The Wedding Songs of the Awadh Region

in Article
Published on: 18 June 2018

Ainee Farooqui

Ainee is pursuing M.Phil in Modern Indian History from University of Delhi. Her research deals with school history textbooks produced after Independence. She is attempting to study textbooks as devices of publicity, performative nationalism, and pedagogy.

 

These songs provide a small window into the diverse and rich variety of wedding songs of Awadh region. These songs are an indispensable part of our intangible history which needs to be preserved. This doumentation can help provide an understnding of the aspiration, hopes, emotions, ideas of morality, desires of ordinary people and also society at large.

 

1. बन्ने झुक झुक जैयो ससुराल गलियाँ

बन्ने सेहरा लिए खड़ी हूर परियां

जिनके लम्बे लम्बे केस रसीली अँखियाँ

ओ, जिनके गोर गोर हाथ सुनहरी चूड़ियाँ

बन्ने झुक झुक जैयो ससुराल गलियाँ

 

 

2. लाई मालन तू सेहरा गुलाब के ओ

नौशा मियां के दिन शबाब की ओ

 

बन्ने कंगना लिए तेरी बहने खड़ी

आज दिन है रस्म और रिवाज का

लाई मालन तू सेहरा गुलाब के ओ

नौशा मियां के दिन शबाब की ओ

 

बन्ने सुरमा लिए तेरी फूफी खड़ी

आज दिन है रस्म और रिवाज का

लाई मालन तू सेहरा गुलाब के ओ

नौशा मियां के दिन शबाब की ओ

 

बन्ने जामा लिए तेरी भावज खड़ी

आज दिन है रस्म और रिवाज का

लाई मालन तू सेहरा गुलाब के ओ

नौशा मियां के दिन शबाब की ओ

 

बन्ने सेहरा लिए तेरे बहनोई खड़े

आज दिन है रस्म और रिवाज का

लाई मालन तू सेहरा गुलाब के ओ

नौशा मियां के दिन शबाब की ओ

 

बन्ने मोटर लिए तेरे भैया खड़े

आज दिन है रस्म और रिवाज का

लाई मालन तू सेहरा गुलाब के ओ

नौशा मियां के दिन शबाब की ओ

 

 

3. बन्ने दिल के बड़े कमज़ोर निकले

चोरी चोरी नाज़ो लाए बड़े चोर निकले

हमने समझा था बहना बुलाओगे

और कंगना उसी से बंधवाओगे

नेक देने में तुम कमज़ोर निकले

चोरी चोरी नाजों लाए बड़े कमज़ोर निकले

बन्ने दिल के बड़े कमज़ोर निकले

चोरी चोरी नाज़ो लाए बड़े चोर निकले

 

 

4. मेहँदी की रात आ गई

समझो बारात आ गई

मेहँदी लगाने आ गई

दूल्हा की बहने आ गयी

सारी की सारी फुलवा जैसी

हमें क्या,

अल्लाह जाने दूल्हा इनका कैसे होगा

 

 

5. दिन रात मुबारक बादी है

गुलशन में मुबारक बादी है

अब्बा मियाँ तुम्हारे घर शादी है

अब्बा मियां तुम्हारी जेब ख़ाली है

दिन रात मुबारक बादी है

गुलशन में मुबारक बादी है

 

 

6. बन्नो गाँव की गवार

बन्ना बोलता नहीं

मुखड़ा देखता नहीं

 

धोती छोडती नहीं, साड़ी पहेनती नहीं

बन्नो गाँव की गवार

बन्ना बोलता नहीं

मुखड़ा देखता नहीं

चप्पल छोडती नहीं, sandal पहेनती नहीं

बन्नो गाँव की गवार

बन्ना बोलता नहीं

मुखड़ा देखता नहीं

 

 

7. बन्ना मेरा साहब साहब

बन्नी मेरी मेम साहब

आपस में my dear बोले रे

जिया मोर जाले रे

बन्ना मेरा साहब साहब

बन्नी मेरी मेम साहब

छल्ले पे my dear बोले रे

जिया मोर जाले रे

बन्ना मेरा साहब साहब

बन्नी मेरी मेम साहब

 

 

