Dalit literature

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Manash Firaq Bhattacharjee
Dr B.R. Ambedkar was one of the greatest Dalit leaders who not only wrote about caste but also led by example, converting to Buddhism on October 14, 1956. According to Ambedkar, the Dalits could not escape the caste system unless they abandoned Hinduism and became a part of 'another community which…
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Sunil Kumar
चित्र: राजा सलहेस की टेराकोटा मूर्तियां, रमा पंडित, दरभंगा, 2017 । फोटोग्राफर - सुनील कुमार    नेपाल की तरार्इ में स्थित महिसौथा गांव में दुसाध जाति के एक महात्मा थे। उनका नाम था वाक मुनि। वे 12 वर्ष की कठोर तपस्या में लीन थे। इसी दौरान इन्द्रलोक से मायावती नाम की एक अप्सरा फूल लोढ़ने के लिए…
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Sunil Kumar
चित्र: महेंद्र साव, सलहेस लोक-कलाकार, बेतौनहा, मधुबनी, 2016 । फोटोग्राफर - सुनील कुमार   मधुबनी के घोघरडीहा में देर रात तक चल रहे एक लोकनाट्य का दृश्य, मंच पर गर्व से लबरेज नायक के कई संवादों में से कुछ की बानगी:-   नायक का अपना परिचयात्मक संवाद -   हमरो जे घर यौ पंचन राज छै महिसौथा मे। हमरो जे नान…
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हसन इमाम
चित्र: सलहेस लोकगायक, बाजितपुर, दरभंगा टीम, 2016। चित्र - सुनील कुमार   इससे पूर्व कि मैं लोकगाथा राजा सलहेस की सामाजिक प्रासंगिकता के विषय पर विस्तार से चर्चा करूं, अपनी पृष्ठभूमि के बहाने राजा सलहेस नाच की थोड़ी चर्चा करना चाहूंगा। लोकगाथाओं से मेरा पहला परिचय बचपन में हआ। मैं पटना के सेंट जेवियर…
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Sunil Kumar
  चित्र: महेंद्र मलंगिया, रंगकर्मी व लोकनाट्य विशेषज्ञ, मधुबनी।    संस्कृति का भार वहन करते सलहेस कलाकार   महेंद्र मलंगिया रंगकर्मी व लोकनाट्य विशेषज्ञ, मधुबनी।    महेंद्र मलंगिया मिथिला के जाने-माने रंगकर्मी और लोकनाट्य विशेषज्ञ हैं। बिहार और नेपाल के लोकनाट्यों पर उन्होंने गंभीर शोध किये हैं और…
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Sunil Kumar
  चित्र: हसन इमाम, रंगकर्मी व लोकनाट्य विशेषज्ञ, पटना     लोकगाथा राजा सलहेस की सामाजिक प्रासंगिकता   हसन इमाम, वरिष्ठ रंगकर्मी व सलहेस लोकगाथा विशेषज्ञ, प्रेरणा, पटना।   मैंने अपने शोध में पाया कि बिहार के दलित समुदाय, खासकर दुसाधों और पासवानों में लोकदेवता के रूप में पूजे जाने वाले सलहेस की…
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Sunil Kumar
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Sunil Kumar
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Sunil Kumar
‘Raja Salhesh’ is one of the most popular folklores of Bihar with its representation in different art forms like folk painting, folk theatre or folk songs. The hero of the folklore, Raja Salhesh, is revered by the Dusadh caste as a god with magical powers. The first documentation, which is…
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Sunil Kumar
    सलहेस नाच को मैंने तीन रूपों में देखा है। पहला रूप जो एकदम क्रूड, एकदम विशुद्ध ग्राम्य परिवेश में ग्राम्य कलाकारों द्वारा अभिनीत जो मैंने देखा, वह नरहन में। नरहन समस्तीपुर जिला में पड़ता है। वहां यंग, यानी युवा सलहेस और युवती कुसमा-मालिन दोनों एकदम सामान्य ग्राम्य वेशभूषा में  एकसाथ अपना अभिनय…
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