कुमाऊँनी रंगमंच का विश्लेष्णात्मक अध्ययन

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Published on: 26 December 2019

डॉ कुलिन कुमार जोशी (Dr Kulin Kumar Joshi)

डॉ कुलिन कुमार जोशी मूलतः रंगकर्मी हैं और अभिनय, निर्देशन, नाट्य लेखन एवं शोध में इनकी गहरी रूचि है | ये एक बेहतरीन कवि भी हैं | ‘कुमाऊँनी रंगमंच’ विषयक, इनके द्वारा किया गया यह शोध कार्य इस रूप में प्रारम्भिक शोध कार्य है कि किसी भी विद्वान द्वारा इस विषय विशेष पर पूर्व में शोध कार्य नहीं किया गया है | लिहाजा मुद्रित सामग्री का नितान्त अभाव है | डॉ. कुलिन ने पूर्व में बतौर शोधार्थी ‘कुमाऊँ की लोकगाथाओं में रंगमंचीयता’ विषयक शोध किया है, जो प्रकाशित भी हो चुका है | ये सत्र 2001-2003 बैच के भारतेन्दु नाट्य अकादमी, लखनऊ, से रंगमंच में स्नातक हैं और हिन्दी साहित्य तथा रंगमंच विषय में एम.ए. सहित रंगमंच विषय में ‘नेट’ परीक्षा उत्तीर्ण की है | वर्तमान में हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के ‘सेंटर फ़ॉर फोक परफार्मिंग आर्ट्स एण्ड कल्चर’ में ‘अभिनय एवं नाट्य-साहित्य’ की फैकल्टी के बतौर कार्यरत हैं |

इस उवकनसम के अंतर्गत कुमाऊँ के रंगमंच का विश्लेषण करने का प्रयास किया गया है| उसमें से भी केवल कथानक आधारित और लिखित नाटकों के मंचन को ही विश्लेषण में शामिल किया गया है | कुमाऊँ का लोक रंगमंच विश्लेषण में शामिल नहीं है | यह उवकनसम मुख्यतः कुमाऊँ के तीन प्रमुख जन पदों नैनीताल, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ के रंगमंच पर केन्द्रित है क्योंकि यह तीन जन पद ही कुमाऊँ के समग्र रंगमंच का प्रतिनिधित्व करते हैं और प्रकारांतर में रंगमंच के संदर्भ में इन्हीं तीनों जन पदों में मुख्यतः रंगमंचीय गतिविधियाँ संचालित भी हुई हैं | कुछ महत्वपूर्ण रंग कर्मियों ने इस अंचल के रंगमंच को न केवल रचा है बल्कि शब्द के सही अर्थ में जीवन्तता भी प्रदान की है उनमें पिथौरागढ़ के रमेश चन्द्र जोशी, ष्हिमानीष्ए प्राणनाथ अरोरा,जगदीश चन्द्र पुनेडाए, प्रोण् आरण्सीण्पाण्डेयए प्रोण्मृगेश पाण्डे आदि नाम उल्लेखनीय हैं जिन्हें हम पहली पीढ़ी के पिथौरागढ़ के रंग कर्मी कह सकते हैं | इसी जनपद की दूसरी पीढ़ी में सबसे महत्वपूर्ण नाम डॉण् एहसान बख्श का है जिन्होंने पिथौरागढ़ में रंग कर्मियों की एक पूरी पीढ़ी तैयार की, स्वयं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से प्रशिक्षण प्राप्त किया और ज़िले के रंग कर्मियों को प्रशिक्षित किया और उनका मार्गदर्शन भी किया | इस श्रृंखला में शामिल हैं राजेन्द्र मेहता, स्वण्राजेश चन्द ,दीपक गुप्ता, भूपेश जोशी, कुलिन जोशी, मनोज कुमार, बृजेश पन्त, राजीव पाण्डे, हर्षवर्धन पाण्डे, पंकज प्रियदर्शी से लेकर रोहित पुनेड़ा तक और ये सभी अभिनेताध्रंगकर्मी एहसान बख्श द्वारा स्थापित संस्था ष्अभिनय नाट्य मंचष् से जुड़े रहे हैं एवं प्रशिक्षित हुये हैं |पिथौरागढ़ की ही एक अन्य महत्वपूर्ण संस्था रही है ष्लोक विरासत और रंगमंच ष्थातष्ए इस संस्था से निर्मल साहए, सतीश जोशी सहित बहुत से कलाकार जुड़े रहे हैं और इस संस्था ने भी एक विशेष काल.खण्ड में बेहतरीन नाटकों का मंचन किया है | बीते जमाने की पिथौरागढ़ ज़िले की अन्य प्रख्यात नाट्य.संस्थाओं में शामिल हैं उदीयमान कला मंच अरुणोदय कला केन्द्र और जागृति कला केन्द्र |

ठीक इसी तरह अल्मोड़ा और नैनीताल जन पद के रंगमंच का भी विश्लेषण इस उवकनसम में होगा | क्योंकि इस विषय विशेष पर पूर्व में किसी भी विद्वान द्वारा कार्य नहीं किया गया है और लिखित सामग्री का नितांत अभाव है इसलिये विषय विशेषज्ञों के साक्षात्कार विश्लेषण का आधार होंगे |