मृणशिल्प

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मुश्ताक खान
  रायगढ़, छत्तीसगढ़ का एक जनजातिय बहुल क्षेत्र है जहां कुम्हार बड़ी संख्या में रहते हैं। इन कुम्हारों ने यहां के मिटटी के बर्तन एवं अन्य आकृतियों के आकार प्रकार को अपने-अपने ढंग से न केवल समृद्ध किया है बल्कि स्थानीय आदिवासियों के कठिन जीवन को और अधिक सुविधाजनक बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निबाही है…
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मुश्ताक खान
मिट्टी से बनाए गए बर्तनों अथवा मूर्तियों को जब आग में पका लिया जाता है, तब वे मृणशिल्प कहलाते हैं। मिट्टी का काम संभवतः विश्व की प्राचीनतम कलाओं में से एक है। आज से लगभग साढ़े ४००० साल पहले, सिंधु घाटी की सभ्यता के समय, भारत में मृणशिल्प कला अपने चरम पर थी। पकाई गयी मिट्टी से बनी, जितनी विविधतापूर्ण…
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मुश्ताक खान
मृणशिल्प की दृष्टि से बस्तर छत्तीसगढ का समृद्धतम क्षेत्र है, यहां मिटटी के बर्तन और देवताओं के अर्पित की जाने वाली प्रतिमायें बहुत ही विविधतापूर्ण बनाये जाती हैं। पिछले कुछ वर्षो में शहरी बाजार में बस्तर के मृणशिल्प की मांग बढ़ जाने के कारण यहां अनेक नये ढंग की आकृतियां बनाइ जाने लगी हैं जो…
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