डॉ. भरत पटेल
छत्तीसगढ़ की संपन्न लोक संस्कृति में अनेक लोकनृत्य प्रचलित हैं। इन्हीं प्रचलित लोकनृत्यों में से एक है ‘करमा’ लोकनृत्य। छत्तीसगढ़ के बिलासुपर, रायपुर, दुर्ग, राजनांदगाँव, रायगढ़, सरगुजा, जशपुर तथा कोरिया, कवर्धा जैसे जिले में निवास करने वाली जनजातियों द्वारा करमा नृत्य किया जाता है।…
in Article
करमा पर्व, मध्यवर्ती भारत की जनजातियों द्वारा मनाया जाने वाला सर्वाधिक प्रिय लोकपर्व है। यह पर्व भाद्रपद षुक्ल पक्ष की एकादषी को मनाया जाता है। वर्तमान समय में ,इस अवसर पर कथावाचन एवं नृत्य-गीतों का आयोजन होता है। इस पर्व के अवसर पर किया जाने वाला नृत्य, करमा नृत्य एवं गीत करमा गीत…
in Module
यहाँ रेखा देवार करमा त्यौहार के परिचय के बाद ‘करम डार’ गीत प्रस्तुत कर रही हैं | यह विवरण पहले छत्तीसगढ़ी में तदुपरांत हिंदी में दिया गया है।
गुरूर ब्रम्हा गुरूर विष्णु गुरूर देवो महेश्वर: ...2
गुरूर साक्षत परब्रम्ह तस्मै श्री गुरूवे नम:
Chhattisgarhi (…
in Video
अजय कुमार चतुर्वेदी
सरगुजिहा लोक गीतों में वर्षा
मानव जीवन में ऋतुओं का विशेष महत्व है। उनमें एक है वर्षा ऋतु। वर्षा ऋतु को पावस ऋतु, बरखा ऋतु, बरसात ऋतु व जीवन दायिनी ऋतु के नाम से भी जाना जाता है। इस ऋतु में सभी प्रांत के लोग अपनी-अपनी स्थानीय बोलियों में वर्षा लोकगीतों का गायन करते हैं। सरगुजा अंचल की…
in Article
Riddhi Pandey
Traditional Karma Music of the Baiga Adivasis
Village Gaura Kanhari, Baigachak region, Dindori District, Madhya Pradesh
November 19, 2017
Kaun mahina mile aama amali re, kaun mahina mile jaana chaare
Aeho ram, kaun mahina mile jana chaare
Jeth mahina mile aama amali re, dasehra…
in Video