environment

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मुश्ताक खान
जंगल, बस्तर के आदिवासियों के लिए सदैव ही जीवकोपार्जन का माध्यम रहे हैं। आदिवासी जीवन का प्रत्येक पहलू जंगल और उसके पेड़-पौधों से सम्बद्ध है। आदिवासी तथा उनके देवी-देवताओं का अस्तित्व वनों के बिना संभव ही नहीं है। इस क्षेत्र में बढ़ते शहरीकरण और व्यवसायीकरण से वनों की उपयोगिता और भी बढ़ गयी है। अनेक…
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Ajay Kumar Chaturvedi
छत्तीसगढ़ राज्य का बस्तर और सरगुजा आदिवासी बहुल अंचल है। बस्तर में जो महत्व मादक पेय सल्फी का है, वही महत्व सरगुजा में महुआ का है। महुआ सरगुजा अंचल में आदिवासियों के जीवन ये सीधा जुडा हुआ है। इनके सभी कार्यक्रमों में महुआ या इससे बने दारु (शराब) मुख्यतः रहता है। भारतीय उष्ण कटिबंधीय वृक्ष महुआ…
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Anzaar Nabi
इंद्रावती नदी ओडिशा राज्य में निकलती है और गोदावरी नदी में विलय से पहले छत्तीसगढ़ के एक बड़े हिस्से से होकर बहती है। यह छत्तीसगढ़ के विभिन्न समुदायों के लिए पानी और आजीविका का एक बहुत महत्वपूर्ण स्रोत है, इतना है कि इसे अक्सर 'बस्तर की जीवन रेखा' कहा जाता है। यह वीडियो छत्तीसगढ़ राज्य में सुरम्य…
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Bobby Luthra Sinha
  Newer environmental trends within the Bishnoi community   ‘Bishnoi-sm’ as a sect and its ecological traditions have been documented in various studies but, of late, a series of sustained, interconnected and planned protest action has emanated from the community. Observable in local actions,…
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