रही है। इसके विविध…
in Article
डॉ सतपाल सिंह (Dr Satpal Singh)
गोगाजी लोकदेवता के रूप में राजस्थान ही नहीं अपितु समीपवर्ती हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, दिल्ली और मध्यप्रदेश तक पूजे जाते हैं। इनसे जुड़ी हुई लोकगाथा भी इन क्षेत्रों में प्रचलित भाषाओं और बोलियों में गाई जाती हैं जिसे गोगा गाथा, गोगाजी रौ झेड़ौ /झड़ौ, गोगाजी…
in Article
डॉ सतपाल सिंह (Dr Satpal Singh)
राजस्थान के पाँच पीरों में से एक गोगाजी पश्चिमी राजस्थान के चुरू जिले में स्थित ददरेवा (राजगढ़) नामक ठिकाने के शासक जेवर चैहान के पुत्र थे। इनकी माता का नाम बाछल था। गोगाजी का जन्म प्रसिद्ध नाथयोगी गोरखनाथ के आशीर्वाद से माना जाता है। गोगाजी के समय के बारे में इतिहासकारों में अनेक मतभेद हैं। कर्नल…
in Module
Soumik Datta
Bhawaiya is a major genre of folk song popular throughout the entire sub-Himalayan belt of northern West Bengal, western Assam and parts of Bangladesh. Drawing its roots from various theatrical and matriarchal ritual folk music traditions, bhawaiya has developed into a socially conscious yet…
in Module
Sanyukta Sharma
The people interviewed for this purpose include Surendra Pundir, writer and folk researcher based in Dehradun and Mussoorie, who has compiled books about Jaunpur, including Jaunpur ke Lok Geet (The Folk Songs of Jaunpur). There are detailed interactions with Anuradha Gupta, co-founder of Society…
in Interview
Sanyukta Sharma
Agricultural songs jungoo and dooah once resonated the forests of Jaunpur and Jaunsar region of the Garhwal district of Uttarakhand. In a pastoral society where people toiled for hours in faraway woodlands, these songs helped them communicate as well as entertain themselves.
This short documentary…
in Video