Folk Musical Instruments
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This content has been created as part of a project commissioned by the Directorate of Culture and Archaeology, Government of Chhattisgarh, to document the cultural and natural heritage of the state of Chhattisgarh.
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मध्य छत्तीसगढ़ का मैदानी भाग अनेक घुमक्कड़ एवं लोक आख्यान गायक समुदायों का प्रिय भूभाग रहा है। पठारी ,जोगी , बैरागी ,वासुदेवा ,देवार और नाथ पंथी जैसे भाट -भिक्षु गायकों साथ यहाँ कबीर पंथी , सतनामी, रामनामी, अहीर भजन एवं लोक गीतों की मंडलियों की भी बहुतायत रही है। एक समय यह कथा…
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छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की संगीत की अपनी एक सुदीर्घ एवं समृद्ध परंपरा है। छत्तीसगढ़ के गोंड आदिवासी इस परंपरा को चौदह हजार साल पुरानी मानते हैं,जिसकी स्थापना उनके आदि देव, बड़ा देव ने की थी। उनके विश्वास के अनुसार बड़ादेव में स्त्री और पुरुष दोनों प्रवृतियों का समायोजन है और वे सृष्टि के…
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Music and dance are important forms of religious and emotional expression in most cultures. India has a vast range of these forms, and Karnataka is perhaps a state that remains under-explored in this area. Art history sees that there has been a long tradition of making instruments from locally…
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