दशहरा
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आकृति 1: दंतेश्वरी देवी
प्राचीन समय में बस्तर को चक्रकोट के नाम से तथा वर्तमान दंतेवाडा क्षेत्र को तरलापाल के नाम से जाना जाता था। चालुक्य राजवंश के काकतिय राजाओं ने आरंभ में बारसूर को अपनी राजधानी बनाया। कालांतर में उन्होने अपनी राजधानी दंतेवाड़ा स्थाानांतरित कर ली। काकतिय राजाओं के साथ उनकी…
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बस्तर का दशहरा और उस पर जगदलपुर में लगने वाला मेला, आदिवासियों का साल भर का सबसे बड़ा आकर्षण है । यह उत्सव बस्तर की संस्कृति, प्रशासनिक ढांचे , देवी - देवतों की महत्ता और उनके शक्तिसमर्थ्य क्रम को दर्शाने वाला आयोजन है जिसे शासक और शासित सभी पूरे हर्षोउल्हास से मनाते थे। बस्तर के काकतीय शासकों…
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