8. कैसी सपरी, हो रामा कैसी सपरी

बन्ना चढ़ गया अटरिया

कैसी सपरी, हो रामा कैसी सपरी

अम्मा सज गई, अब्बा सज गए

सज गई सारी बारात

कोठे पर से नौशा बोला मैं न चलूँगा साथ

कैसे लोगे अब दुल्हनियां

कैसी सपरी, हो रामा कैसी सपरी

बन्ना चढ़ गया अटरिया

 

 

9. अल्लाह ने दिखाई,

मेरे मौला ने दिखाई,

सातों पीरों ने दिखाई

घड़ी लाडले/लाडली बन्ने/ बननी की

लैयों बन्ने सवा लाख का उबटन

 

अल्लाह ने लगवाया,

मेरे मौला ने लगवाया

पीर और वालियों ने लगवाया

घड़ी लाडले/लाडली बन्ने/ बननी की

लैयों बन्ने सवा लाख की मेहँदी

 

अल्लाह ने पेहेनवाया

अल्लाह ने पेहेनवाया,

मेरे मौला ने पेहेनवाया,

सातों पीरों ने पेहेनवाया

घड़ी लाडले/लाडली बन्ने/ बननी की

लैयों बन्ने सवा लाख का लेहेंगा

 

 

10. आई घटा झूमे हरयाला बन्ना आया रे

अपने अब्बा का प्यारा आया रे बन्ना

अम्मा का डोला लाया रे

डोले की चद्दर लाया रे

चादर की झालर लाया रे

 

आई घटा झूमे हरयाला बन्ना आया रे

अपने चाचा  का प्यारा आया रे बन्ना

चाची  का डोला लाया रे

डोले की चद्दर लाया रे

चादर की झालर लाया रे

आई घटा झूमे हरयाला बन्ना आया रे

 

 

11. मन मानी (3)

मैं तो करुँगी अपनी ही मनमानी

सांस कहेगी पास तो आ

आके मेरे पैर दबा

मैं कहूँगी चल बुढिया

मैं तो नहीं तेरी नौकरानी

 

मन मानी (3)

मैं तो करुँगी अपनी ही मनमानी

ससुर जब घर आएँगे

मुझसे चाय बनवाएँगे

मैं कहूँगी हट जा

मैं तो नहीं तेरी नौकरानी

मन मानी (3)

मैं तो करुँगी अपनी ही मनमानी

 

देवर जब घर आएगा

मुझसे खाना मांगेगा मैं कहूँगी हवा खा

मैं तो नहीं तेरी नौकरानी

मन मानी (3)

मैं तो करुँगी अपनी ही मनमानी

 

पिया जब घर आएँगे

मुझसे प्यार जताएँगे

बहार घुमने जाएँगे

दोनों बिरयानी उड़ायेंगे

मन मानी (3)

मैं तो करुँगी अपनी ही मनमानी

 

 

12. भरी दोपहरी में न जओंगी

के डोला पिछवाड़े रख दो

 

पहला बुलावा मारे ससुर जी का आया

बुढे के संग मैं न जओंगी

के डोला पिछवाड़े रख दो

भरी दो पहरी में न जओंगी

के डोला पिछवाड़े रख दो

 

दूसरा बुलावा मारे जेठ जी का आया

मुच्छड़ के संग मैं न जओंगी

के डोला पिछवाड़े रख दो

भरी दो पहरी में न जाओंगी

के डोला पिछवाड़े रख दो

 

तीसरा बुलावा मारी जेठानी जी का आया

नागन के संग मैं न जाओंगी

के डोला पिछवाड़े रख दो

भरी दो पहरी में न जओंगी

के डोला पिछवाड़े रख दो

 

चौथा बुलावा मारे देवर जी का आया

लुच्छे के संग मैं न जओंगी

के डोला पिछवाड़े रख दो

भरी दो पहरी में न जओंगी

के डोला पिछवाड़े रख दो

 

पांचवा बुलावा सैय्याँ जी का आया

सैय्याँ के संग चली जओंगी

के डोला अगवाड़े रख दो

भरी दोपहरी चली जओंगी

के डोला अगवाड़े रख दो

 

 

13. दूल्हा मियां का हमने रख दिया

कैसे अच्छा नाम

अरे चिड़ी का ग़ुलाम

हाँ, हाँ, बीवी का ग़ुलाम

 

