Ramnami
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वह परिवेशए जो होश संभालने के पहले से देखते रहें, उससे एक अलग ही रिश्ता होता है, जन्मना। जो पहले से है, वह सदैव से विद्यमान, शाश्वत लगता है। अक्सर उसके प्रति वैसा कुतूहल भी नहीं होता, क्योंकि हमारी जानी दुनिया वही होती है, मन मानता है कि वही दुनिया है और उसे वैसी ही होना चाहिए।
किसी रामनामी को पहली…
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The Ramnamis are a community who are devotees of Ram naam (the name Ram). For them chanting the name Ram is the sole means of worship, devotion and salvation. They are followers not of Ram the son of Dashrath , but the Universal Being inherent in Ram naam. …
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The Ramnamis are a sect from Chhattisgarh who believe in chanting the name of Ram as the sole means of devotion and worship. They belong to the Panth communities from this region, are mostly from the so called lower caste, reject bramhanical practices and the caste system, and are followers of…
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छत्तीसगढ़ में लगने वाले अनेक मेलों की श्रृंखला का आरम्भ पौष माह की एकादशी को आयोजित होनेवाले बड़े भजन मेले से माना जाता है। इस मेले का मुख्य आकर्षण इसके नाम के अनुरूप यहाँ निरंतर चलने वाले रामनामी भजनों के कार्यक्रम होते हैं।
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के चारपारा गाँव में एक दलित सतनामी युवक…
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रामनामी सम्प्रदाय वस्तुतः छत्तीसगढ़ के सतनामी पंथ से निःसृत और कबीरपंथी प्रभाव से उपजा संप्रदाय है। सन १७५६ में जन्मे गुरू घासीदास ने यहाँ सतनाम पंथ की स्थापना की थी। गुरू घासीदास ने समाज में व्याप्त जातिगत विषमताओं और ब्राम्हणों के प्रभुत्व को नकारा तथा वर्णों में बांटने वाली जाति व्यवस्था का विरोध…
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रामनामी सम्प्रदाय के पांच प्रमुख प्रतीक हैं- भजन खांब अथवा जैतखांब, शरीर पर रामराम नाम लिखवाना, सफ़ेद कपड़े जिस पर काले रंग से रामराम लिखा हो पहनना ओढ़ना, घुँघरू बजाते हुए भजन करना तथा मोरपंखों से बना मुकट धारण करना। इन्हे देखकर आसानी से पहचाना सकता है कि अमुक व्यक्ति रामनामी सम्प्रदाय का सदस्य…
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Ramnamis belong to the Sant tradition and are the upasak (devotee) of Ram naam (name). Their Ram is not the ideal king of the epic Ramayana, but a word that is the 'ultimate truth'. This video is a dialogue (Goshti) on the theme of Prem (also a bhakti poetry) through verses of Tulsidas, Kabir and…
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विविधतापूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य में विभिन्न स्वरूप के मेलों का लंबा सिलसिला है, इनमें मुख्यतः उत्तर-पूर्वी क्षेत्र यानि जशपुर-रायगढ़ अंचल में जतरा अथवा रामरेखा, रायगढ़-सारंगढ़ का विष्णु यज्ञ- हरिहाट, चइत-राई और व्यापारिक मेला, कटघोरा-कोरबा अंचल का बार, दक्षिणी क्षेत्र यानि बस्तर के जिलों…
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