लौह -शिल्प

Displaying 1 - 2 of 2
मुश्ताक खान
बस्तर के पारंपरिक लोह-शिल्प   यूंतो सारे बस्तर में ही लोहार फैले हुए हैं  किन्तु  कलात्मक सूझ-बूझ और तकनीकी कौशल की दृष्टि से कोंण्डागांव क्षेत्र के लोहार अत्यन्त उच्च श्रेणी में आते हैं । हालांकि लोक एवं आदिवासी कलाओं के व्यवसायिकरण ने बस्तर के लोहारों को भी प्रभावित किया है, और उनकी कला में…
in Article
मुश्ताक खान
  छत्तीसगढ़ में लोहे का काम करने वाले दो समुदाय पाए जाते हैं, लोहार और अगरिया। यद्यपि यह  दोनों  ही समुदाय लोहे से कृषि उपकरण एवं दैनिक जीवन में काम आनेवाली अनेकों वस्तुएं बनाते हैं परन्तु बस्तर के लोहारों ने लोहे से जो कलात्मक दीपक एवं अन्य सजावटी कलाकृतियां बनाने में दक्षता हासिल की है वह अद्वितीय…
in Module