दुल्हन की बेहेने हो आएंगी

दूल्हा से चाय बनवाएंगी

भूखी हुई ज़रा भी

दूल्हा से पकोड़े तलवएंगी

दूल्हा मियां का हमने रख दिया

कैसे अच्छा नाम

अरे चिड़ी का ग़ुलाम

हाँ, हाँ, बीवी का ग़ुलाम

 

 

14. दम मारो दम

मिट जाए ग़म

बोला सुबह शाम

दुल्हन दूल्हा की ग़ुलाम

दुल्हन को धोबन बनाएँगे

घर भर के कपडे धुलाएंगे

हमको न रोके ज़माना

जो जी आये करवाएँगे

 

दम मारो दम

मिट जाए ग़म

बोला सुबह शाम

दुल्हन दूल्हा की ग़ुलाम

दुल्हन को खानसामा बनायेंगे

घर भर की रोटी बनवाएँगे

हमको न रोके ज़माना

जो जी आये करवाएँगे

 

दम मारो दम

मिट जाए ग़म

बोलो सुबह शाम

दुल्हन दूल्हा की ग़ुलाम

 

 

15. सांस अगर आई तो मैं घर से चली जाऊँगी

मियां जी ये सुन लो मैं  वापस नहीं आऊँगी

 

जेठ अगर आया तो चप्पल से भगाऊँगी

मियां जी ये सुन लो मैं  चप्पल से भगाऊँगी

 

जेठानी जो आई तो सौ-सौ सुनाऊँगी

मियां जी ये सुन लो मैं सौ-सौ सुनाऊँगी

 

नन्द जो आई तो चोटी खींच लाऊँगी

मियां जी ये सुन लो मैं चोटी खींच लऊँगी

 

नंदोई जो आये तो कुत्तों से कटवाऊँगी

मियां जी ये सुन लो मैं  कुत्तों से कटवाऊँगी

 

देवर जो आये तो भूखा मरवाऊँगी

मियां जी ये सुन लो मैं भूखा मरवाऊँगी

 

देवरानी जो आई तो धक्का मार भगाऊँगी

मियां जी ये सुन लो धक्का मार भगाऊँगी

 

 

16. सज रही दुल्हन की मांग सुनहरे गोटे से

सुनेहेरे गोटे से रुपहली गोटे से

दुल्हन की मांग

 

मैं जंगल पहुंची, हांजी

जंगल में देखा, क्या जी?

एक गगेंडा देखा, हांजी

दुल्हन से पूछा, क्याजी ?

यह कौन है तेरा, हांजी?

दुल्हन ये बोली, क्याजी ?

घबरा के बोली, हांजी

शर्मा के बोली, हांजी

ये गेंडा नहीं है, क्या जी?

भाई है मेरा, हांजी

 

सज रही दुल्हन की मांग सुनहरे गोटे से

सुनेहेरे गोते से रुपहली गोटे से

दुल्हन की मांग

 

 

17. दुबई वाले बेटे पे सबको बड़ा नाज़ है

कहते हैं हंस हंस कर वो तो मेरी जान है

 

पहले जो अब्बा से मांगता था पैसे

कहते थे अब्बा निक्खटा कहींके

दुबई से जो आया तो अब्बा भी कुरबान हैं

दुबई वाले बेटे पे सबको बड़ा नाज़ है

कहते हैं हंस हंस कर वो तो मेरी जान है

 

पहले भाभी से जब मांगता था चाए

कहती थी उठ कर खुद ही बनाये

दुबई से जो आया तो भाभी भी कुरबान हैं

दुबई वाले बेटे पे सबको बड़ा नाज़ है

कहते हैं हंस हंस कर वो तो मेरी जान है

 

पहले कोई लड़की होती न थी राज़ी

कहती थी सूरत भी देखी है अपनी

दुबई से जो आया तो लड़कियां भी कुरबान हैं

दुबई वाले बेटे पे सबको बड़ा नाज़ है

कहते हैं हंस हंस कर वो तो मेरी जान है

 

 

18. हाय मैं क्या करूं राम मुझे बुढा मिल गया

मुझे बुढा मिल गया

गये रे swimming करने वो भी चला गया

सबने मरी dive,

वो तो वज़ू करके आ गया

हाय मैं क्या करूं राम मुझे बुढा मिल गया

मुझे बुढा मिल गया.

