Madhya Pradesh
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Pandit Om Prakash Sharma is considered to be the face of maach folk theatre form in India. He belongs to the Ustad Kaluram school of maach. Ustad Kaluram was his grandfather, and he has been practising the folk art of maach since his childhood. His contribution to maach is not restricted…
in Interview
I regard the theatre as the greatest of all art forms, the most immediate
way in which a human being can share with another the sense of
what it is to be a human being.
—Oscar Wilde
In the social structure of India, living traditions hold a prominent position. Any form of living…
in Overview
Since the early eighteenth century, maach, a musical folk theatre form of Madhya Pradesh, has been an integral part of the local culture of the Malwa region. Performed mostly by men who also don female roles, the performance art form uses satirical humour in its songs and dialogues to make…
in Module
बुन्देलखण्डी परिवेश में रहकर बड़ी हुईं मैत्रेयी पुष्पा के विभिन्न उपन्यासों, ‘इदन्नमम’, ‘बेतवा बहती रही’, ‘अल्मा कबूतरी’ आदि में बुन्देलखण्ड के भूगोल, सामाजिक-जनजीवन, संस्कृति आदि का सम्पूर्णता से परिचय मिलता है। मैत्रेयी पुष्पा को हिन्दी अकादमी द्वारा साहित्य कृति सम्मान, ‘फैसला’ कहानी पर कथा…
in Interview
साहित्य किसी भी क्षेत्र के संस्कृति-संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हिन्दी साहित्य में बुन्देलखण्डी संस्कृति को अन्य क्षेत्रों की संस्कृति की अपेक्षा कम महत्व दिया गया है। साहित्य में संस्कृति के संरक्षण की दृष्टि से वृन्दावन लाल वर्मा और मैत्रेयी पुष्पा के उपन्यासों में बुन्देलखण्डी-…
in Article
बुन्देलखण्ड मध्य-भारत का ऐसा भाग है, जिसमें उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश दोनों राज्यों के आंशिक क्षेत्र समाहित हैं। बुन्देलखण्ड के अलग-अलग भागों में इतिहास, संस्कृति और भाषा की दृष्टि से विविधता होते हुए भी भौगोलिक, सामाजिक, सांस्कृतिक समानता लिए हुए एक अलग ही विशिष्टता है। किसी भी प्रान्त पर…
in Overview
किसी भी प्रान्त की संस्कृति के संरक्षण के लिए वहाँ की विशिष्टताओं का साहित्य में समावेश महत्वपूर्ण है। साहित्य क्षेत्रीय-इतिहास, जनजीवन एवं संस्कृति के संग्रह का प्रमुख माध्यम है परन्तु बुन्देलखण्डी बोली, भौगोलिक परिवेश, जनजीवन, इतिहास और संस्कृति पर आधारित साहित्य का पर्याप्त विश्लेषण नहीं…
in Module
कान्हा मैकल के आदिवासी जनजातियों की भोजन विविधता को जानने के लिए माह दिसंबर 2018 और जनवरी 2019 में इस अध्ययन के अंर्तगत चार व्यक्तियों के साथ साक्षात्कार किये गये। साक्षात्कार में विषय से संबंधित प्रश्न पूछे गये। साक्षात्कार किये गये व्यक्तियों का विवरण निम्नलिखित हैं-
श्रीमती रामकली सैयाम…
in Interview
कान्हा मैकल पर्वत श्रृँखला मुख्यतः सतपुड़ा पर्वत श्रृँखला का एक हिस्सा है| मध्य प्रदेश के मंडला, बालाघाट, डिंडोरी, जबलपुर और सिवनी जिले मुख्य रूप से इसके हिस्से हैं, इस श्रृँखला का कुछ हिस्सा कवर्धा जिले में आता है जो अब छत्तीसगढ़ राज्य में है, कवर्धा जिले का वो हिस्सा जो डिंडोरी और मंडला…
in Overview
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