Cultures of Critical Writing on FilmInterview
Film criticism
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के.के. नैयर- ख्वाजा अहमद अब्बास साहब मैं हाज़िर हुआ हूँ आपके पास इस इरादे से की आप के फन,फन के ये सूरत, ये तहरीक, फिल्म साजी ये सब शामिल है उसमें और जो मोमताज मक़ाम आपने हासिल किया है न सिर्फ अदब में बल्कि जर्नलिज्म और फिल्मों में, तो आपकी जिंदगी आपके रात आपके फन के बारे में मालूमात हासिल करके…
in Interview
Subuhi Jiwani: What are your thoughts on film criticism as a practice?
Ashish Rajadhyaksha: Speaking autobiographically, one reason I didn’t get into the profession of reviewing (in the narrow sense) is that I have never been interested in the idea of evaluative criticism, where you try to do an…
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