धनकुल

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मुश्ताक खान
  गुरुमांय: वाचिक परम्परा की संवाहिकाएं   आमतौर पर पूजा अनुष्ठानों का संचालन एवं संबंधित कथागायन पुरुष पुजारियों एवं कथा वाचकों द्वारा संपन्न किया जाता है परन्तु महाराष्ट्र के वर्ली आदिवासियों , ओडिशा  और छत्तीसगढ़ के बस्तर के भतरा, परजा एवं हल्बा आदिवासियों के साथ-साथ अन्य गैर आदिवासी जातियों में…
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