Bastar
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Goncha is a celebration of the cult of Jagannath in Bastar, bringing in distinctly Odiya practices into the landscape of Bastar. Unlike the complete acculturation of the cult of Danteshwari in Bastar, the Jagannath cult remained relatively un-assimilated.
This video documents the Goncha festival…
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आदिवासी चित्रकार मेहरु मुरिया से मुश्ताक खान की उनकी चित्रकारी के बारे में बातचीत, नवम्बर २०१४
मेहरु कहते हैं, "मैं बस्तर के मसौरा गांव का रहनेवाला हूँ। यह गांव रायपुर से विशाखापटनम जाने वाले हाइवे पर स्थित है, जो रायपुर से आने वालों के लिए कोंडागांव से लगभग ६ किलो मीटर पहले पड़ता है। मसौरा…
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पीड़ा एवं सौंदर्य :छत्तीसगढ़ी गोदना प्रथा / Between agony and ecstasy : Godna practice in Chhattisgarh
The practice of tattooing is widely prevalent across Chhattisgarh. It is a form of body art practiced mostly by women on women, mainly amongst adivasi and ‘lower’ caste communities from this region. The word used for this practice is godna, which refers to the piercing of the body with needles. The…
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Kamal Singh Lohar is a stone carver from Ektagudha, Chhattisgarh. This video records a conversation between him and Mushtak Khan on the craft of stone carving. The speak on procuring stone, crafting them into sculpture, discussing in detail the steps involved, the tools used, types…
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Kamal Singh Lohar is a stone carver based in Bastar, Chhattisgarh. This video captures his manner of crafting on stone.
This content has been created as part of a project commissioned by the Directorate of Culture and archaeology, Government of Chhattisgarh to document the cultural…
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जंगलों के घटने एवं बढ़ते शहरीकरण ने आदिवासियों को ग्रामिण हिन्दू संस्कृति के नजदीक ला दिया और परिणाम स्वरूप आदिवासियों के निराकार देवी-देवता जो अनगढ़ पत्थरों, लकड़ी के टुकड़ों आदि के रूप में पूजे जाते थे उनका स्थान मानवरूप प्रतिमाओं ने ले लिया। शीघ्र ही पीतल, लकड़ी, पत्थर एवं मिट्टी की बनी प्रतिमाएं…
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बस्तर के आदिवासियों के निराकार देवी-देवताओं की प्रतिमाएं कब और कैसे बनाई जानी आरम्भ हुई एक विवादास्पद मुद्दा है, परन्तु इनके विकास में यहाँ के प्रस्तर शिल्पी लोहार एवं धातु शिल्पी घढ़वा लोगों का योगदान सर्वाधिक महत्वपूर्ण रहा है। क्योंकि यह मूर्तियां सामान्यतः के किसी लोहार एवं घढ़वा द्वारा बनवा ली…
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गोटुल शब्द मैंने पहली बार सुना तब में छत्तीसगढ़ में एक संस्था के साथ काम कर रहा था | गोटुल के बारे में लोगों के अलग अलग विचार थे, कुछ बुरे कुछ अच्छे | मैंने कभी गोटुल देखा नहीं था, पर आदिवासीयों के साथ काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्त्ता, शहरों में रहने वाले गोंड समुदाय के लोग, लेखक या पत्रकार…
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घोटुल एक तरह का सामुदायिक स्थान है जो मुरिया एवं माडिया गोंड समुदाय के लगभग सभी गाँव में होता है| यह मुरिया एवं माडिया गोंड आदिवासियों के लिए एक शिक्षा, निर्णय, संचार, संस्कृति और धर्म से जुड़ा स्थान है| सालों पहले बस्तर के मुरिया एवं माड़िया समुदाय ने अपने पारंपरिक ज्ञान को आगे बढ़ाने और गाँव में…
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Lac is one oldest resins known to mankind. It is formed from the secretions of particular species of insect on host trees. In India lac resin is found in the belt that stretches from Maharashtara in the west to West Bengal. In Chhattisgarh, as in other places, lac was earlier found…
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