छत्तीसगढ़
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गुरुमांय: वाचिक परम्परा की संवाहिकाएं
आमतौर पर पूजा अनुष्ठानों का संचालन एवं संबंधित कथागायन पुरुष पुजारियों एवं कथा वाचकों द्वारा संपन्न किया जाता है परन्तु महाराष्ट्र के वर्ली आदिवासियों , ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बस्तर के भतरा, परजा एवं हल्बा आदिवासियों के साथ-साथ अन्य गैर…
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यह आलेख कोंडागांव के हरिहर वैष्णव एवं खेम वैष्णव से हुई चर्चा पर आधारित है
बस्तर की धार्मिक-सामाजिक मान्यताएं एवं रीति-रिवाज आदिवासी तथा गैर आदिवासी विश्वासों का एक जटिल मिश्रित रूप हैं। संभवतः यही कारण है कि यहाँ की अधिकांश प्रथाएं समुदायगत न होकर क्षेत्रीय स्वरुप रखती हैं…
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