लोक-साहित्य
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देवार लोक गाथाओं पर पी.एच.डी. करने वाले श्री सोनऊ राम निर्मलकर से मुश्ताक ख़ान और राकेश तिवारी की बातचीत
मुश्ताक ख़ान (मु.ख़ा.)- आप अपने बारे में कुछ बताएँ।
सोनऊ राम (सो.रा.)- सन् 1990 में उत्तर मध्यक्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, इलाहाबाद द्वारा आयोजित श्रृँखलाबद्ध कार्यक्रम…
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जगार संभवतः ‘जागृति’ या ‘यज्ञ’ शब्द का अपभ्रंश है। यह एक ऐसा लोक महाकाव्य है जिसका पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरण स्मृति आधारित है। इसकी विशेषता यह है कि इसका गायन केवल महिलाओं द्वारा ही किया जाता है। जगार की प्रक्रिया में इसकी गायिकाएं, जिन्हें इस क्षेत्र में ‘गुरुमांय’ कहा जाता है, देवताओं…
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