Textiles

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Ruchira Ghose
India boasts the richest handmade textile traditions in the world. In material, as in technique, no other country possesses such incredible range and variety. In its holdings of textile heritage it is unsurpassed, and so too in current knowledge and practice. Numerous textile techniques abound with…
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Ruchira Ghose
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सरोज केरकेट्टा (Saroj Kerketta)
झारखंड सांस्कृतिक विविधताओं का प्रदेश है। साल वनों के इस मनोरम प्रदेश में 32 आदिवासी समुदाय रहते हैं। इसके अलावा यहाँ एक अच्छी-खासी सँख्या मूलवासी गैर-आदिवासियों की भी है जिन्हें यहाँ ‘सदान’ कहा जाता है। ये दोनों समूह मिलकर झारखंड की संस्कृति, कला परंपरा और कारीगरी की बहुरँगी दुनिया का निर्माण करते…
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सरोज केरकेट्टा (Saroj Kerketta)
मूलतः पहले लोग कपड़े नहीं पहनते थे, क्योंकि उन्हें नहीं पता था कि बुनाई कैसे की जाती है। दुनिया की पहली बुनकर हैम्ब्रुमाई नाम की एक लड़की थी, जिसे सृष्टिकर्ता मताई ने यह कला सिखाई थी। नदी किनारे बैठकर उसने लहरों और तरंगों को देखा और उसका अनुकरण अपने डिजाइनों में किया। वह जंगल में गई और पेड़ों की…
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सरोज केरकेट्टा (Saroj Kerketta)
‘वह छोटानागपुर में रांची नाम के किसी शहर से आया था।...सातवीं क्लास तक पढ़ा भी था। घर में उसके कपड़े बुनने का काम होता था।... खुद सूतों की रंगाई कर लेता था। तानी करने में जितने फुर्तीले उसके हाथ थे, घर में किसी का नहीं था। करघा चलाने की तो बात अलग, नये-नये डिजाइन बनाने में उसका सानी नहीं था। अच्छा…
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सरोज केरकेट्टा (Saroj Kerketta)
झारखंड के पारंपरिक वस्त्रों की पहचान लाल पाड़ वाली साड़ी, गमछे और चादर  हैं। मोटी सूती कपड़े से बनने वाले ये उजले और लाल रंग के कपड़े झारखंड के सभी आदिवासी समुदायों द्वारा समान रूप से इस्तेमाल किए जाते हैं। इन पारंपरिक आदिवासी कपड़ों को बुनने और बनाने का काम मुख्यतः झारखंड के सिमडेगा जिले के ‘चिक बड़ाईक…
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Dr. Sudha Dhingra
Textiles of a region  reflect social cycles and life events. Many of the materials, techniques and forms used in ancient times for producing fabrics remain in use even today. In India, tribal or adivasi craft traditions reflect the distintiveness of cultures and regions to which they belong.…
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मुश्ताक खान
पनका बुनकरों द्वारा बुने  जाने वाले पैटर्न एवं मोटिफ्स (यह आलेख गांव तोकापाल , बस्तर के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित बुनकर सिंधुदास पनका सेअगस्त २०१८ में हुई चर्चा पर आधरित है )   बस्तर में कपड़ा बुनाई का काम पनका , माहरा , कोष्टा देवांगन ,चंडार और गांडा जाति के लोग करते थे। इनमें से पनका और…
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