Bastar
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Interview with Mr. Raj Gupta.
Mr. Gupta is the District Program Officer (DPO), Livelihoods of Uttar Bastar Kanker, Zila Parishad. As a Development Practitioner he has extensive experience of working with the adivasi communities of Uttar-Bastar Kanker district of Chhattisgarh and…
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Tamarind grows abundantly in the district of Bastar in Chhattisgarh. The collection of tamarind, the treatment of its pods to make tamarind bricks have become a source of livelihood for many in this region. This video shows the process of making tamarind bricks.
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इंद्रावती नदी ओडिशा राज्य में निकलती है और गोदावरी नदी में विलय से पहले छत्तीसगढ़ के एक बड़े हिस्से से होकर बहती है। यह छत्तीसगढ़ के विभिन्न समुदायों के लिए पानी और आजीविका का एक बहुत महत्वपूर्ण स्रोत है, इतना है कि इसे अक्सर 'बस्तर की जीवन रेखा' कहा जाता है। यह वीडियो छत्तीसगढ़ राज्य में सुरम्य…
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संपूर्ण विश्व में मानव संस्कृति व सभ्यता का उद्भव व विकास नदियों के किनारे ही हुआ है। इसी कारण मानव समुदाय के जीवन व संस्कृति में नदियों का विशेष स्थान है। भारत के मध्य-पूर्व क्षेत्र में स्थित छत्तीसगढ़ राज्य के दक्षिण में स्थित बस्तर संभाग के मध्य में प्रवाहित इंद्रावती, इस क्षेत्र की एक…
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Image: Women Walking to the Haat with their Produces.
This article seeks to dive deep into the life world of the adivasis through trope of Minor Forest Produces (MFP) and portray how these seasonal 'forest products' organize their lives and connects them to the larger circuits of national…
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Image 1: Ripe Mahua
The Forest and its Afterlife:
The leaves, roots, stems, flowers, fruits, bark, insects and a whole host of components together constitute the forest of Bastar. The animals, insects, humans who thrive in the ecology come together in their ever changing configurations…
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Indravati is an important river of Chhattisgarh. It originates in the state of Odisha- flows through various parts of Chhattisgarh before it joins the river Godavari on the borders of Maharashtra and Telangana. The beautiful terrain that it traverses, and the many mythologies…
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हाट बाजार में बंजारा शिल्प की दुकान , जगदलपुर। २०१८
बंजारा समुदाय अपनी स्त्रियों के रंग बिरंगे वस्त्रों और चांदी के बने भारी –भरकम गहनों के लिए जाना जाता है। बंजारा स्त्रियां चमकीले लाल , नीले ,पीले कपड़ों पर मोटे सूती धागे से की गयी कशीदाकारी और शीशों के जड़ाव से सजे वस्त्र पहनना पसंद…
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बंजारा शब्द ही अपने आप में एक पूरी जीवन शैली और संस्कृति समेटे हुए है। यह सम्बोधन सुनते ही एक ऐसे व्यक्ति अथवा समुदाय की तस्वीर मस्तिष्क में उभरती है जो घुमक्कड़ ,अस्थाई डेरा डालने वाले ,रंग –बिरंगे चमकीले कपड़े और चांदी के बड़े और भारी गहने पहने छोटी –मोटी चीजों का व्यापार करता है। एक समय भारत…
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बंजारा शब्द ही अपने आप में एक पूरी जीवन शैली और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है। एक समय भारत ही क्या समूचे विश्व व्यापर में इनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है। छत्तीसगढ़ में बंजारों की उपस्थिति अथवा यहाँ के समाजिक जीवन में उनकी उनकी भूमिका के उल्लेख यहाँ प्रचलित मध्ययुगीन कथा –कहानियों में…
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