ये डाक्यूमेंट्री भोपाल में बोली जाने वाली भोपाली उर्दू पर केन्द्रित है.
इसमें खासतौर पर भोपाली उर्दू क्या है, वो कैसे बोली जाती है और वो कैसे तामीर हुई, इन सवालों के जवाब ढूँढने की कोशिश की गयी है| इस ज़बान में कौन-कौन सी भाषा शामिल होती चली गयी और अब उनके लफ़ज़ किस अंदाज़ और मायनों में इस्तेमाल किये जाते हैं, इसका भी विस्तार से ज़िक्र किया गया है| इसमें भोपाल की ख़ास इमारतों और वहाँ के लोगों की दिनचर्या के montage दृश्यों, भोपाल शहर की ख़ास शख्सियत, वहाँ के लेखक, कलाकारों, नाटककारों और वहाँ की आवाम से की गयी बात-चीत के ज़रिये आप भोपाली उर्दू और उसके लहजे से रु-ब-रु होंगे|