इस छाया चित्र संग्रह में मुरिआ और मड़िआ समुदाय में गोटुल और उसके महत्व को दर्शाया हैं| इस संग्रह में छत्तीसगढ़ राज्य के नारायणपुर एवं कांकेर जिला और महाराष्ट्र राज्य के गडचिरोली जिला के गोटुल और उससे से जुडी गतिविधियों के छाया चित्र संघ्रहित किये है| इस संग्रह को तीन हिस्सों में बांटा गया है - गोटुल की भवन संरचना और गांव में उसका स्थान, गोटुल से जुड़े ग्राम स्तर के कार्यक्रम, और ऐसे कार्यक्रम जिनमे एक से अधिक गोटुल और गांव सम्मिलित होते है| यह छाया चित्र संग्रह वर्त्तमान में गोटुल की स्तिथि और उसमें होने वाली
सामुदायिक गतिविधियों को दर्शाता है|
हर्षित चार्ल्स (Harshit Charles)
बालघाट से आने वाले हर्षित चार्ल्स एक फ्रीलान्स फोटोग्राफर और डिज़ाइनर हैं | वे कई सालों से आदिवासियों के साथ काम कर रहे हैं | उन्हें हमेशा से ही फोटोग्राफी के ज़रिये कहानियां बताने में दिलचस्पी रही है |आदिवासी जीवनशैली से वे काफी प्रभावित रहे हैं और चाहते हैं की अपने काम के ज़रिये और लोगों को भी आदिवासियों की जीवनशैली के बारे में समझा सकें और आदिवासियों के इर्द गिर्द जो नासमझी है उसे दूर कर
सकें |