बस्तर

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मुश्ताक खान
हाट बाजार में बंजारा शिल्प की दुकान , जगदलपुर। २०१८    बंजारा समुदाय अपनी स्त्रियों के रंग बिरंगे वस्त्रों और चांदी के बने भारी –भरकम गहनों के लिए जाना जाता है। बंजारा स्त्रियां चमकीले लाल , नीले ,पीले कपड़ों पर मोटे सूती धागे से की गयी कशीदाकारी और शीशों के जड़ाव से सजे वस्त्र पहनना पसंद करतीं हैं।…
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मुश्ताक खान
  बंजारा शब्द ही अपने आप में एक पूरी जीवन शैली और संस्कृति समेटे हुए है। यह सम्बोधन सुनते ही एक ऐसे व्यक्ति अथवा समुदाय की तस्वीर मस्तिष्क में उभरती है जो घुमक्कड़ ,अस्थाई डेरा डालने वाले ,रंग –बिरंगे चमकीले कपड़े और चांदी के बड़े और भारी गहने पहने छोटी –मोटी चीजों का व्यापार करता है। एक समय भारत ही…
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मुश्ताक खान
  बंजारा शब्द ही अपने आप में एक पूरी जीवन शैली और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता  है। एक समय भारत ही क्या समूचे विश्व व्यापर में इनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है। छत्तीसगढ़ में बंजारों की उपस्थिति अथवा यहाँ के समाजिक जीवन में उनकी उनकी भूमिका के उल्लेख यहाँ प्रचलित मध्ययुगीन कथा –कहानियों में मिलते हैं…
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मुश्ताक खान
 आकृति 1: दंतेश्वरी देवी    प्राचीन समय में बस्तर को चक्रकोट के नाम से तथा वर्तमान दंतेवाडा क्षेत्र को तरलापाल के नाम से जाना जाता था। चालुक्य राजवंश के काकतिय राजाओं ने आरंभ में बारसूर को अपनी राजधानी बनाया। कालांतर में उन्होने अपनी राजधानी दंतेवाड़ा स्थाानांतरित कर ली। काकतिय राजाओं के साथ उनकी…
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मुश्ताक खान
    बस्तर का दशहरा और उस पर जगदलपुर में लगने वाला मेला, आदिवासियों का साल भर का सबसे बड़ा आकर्षण है । यह उत्सव बस्तर की संस्कृति, प्रशासनिक ढांचे , देवी - देवतों की महत्ता और  उनके शक्तिसमर्थ्य क्रम को दर्शाने वाला आयोजन है जिसे शासक और शासित सभी पूरे हर्षोउल्हास से मनाते थे। बस्तर के काकतीय शासकों…
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मुश्ताक खान
जयदेव बघेल के घर की  बाहरी सज्जा ,यह घर उन्होंने १९८९ में बनवाया था। इसमें लगा सूर्य का मुखौटा और अन्य आकृतियां उनकी स्वयं की बनाई हुई हैं।      जयदेव बघेल भारतीय आदिवासी कला के उन अग्रणि कलाकारों में से एक थे जिन्होंने अपने क्षेत्र की अल्पज्ञात  कलाओं को देश एवं विश्व पटल पर प्रसिद्धी दिलाने में…
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The article generously describes the 8th Jagar Ceremony organised in Chhattisgarh. The Jagar ceremony, held every year without fail is a confluence of art and culture. Performances, art displays and eateries from various states attract mixed audience who engage into a variety of activites at the…
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मुश्ताक खान
  घढ़वा धातु ढलाई पद्यति   बस्तर के पारम्परिक घढ़वा धातु शिल्पियों द्वारा प्रयुक्त की जाने वाली धातु ढलाई पद्यति , लॉस्ट वेक्स प्रोसेस का ही आदिम रूप है। वे अनेक पीढ़ियों से इस पद्यति का अनुसरण करते आ रहे हैं। कालांतर में पुरातन पद्यति में कुछ बदलाव भी हुए हैं परन्तु मूल सिद्धांत जस के तस हैं। धातु…
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Mushtak Khan
    Harihar Vaishnav, folklorist, Chhattisgarh in conversation with Mushtak Khan on his life contribution to the field of oral traditions of Bastar.
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