घढ़वा

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मुश्ताक खान
  घढ़वा धातु ढलाई पद्यति   बस्तर के पारम्परिक घढ़वा धातु शिल्पियों द्वारा प्रयुक्त की जाने वाली धातु ढलाई पद्यति , लॉस्ट वेक्स प्रोसेस का ही आदिम रूप है। वे अनेक पीढ़ियों से इस पद्यति का अनुसरण करते आ रहे हैं। कालांतर में पुरातन पद्यति में कुछ बदलाव भी हुए हैं परन्तु मूल सिद्धांत जस के तस हैं। धातु…
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मुश्ताक खान
      वर्तमान में इंटरनेट पर उपलब्ध विवरणों में बंगाल, उड़ीसा एवं छत्तीसगढ़ के आदिवासी-लोक धातु शिल्प को ढोकरा धातु शिल्प कह कर संबोधित किया गया है । कुछ पुस्तकों में भी ढोकरा धातु शिल्प का संबोधन मिलता है । इस शब्द का प्रचलन संभवतः 1970 के दशक में आरंभ हुआ और जल्द ही आम बोल-चाल में आ गया । लेखिका…
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मुश्ताक खान
  लॉस्ट-वैक्स पद्धति से धातु ढलाई द्वारा खोखली एवं ठोस मूर्तियां बनाने की कला एक प्राचाीन भारतीय कला है। 2500 वर्ष ईसा पूर्व बनी, सिन्धु घाटी सभ्यता के मोहनजो दाढ़ो से प्राप्त नर्तकी की धातु प्रतिमा  इस कला का उपलब्ध सबसे प्राचीन नमूना है । इस प्रकार भारत में लॉस्ट-वैक्स पद्धति से धातु ढलाई की लगभग…
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