सब गए फूल लेने, वो भी चला गया

सब लाए गुलाब

वो तो गोभी ले के आ गया

हाय मैं क्या करूं राम मुझे बुढा मिल गया

मुझे बुढा मिल गया.

 

 

19. M.A ढूंढी जाए, या B. A ढूंढी जाए

बोल बन्ने तेरी नाजों कैसी ढूंढी जाए?

मैंने कंगना मंगवाया  बड़ी दूर से

वो तो लेने गए हैं लखनऊ से

वो तो लाखों में एक (2)

 

M.A ढूंढी जाए, या B. A ढूंढी जाए

बोल बन्ने तेरी नाजों कैसी ढूंढी जाए?

मैंने जोड़ा मंगवाया  बड़ी दूर से

वो तो लेने गए हैं लखनऊ से

वो तो लाखों में एक (2)

 

M.A ढूंढी जाए, या B. A ढूंढी जाए

बोल बन्ने तेरी नाजों कैसी ढूंढी जाए?

मैंने सेहरा मंगवाया  बड़ी दूर से

वो तो लेने गए हैं लखनऊ से

वो तो लाखों में एक (2)

 

M.A ढूंढी जाए, या B. A ढूंढी जाए

बोल बन्ने तेरी नाजों कैसी ढूंढी जाए?

 

 

20. कैंची से काटो ज़बान...

दुल्हन के खानदान की

दुल्हन भी अच्छी

उसके अब्बा भी अच्छे

बुरी है ज़बान दुल्हन की अम्मजान की

 

कैंची से काटो ज़बान...

दुल्हन के खानदान की…

दुल्हन भी अच्छी

उसके मामा भी अच्छे

बुरी है ज़बान दुल्हन की मामीजान की

 

कैंची से काटो ज़बान

दुल्हन के खानदान की

दुल्हन भी अच्छी

उसके भाई भी अच्छे

बुरी है ज़बान दुल्हन की भाभीजान की

 

 

21. सन 89 की बात है सुनो मेरे भैय्या

मोरे मोहेल्ले में आ गया लकड़बघ्घा

दूल्हा सोते रहे, कुत्ते भौकते रहे

दुल्हे की सांस को लेगाया लकड़बघ्घा

 

सन 88 की बात है सुनो मेरे भैय्या

मोरे मोहेल्ले में आ गया लकड़बघ्घा

दूल्हा सोते रहे, कुत्ते भौकते रहे

दुल्हे की साली को लेगाया लकड़बघ्घा

 

 

22. शरा-शरा, शाऐ-शाऐ हो रही थी रेल में

पहले डिब्बे में सांस ससुर बैठे थे.

अल्लाहू अल्लाहू कह रहे थे रेल में

 

शरा-शरा, शाऐ-शाऐ हो रही थी रेल में

दुसरे डिब्बे में जेठ-जेठानी बैठे थे

oh my dear, oh my dear हो रही थी रेल में

 

शरा-शरा, शाऐ-शाऐ हो रही थी रेल में

तीसरे डिब्बे में जेठ जेठानी बैठे थे

i love you, i love you हो रही थी रेल में

 

 

23. रथ पे सवार हो के आये बाराती

बन्नो को ले गए साथ

अरे, बन्नो को ले गए साथ

की बन्नो छोड़ चली माँ-बाप

दादा ने बड़े प्यार से पाला

दादी ने बंधन में डाला

की बन्नो छोड़ चली माँ-बाप

रथ पे सवार हो के आये बाराती

बन्नो को ले गए साथ

 

 

24. बन्नी मेरी चाँद सी

पर बन्ना काला

बन्नो के दादा यूँ कहें

मैं नहीं ब्याहूँ

बन्नो की दादी यूँ कहे

मेरे देखा भाला

बन्नी मेरी चाँद सी

पर बन्ना काला

 

 

25. चुप चुप खड़े हो ज़रूर कोई बात है

बन्नो और बन्नी की पहली मुलाक़ात है

बन्ना कहे हमें मुह दिखला दो

बन्नी कहे हमें टीका मंगवादो

 

