Ram Shrestha Deewana

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Sunil Kumar
चित्र: राजा सलहेस की टेराकोटा मूर्तियां, रमा पंडित, दरभंगा, 2017 । फोटोग्राफर - सुनील कुमार    नेपाल की तरार्इ में स्थित महिसौथा गांव में दुसाध जाति के एक महात्मा थे। उनका नाम था वाक मुनि। वे 12 वर्ष की कठोर तपस्या में लीन थे। इसी दौरान इन्द्रलोक से मायावती नाम की एक अप्सरा फूल लोढ़ने के लिए…
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Sunil Kumar
चित्र: महेंद्र साव, सलहेस लोक-कलाकार, बेतौनहा, मधुबनी, 2016 । फोटोग्राफर - सुनील कुमार   मधुबनी के घोघरडीहा में देर रात तक चल रहे एक लोकनाट्य का दृश्य, मंच पर गर्व से लबरेज नायक के कई संवादों में से कुछ की बानगी:-   नायक का अपना परिचयात्मक संवाद -   हमरो जे घर यौ पंचन राज छै महिसौथा मे। हमरो जे नान…
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हसन इमाम
चित्र: सलहेस लोकगायक, बाजितपुर, दरभंगा टीम, 2016। चित्र - सुनील कुमार   इससे पूर्व कि मैं लोकगाथा राजा सलहेस की सामाजिक प्रासंगिकता के विषय पर विस्तार से चर्चा करूं, अपनी पृष्ठभूमि के बहाने राजा सलहेस नाच की थोड़ी चर्चा करना चाहूंगा। लोकगाथाओं से मेरा पहला परिचय बचपन में हआ। मैं पटना के सेंट जेवियर…
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Sunil Kumar
  चित्र: महेंद्र मलंगिया, रंगकर्मी व लोकनाट्य विशेषज्ञ, मधुबनी।    संस्कृति का भार वहन करते सलहेस कलाकार   महेंद्र मलंगिया रंगकर्मी व लोकनाट्य विशेषज्ञ, मधुबनी।    महेंद्र मलंगिया मिथिला के जाने-माने रंगकर्मी और लोकनाट्य विशेषज्ञ हैं। बिहार और नेपाल के लोकनाट्यों पर उन्होंने गंभीर शोध किये हैं और…
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Sunil Kumar
  चित्र: हसन इमाम, रंगकर्मी व लोकनाट्य विशेषज्ञ, पटना     लोकगाथा राजा सलहेस की सामाजिक प्रासंगिकता   हसन इमाम, वरिष्ठ रंगकर्मी व सलहेस लोकगाथा विशेषज्ञ, प्रेरणा, पटना।   मैंने अपने शोध में पाया कि बिहार के दलित समुदाय, खासकर दुसाधों और पासवानों में लोकदेवता के रूप में पूजे जाने वाले सलहेस की…
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Sunil Kumar
‘Raja Salhesh’ is one of the most popular folklores of Bihar with its representation in different art forms like folk painting, folk theatre or folk songs. The hero of the folklore, Raja Salhesh, is revered by the Dusadh caste as a god with magical powers. The first documentation, which is…
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Sunil Kumar
  बिहार में राजा सलहेस की लोकगाथा महत्वपूर्ण है और बिहार में जितनी भी लोकगाथाएं है उनमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। ऐसा लोग मानते हैं। मेरा दृष्टिकोण कुछ दूसरा है। भारत की जितनी भी लोकगाथाएं हैं, या विश्व की जितनी भी लोकगाथाएं हैं, अगर आप उसे देखेंगे तो हमने जो देखा है, पढ़ा है और हमने जो जानने का…
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