Wood Carving
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‘बानाम’ दुनिया के सबसे पुराने वाद्ययंत्रों में से एक है जिसका प्रचलन पारंपरिक रूप से संताल[1] आदिवासी समाज आज भी करता है। आदिमकला के स्वरूप वाला यह वाद्ययंत्र …
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भारत के आदिवासी समुदाय अपनी तमाम सांस्कृतिक विशिष्टताओं के साथ अपनी सांगीतिक परम्पराओं व अनूठे वाद्ययंत्रों के लिए भी जाने जाते हैं। जिस तरह से ‘नगाड़ा’ मुंडाओं की और ‘माँदर’ खड़िया व उराँवों की सांगीतिक विरासत की पहचान है, उसी प्रकार ‘बानाम’ संतालों[1] का एक मुख्य वाद्ययंत्र है। संताल…
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दुनिया में वाद्ययंत्रों का इतिहास बहुत पुराना है, उतना ही पुराना जितना कि मानव और उसकी सभ्यता है। लेकिन यह कहना बहुत मुश्किल है कि मनुष्य ने सबसे पहले कौन सा वाद्ययंत्र बनाया और उसका प्रयोग किसके लिए किया। सृष्टिकर्ता के प्रति आभार ज्ञापन के लिए, अपनी भावनाओं के संप्रेषण के लिए या…
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संताल आदिवासियों का ष्बानामष् दुनिया का एक ऐसा वाद्ययंत्र है जिसके हज़ारों रूप हैं और जो अपनी कहानी के अलावा और भी हज़ारों कहानियां सुनाता है। यानी यह एक ऐसा लोककथात्मक आदिवासी वाद्य है जिसकी कोई दूसरी कॉपी नहीं होती। इसलिए कि प्रत्येक बानाम अपनी बनावट और रूप.रंग में एक.दूसरे से बिल्कुल भिन्न…
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An Interview about the Wood Carvings at the Garo Morung
The morungs of Nagaland are examples of the vernacular architecture of each tribe. Morungs are youth dormitories; living in a morung used to be an essential part of the education of Naga youth. All youth of a particular village or khel were…
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