चुप चुप खड़े हो ज़रूर कोई बात है

बन्नो और बन्नी की पहली मुलाक़ात है

बन्ना कहे हमें मुह दिखला दो

बन्नी कहे हमें चूड़ी मंगवादो

 

 

26. बन्नो ने भेजा है परवाना

बन्ने तुम सज के जाना

टीका भी लाना

बन्ने तुम सज के बारात लेके आना

बन्नो ने भेजा है परवाना

बन्ने तुम सज के जाना

जोड़ा भी लाना, कंगन भी लाना

बन्ने तुम सज के बारात लेके आना

 

 

27. दूल्हा वालो तुम न गाओ

तुम्हारे गाने पुराने

हम गाएं, तुम न गाओ

 

दूल्हा के खालू हैं, मोटे आलू

तेहरी में बिखरे पड़े हैं.

दूल्हा की बहने जो बन रही हैं.

मांगे के कपड़े हैं पहने

दूल्हा के भाई हैं, गंजे नाई

ज़ुल्फी लिए खड़े हैं.

दूल्हा की अम्मी हैं बहुत निकम्मी

बैठी हैं पान चबाए

दुल्हन की खाला है मिर्च मसाला

सिल पर कुटी पड़ी हैं.

 

दूल्हा वालो तुम न गाओ

तुम्हारे गाने पुराने

हम गाएं, तुम न गाओ

 

 

28. जबसे हुई है शादी,

आसू बहा रहा हूँ

आफत गले पड़ी है,

उसको निभा रहा हूँ

बीवी मिली है ऐसी

वो काम क्या करेगी

वो लक्स में नाहा कर

खुशबू में तर रहेगी

टुकड़े बचे हुए हैं

उनसे नाहा रहा हूँ

 

जबसे हुई है शादी,

आसू बहा रहा हूँ

आफ़त गले पड़ी है,

उसको निभा रहा हूँ

बारा बजे घड़ी में

मैडम जी सो रही है

बच्चों की फ़ौज आके

मेरी जान को रो रही है

बच्चों के बीच बैठा

खाना पका रहा हूँ

 

जबसे हुई है शादी,

आसू बहा रहा हूँ

आफ़त गले पड़ी है,

उसको निभा रहा हूँ

सोई हुई है पलंग पे

सर दर्द के बहाने

किसकी मजाल है जो

जाए उन्हे जगाने

यारों बुरा न मानो

मैं सर दबा रहा हूँ

 

जबसे हुई है शादी,

आसू बहा रहा हूँ

आफ़त गले पड़ी है,

उसको निभा रहा हूँ

दुनिया को है ये पता

बेग़म का हूँ मैं शौहर

इस घर का था मैं मालिक

अब बन गया हूँ नौकर

बिस्तर लगा रहा हूँ

चद्दर बिच्छा रहा हूँ

 

जबसे हुई है शादी,

आसू बहा रहा हूँ

आफ़त गले पड़ी है,

उसको निभा रहा हूँ

 

 

29. उठे सबके क़दम, तारा रमपमपम

मेरी अच्छी अच्छी नन्द

मेरी प्यारी प्यारी नन्द

कभी फैशन में आया करो

कभी लौंग, कभी नथ

कभी नथ, कभी लौंग

कभी नाक कटाया करो

 

उठे सबके क़दम, तारा रमपमपम

मेरी अच्छी अच्छी भाभी

मेरी प्यारी प्यारी भाभी

कभी फैशन में आया करो

कभी चोटी, कभी जुड़ा

कभी जुड़ा, कभी चोटी

कभी गंजी हो जाया करो

 

उठे सबके क़दम, तारा रमपमपम

मेरे अच्छे अच्छे जेठ

मेरे प्यारे प्यारे  जेठ

कभी फैशन में आया करो

कभी टाई, कभी कोट

कभी कोट, कभी टाई

कभी फांसी लगाया करो

 

उठे सबके क़दम, तारा रमपमपम

मेरे अच्छे अच्छे देवर

मेरे प्यारे प्यारे  देवर

कभी फैशन में आया करो

कभी powder, कभी क्रीम

कभी क्रीम, कभी powder

कभी चूना लगाया करो

उठे सबके क़दम, तारा रमपमपम