मुश्ताक खान
परसौदा बड़े गांव सारंगगढ़ से भटगांव जाने वाले मुख्य सड़क मार्ग पर स्थित है और एक औसत दर्जे का गांव है। यहाँ की आबादी मिश्रित है तथा यह अच्छा खेतिहर इलाका है। गांव के मध्य में एक मंदिर और एक पक्की चौपाल बनी हुई है। इसी चौपाल के सामने वाले घर के बाहरी बराम्दे में इन जोगियों ने अपना डेरा बनाया हुआ…
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Mushtak Khan
छत्तीसगढ़ की वाचिक परम्परा अत्यंत संपन्न है विशेष तौर पर लोक काव्यों, लोक कथाओं और लोक गीतों के क्षेत्र में यह अद्वितीय है। देश की आज़ादी के बाद जिन प्रदेशों से सर्वाधिक लोक कथा गायकों ने नाम कमाया है उनमें छत्तीसगढ़ भी एक है। वाचिक परम्परा की इस सम्पन्नता में यहाँ के अनेक घुमन्तु समुदायों का बड़ा हाथ…
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Gorakhnath was the main preceptor of the Nath Panthi sampradaya. While the main thrust of the sampradaya focused on the Hatha yoga, there were many syncretic stands that were drawn into their fold. The Nath sampradaya was wide spread and Jogis associated with this fold actively disseminated ideas…
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Gorakhnath was the main preceptor of the Nath Panthi sampradaya. While the main thrust of the sampradaya focused on the Hatha yoga, there were many syncretic stands that were drawn into their fold. The Nath sampradaya was wide spread and Jogis associated with this fold actively disseminated ideas…
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Gorakhnath was the main preceptor of the Nath Panthi sampradaya. While the main thrust of the sampradaya focused on the Hatha yoga, there were many syncretic stands that were drawn into their fold. The Nath sampradaya was wide spread and Jogis associated with this fold actively disseminated ideas…
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Gorakhnath was the main preceptor of the Nath Panthi sampradaya. While the main thrust of the sampradaya focused on the Hatha yoga, there were many syncretic stands that were drawn into their fold. The Nath sampradaya was wide spread and Jogis associated with this fold actively disseminated ideas…
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गोरखनाथ लोक कथा
तैं जोगी बने बेटा तैं साधु बने रे, काय खातिर बेटा तैं साधु बने रे
तैं जोगी बने बेटा तैं बैरागी बनै रे, काय खातिर बेटा तैं साधु बने रे
तैं जोगी बने बेटा तैं साधु बने रे, कहां रोवय तोर दाई ददा ल कहां रोवय संगवारी
गोरखनाथ का प्रथम चेला राजा भरथरी राजा भरथरी है,
जय गुरु गोरख…
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Balak Das
भरथरी लोककथा सार
मान्यता है कि गुरू गोरखनाथ का प्रथम चेला राजा भरथरी था। कथा के अनुसार राजा भरथरी का जन्म गढ़ उज्जैन में हुआ था। उनसे जन्म के समय नामकरण के लिए काशी से ब्राह्मण आए थे।उन्होनें ज्योतिष गणना करके बताया कि यह बालक बारह वर्ष तक राज करेगा उसके बाद तेरहवें वर्ष में यह योगी बना जायेगा।…
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Preeti Bahadur Ramaswami, Mushtak Khan
The tale of Gopi Chanda and that of Raja Bharthari are interlinked. Both their protagonists are kings who become yogis on account of circumstances that are predestined. Their fates are linked to Nath Jogis, a community of renunciates, who both feature in these tales and were…
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