Satnamis
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Dube, Saurabh. 1993. Caste and Sect in Village Life: Satnamis of Chhattisgarh. Shimla: Indian Institute of Advanced Study.
———. 1998. Untouchable Pasts: Religion, Identity and Power among a Central Indian Community, 1780–1950. New York: State University of New York Press.
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पंथी नृत्य सतनाम-पंथ का एक आध्यात्मिक और धार्मिक नृत्य होने के साथ-साथ एक अनुष्ठान भी है। सामूहिक अराधना है। यह वाह्य-स्वरूप में मनोरंजन एवं अन्तःस्वरूप में आध्यात्मिक साधना है।
आरंभ में यह भावातिरेक में निमग्न भक्तजनों का आनंदोत्सव में झूमने और थिरकने की क्रिया रही है जो क्रमशः विकसित होकर…
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पंथी गीत 1
सत से धरती टिके है, सत से खड़े अगास।
सत से सृष्टि सिरजे, कह गये घासीदास।
1. जगमग जोत जलय हो सतनाम के मंदिर म...
नाम के मंदिर म सतनाम के मंदिर म... जगमग जोत जलय हो...
काकर घर परे निस अंधयरियां काकर अंगना दियना बरय हो...
मुरख अंगना निस अंधयरियां
ज्ञानी के अंगना दियना बरय हो...
2. काकर घर म…
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सतनाम पंथ के प्रवर्तक गुरु घासीदास की जन्मभूमि गिरौदपुरी महत्वपूर्ण तीर्थस्थल के रूप में विख्यात है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से करीब 137 किलोमीटर दूर यह स्थान महानदी एवं जोगनदी के मध्य मनोरम पर्वतीय क्षेत्र में स्थित है।
यहां नजदीक में ही स्थित सोनाखान जंगल में स्थित छाता पहाड़ में छः माह…
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Panthi Nritya is both a performing art and a ritualistic practice of the Satnamis of Chhattisgarh. The dance is symbolic of devotion to the Guru Ghasidas and a spiritual means of attaining higher consciousness.
This content has been created as part of a project commissioned…
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This module presents devotional practices of the Satnamis of Chhattisgarh. Initiated by Guru Ghasidas in early 19th century, Satnampanth posed a challenge to caste hierarchy by rejecting the Hindu pantheon of gods and goddesses and the mediation of Brahman priest (purohit), thereby…
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