Rajeev Ranjan Prasad
बस्तर के राजवंश की अधिष्ठात्री दंतेश्वरी देवी के सम्मान में प्रति वर्ष होली के उपरांत फ़ाग मड़ई का आयोजन दंतेवाड़ा में किया जाता है। बस्तर दशहरा के सामान यह आयोजन भी राजपरिवार एवं जनसामान्य के सामंजस्य से संपन्न होता है। फाग मड़ई, फागुन शुक्ल की सष्ठी से ले कर चौदस तक आयोजित की जाती है। यह उत्सव बस्तर…
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इस लेख में गुप्तेश्वर द्वारका गुप्त ने प्रारंभिक और समकालीन मड़ई उत्सव का जिक्र किया है। वह बुंदेलखंड के क्षेत्र में उत्सव का वर्णन करते है और त्यौहार का विवरण लाते है।
In this article Gupteshvar Dwarka Gupt juxtaposes the early and contemporary Madai Celebration. He emphaises its…
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राहुल कुमार सिंह
विविधतापूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य में विभिन्न स्वरूप के मेलों का लंबा सिलसिला है, इनमें मुख्यतः उत्तर-पूर्वी क्षेत्र यानि जशपुर-रायगढ़ अंचल में जतरा अथवा रामरेखा, रायगढ़-सारंगढ़ का विष्णु यज्ञ- हरिहाट, चइत-राई और व्यापारिक मेला, कटघोरा-कोरबा अंचल का बार, दक्षिणी क्षेत्र यानि बस्तर के जिलों…
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राहुल कुमार सिंह
ग्रामीण क्षेत्रो के मेले जनसामान्य के मेल मिलाप का आयोजन एवं मनोरंजन स्थल तो होते ही हैं साथ ही वे व्यापर का महत्वपूर्ण अवसर भी होते हैं। अधिकांशतः मेले किसी पर्व , त्यौहार , पूजा अदि से सम्बद्ध होते हैं जिनका आयोजन पूर्व निर्धारित तिथियों एवं स्थान पर होता हैं। बस्तर…
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मुश्ताक खान
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Anubha Sinha
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मुश्ताक खान
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Swarnima Kriti
The interview tries to unravel the proceedings of the Madai and its significance, and to find out who the agents involved in the organization of this event are. This interaction interestingly highlights a distinctive feature of Madais celebrated north of Bastar. In Dhamtari (north of Bastar),…
in Interview
Arunpol Seal
Arunopol Seal (A.S.): What is Madai?
Pandit Ram Nareti (Pt. R.N.): Madai is a festival of deos and devis (gods and goddesses).
A.S.: In which season is it celebrated?
Pt. R.N.: It is generally celebrated between January and March. It is a post-harvest festival. People harvest their crops,…
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